Wednesday, August 12, 2020

नाबालिग रेप पीड़िता को मिली गर्भपात की इजाजत

नई दिल्ली
हाईकोर्ट ने एक नाबालिग रेप पीड़िता के 22 हफ्तों के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया था कि गर्भ जारी रखने से पीड़िता को मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं, जिसके बाद हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया।

हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ किया कि खून की जांच सामने आने के बाद पीड़िता के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा करने के बाद ही गर्भपात कराया जाएगा। हाई कोर्ट ने कहा कि गर्भपात की प्रक्रिया तभी शुरू की जा सकती है जब उसकी जांच के नतीजों में किसी अतिरिक्त खतरे की आशंका न हो।

हाई कोर्ट ने 16 वर्षीय रेप पीड़िता की याचिका पर यह फैसला सुनाया। जस्टिस विभू बाखरू ने पीड़िता और उसके पिता से विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की और इस बात का संज्ञान लिया कि लड़की अत्यंत तनाव में है और उसके पिता भी गर्भपात कराना चाहते हैं।

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