Monday, September 28, 2020

दिल्ली सरकार के आदेश के बावजूद टॉप प्राइवेट स्कूल ने बढ़ाई फीस, पैरंट्स ने उठाए सवाल

नई दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली के टॉप प्राइवेट स्कूल के खिलाफ स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने मनमने ढंग से फीस बढ़ाने (Fee Hike) का आरोप लगाया है। अभिभावकों ने कहा है कि स्कूल के प्राधिकारियों ने फीस बढ़ा दी है, जो अगस्त से प्रभावी है जबकि दिल्ली सरकार के एक आदेश में स्कूल के फिर से खुलने तक ऐसी किसी बढ़ोतरी पर रोक लगायी गई है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे तब तक फीस नहीं बढ़ायें जब तक कोविड-19 के चलते बंद स्कूल फिर से नहीं खुलते। दिल्ली सरकार ने साथ ही यह भी कहा था कि स्कूल विकास के नाम पर अभिभावकों से किसी तरह की एनुअल फीस नहीं वसूली जाएगी।

अभिभावकों ने डीपीएस आर के पुरम के कदम के खिलाफ शिक्षा निदेशालय (डीओई) का रुख किया है और साथ ही उसकी दो शाखाओं के फीस ढांचे में असमानताओं का भी आरोप लगाया है। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने अभिभावकों को सूचित किया है कि उनकी चिंताओं को डीपीएस सोसाइटी के समक्ष उठाया गया है।

नई रसीदों पर अभिभावकों ने उठाए सवाल
एक अभिभावक ने बताया कि स्कूल वार्षिक या विकास शुल्क नहीं ले रहा है, लेकिन उन्होंने शिक्षण शुल्क में वृद्धि की है। नई रसीदों में कुछ संदिग्ध चीजें हैं जैसे परिचालन शुल्क और रखरखाव शुल्क। अभिभावक का कहना है कि जब स्कूल बंद हैं तो वे क्या रखरखाव कर रहे हैं? नौ हजार से अब हमें 13 हजार रुपये शिक्षण शुल्क ही भुगतान करना है। एक अन्य अभिभावक ने कहा कि उन्होंने इस पर चर्चा के लिए स्कूल प्रशासन से कई बार समय मांगा लेकिन कोई समय नहीं दिया गया। सारी फीस लॉकडाउन के दौरान नीचे आ गई थी जब दिल्ली सरकार ने आदेश दिया था कि इस दौरान केवल शिक्षण शुल्क ही लिया जा सकता है और अन्य फीस जैसे परिवहन शुल्क, खेल शुल्क आदि नहीं लिया जाना चाहिए।

पैरंट्स बोले- एक स्कूल की दो ब्रांच में अलग-अलग फीस स्ट्रकचर क्यों?
अभिभावक ने सवाल किया कि जब शिक्षण शुल्क अंतत: उसी स्तर पर बढ़ गई है जो हम लॉकडाउन से पहले देते थे तो रियायत क्या है? एक अन्य अभिभावक ने आरोप लगाया कि स्कूल की दो जूनियर शाखाएं हैं, एक वसंत कुंज और एक ईस्ट आफ कैलाश। एक ही स्कूल की दो शाखाओं में दो अलग-अलग फीस स्ट्रकचर कैसे हो सकता है। एकरूपता होनी चाहिए।

'स्कूल स्टूडेंट्स के लिए बंद टीचर तो आ रहे हैं'
वहीं डीपीएस के वकील पुनीत मित्तल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा फीस बढ़ोतरी की अनुमति नहीं देने को लेकर एक मामला अदालत के समक्ष लॉकडाउन लागू होने से पहले से लंबित है। उन्होंने कहा कि वार्षिक और विकास शुल्क के क्रियान्वयन के विवाद को भी अदालत में चुनौती दी गई है और मामला विचाराधीन है। स्कूल स्टूडेंट्स के लिए बंद हैं, परिचालन लागत समान है,टीचर दो घंटे काम कर रहे हैं और उन्हें वेतन दिया जाना है।

DPS के प्रिंसिपल बोले- कोर्ट में लंबित है मामला
डीपीएस आरके पुरम कार्यवाहक प्राचार्य पद्म श्रीनिवासन ने सोमवार को एक ईमेल में अभिभावकों को बताया कि यह सूचित किया जाता है कि फीस वृद्धि से संबंधित मामला डीपीएस सोसाइटी के समक्ष विचार के लिए रखा गया है। यह आपको अवगत कराने के लिए है कि मामला दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है और इस पर सुनवायी नौ अक्टूबर को निर्धारित की गई है। वहीं डीओई के अधिकारियों की ओर से इस मुद्दे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

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