नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ सोमवार को संसद की तरफ मार्च निकालने वाली जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुछ छात्राओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि मार्च के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके प्राइवेट पार्ट्स पर मारा और उनके कपड़े व हिजाब फाड़ डाले। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि सोमवार को जामिया के स्टूडेंट्स और स्थानीय लोगों ने संसद की तरफ मार्च निकाला था जिन्हें बीच रास्ते पुलिस ने रोक दिया था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबरें सामने आई थीं। करीब 20 स्टूडेंट्स बुधवार को मीडिया के सामने आए और उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल के नजदीक रोक दिया गया, जब पुलिस ने उन्हें जूतों, डंडों ,रॉड और स्टील गियर से पीटा। इस दौरान करीब 23 लोगों को अल शिफा और अंसारी अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया।
ये स्टूडेंट्स अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। वहीं, प्रदर्शनकारी छात्राओं का आरोप है कि उनके निजी अंगों पर हमला किया गया, पुलिसकर्मी उनकी जांघों पर चढ़ गए और उनके हिजाब फाड़ डाले गए। बता दें कि जामिया के स्टूडेंट्स पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार और शनिवार को चुनावों के कारण प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया था।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ सोमवार को संसद की तरफ मार्च निकालने वाली जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुछ छात्राओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि मार्च के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके प्राइवेट पार्ट्स पर मारा और उनके कपड़े व हिजाब फाड़ डाले। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि सोमवार को जामिया के स्टूडेंट्स और स्थानीय लोगों ने संसद की तरफ मार्च निकाला था जिन्हें बीच रास्ते पुलिस ने रोक दिया था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबरें सामने आई थीं। करीब 20 स्टूडेंट्स बुधवार को मीडिया के सामने आए और उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल के नजदीक रोक दिया गया, जब पुलिस ने उन्हें जूतों, डंडों ,रॉड और स्टील गियर से पीटा। इस दौरान करीब 23 लोगों को अल शिफा और अंसारी अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया।
ये स्टूडेंट्स अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। वहीं, प्रदर्शनकारी छात्राओं का आरोप है कि उनके निजी अंगों पर हमला किया गया, पुलिसकर्मी उनकी जांघों पर चढ़ गए और उनके हिजाब फाड़ डाले गए। बता दें कि जामिया के स्टूडेंट्स पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार और शनिवार को चुनावों के कारण प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया था।
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