नई दिल्ली
'जमाने से हिंदू-मुस्लिम साथ रहते आ रहे हैं। कभी नहीं लगा कि हम एक-दूसरे से अलग हैं। खाना-पीना, त्योहार, खुशियां, गम सभी में एक-दूसरे के साथ शामिल होते हैं। पता नहीं क्यों एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं।' भागीरथी विहार के रहनेवाले सुनील जैन आज इतना कुछ बता पा रहे हैं, तो अपने मुस्लिम पड़ोसियों की वजह से। भीड़ तो उनकी गली में घुसकर जान लेने को आमादा थी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि जान लेने आए शैतानों को लौटना पड़ा।
वाकया भागीरथी विहार की गली नंबर-4 का है। मुस्तफाबाद रोड पर बसे इस इलाके में कई हिंदू परिवार रहते हैं। सुनील जैन ने बताया, सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने गली में घुसने की कोशिश की। हम खौफ में थे। तभी गली के रहनेवाले हासिम, डॉक्टर फरीद और इरफान सहित कई और मुस्लिम ढाल बनकर गली के मेन गेट पर खड़े हो गए। उन्होंने उपद्रवियों से कहा, इस गली में रहनेवाले हिंदुओं तक पहुंचने के लिए उन्हें उनकी लाश से गुजरना होगा।
पढ़ें- मुस्लिम पड़ोसी को आग से बचा लिया, खुद झुलस गए प्रेमकांत
यह सुनकर भीड़ में मौजूद शैतानों के हौसले ठंडे पड़ गए। हालांकि उपद्रवी गली के बाहर डटे रहे। गली के गेट को तोड़ डाला, लेकिन मकसद में कामयाब नहीं हो पाए। सुनील जैन ने कहा, अगर मुस्लिम उनकी मदद के लिए आगे नहीं आते, तो उनकी गली में रहने वाला कोई भी हिंदू परिवार आज जिंदा नहीं होता। कुछ ऐसा ही यमुना विहार इलाके में भी हुआ। नॉर्थ-ईस्ट के पॉश इलाकों में गिने जानेवाले यमुना विहार के 'सी-12' में रहने वाले दिनेश सिंह ने बताया कि वह डीटीसी में जॉब करते हैं। उनका ब्लॉक रोड नंबर-66 से सटा है।
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रोड के बराबर से बहने वाली ड्रेन नंबर-1 से कबीर नगर कॉलोनी सटी हुई है। उन्होंने बताया, सैकड़ों उपद्रवी रोड नंबर-66 पर पहुंच गए थे। उनमें से कुछ यहां बन रहे फुट ओवर ब्रिज पर चढ़ गए और यमुना विहार सी-12 के घरों पर पथराव शुरू कर दिया। लोगों ने बताया कि उपद्रवियों ने पथराव के साथ-साथ पेट्रोल बम से भी हमला किया। इससे उनके ब्लॉक में पार्किंग में खड़ी पांच कारें जल गईं। भीड़ कॉलोनी में घुसती, उससे पहले कॉलोनी के मुस्लिमों ने भीड़ को रोक दिया। हिंदू परिवारों को बचाने के लिए वह रातभर कॉलोनी के गेट पर डटे रहे।
'जमाने से हिंदू-मुस्लिम साथ रहते आ रहे हैं। कभी नहीं लगा कि हम एक-दूसरे से अलग हैं। खाना-पीना, त्योहार, खुशियां, गम सभी में एक-दूसरे के साथ शामिल होते हैं। पता नहीं क्यों एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं।' भागीरथी विहार के रहनेवाले सुनील जैन आज इतना कुछ बता पा रहे हैं, तो अपने मुस्लिम पड़ोसियों की वजह से। भीड़ तो उनकी गली में घुसकर जान लेने को आमादा थी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि जान लेने आए शैतानों को लौटना पड़ा।
वाकया भागीरथी विहार की गली नंबर-4 का है। मुस्तफाबाद रोड पर बसे इस इलाके में कई हिंदू परिवार रहते हैं। सुनील जैन ने बताया, सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने गली में घुसने की कोशिश की। हम खौफ में थे। तभी गली के रहनेवाले हासिम, डॉक्टर फरीद और इरफान सहित कई और मुस्लिम ढाल बनकर गली के मेन गेट पर खड़े हो गए। उन्होंने उपद्रवियों से कहा, इस गली में रहनेवाले हिंदुओं तक पहुंचने के लिए उन्हें उनकी लाश से गुजरना होगा।
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यह सुनकर भीड़ में मौजूद शैतानों के हौसले ठंडे पड़ गए। हालांकि उपद्रवी गली के बाहर डटे रहे। गली के गेट को तोड़ डाला, लेकिन मकसद में कामयाब नहीं हो पाए। सुनील जैन ने कहा, अगर मुस्लिम उनकी मदद के लिए आगे नहीं आते, तो उनकी गली में रहने वाला कोई भी हिंदू परिवार आज जिंदा नहीं होता। कुछ ऐसा ही यमुना विहार इलाके में भी हुआ। नॉर्थ-ईस्ट के पॉश इलाकों में गिने जानेवाले यमुना विहार के 'सी-12' में रहने वाले दिनेश सिंह ने बताया कि वह डीटीसी में जॉब करते हैं। उनका ब्लॉक रोड नंबर-66 से सटा है।
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