दिल्ली सिख प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों सहित कई नेता अकाली दल को साथ लिए बगैर चुनाव मैदान में उतरने की वकालत करते रहे हैं। उनका कहना है कि आंतरिक लड़ाई की वजह से दिल्ली में शिअद बादल की स्थिति अब पहले जैसी मजबूत नहीं है।
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