नई दिल्ली
'गार्गी कॉलेज में मॉलस्टेशन! जब हमने पूछा कि आपने हमें सुना क्यों नहीं? तो प्रिंसिपल ने कहा कि जेनरेशन गैप की वजह से हम आपकी बात समझ नहीं पाए। मगर अगर ऐसा है तो वो हमारे बीच क्यों हैं?' यह कहना था गार्गी कॉलेज की अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट का, जो उस दिन फेस्ट में हुई छेड़छाड़-बदतमीजी की गवाह बनीं। वह कहती हैं, गुंडागर्दी का सीन नजर आ रहा है और प्रशासन कह रहा है कि हम हैंडल कर लेंगे। यह मैनेजमेंट फेलियर है। अगर पिछले साल के फेस्ट की अफरातफरी से सीखा होता तो इस साल यह नहीं होता।
प्रिंसिपल से इस्तीफे की मांग
‘प्रिंसिपल मैम प्लीज रिजाइन’ इस तख्ती के साथ बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स अपने कॉलेज के मेन आर्क में इकट्ठा थीं। छेड़छाड़ के गुस्से से ज्यादा गुस्सा यह था कि प्रिंसिपल ने शिकायत सुनकर लड़कियों को ही सुना दिया। गार्गी की स्टूडेंट यशी कहती हैं, हमें बताया कि मैम ने कहा, फेस्ट में आते ही क्यों हो, अगर असुरक्षित महसूस करते हो। या फिर ‘तुम्हीं लोगों को ही फेस्ट चाहिए होते हैं। यह कैसी बात हुई। अगर सेफ नहीं महसूस करेंगे तो क्या बाहर निकलना भी छोड़ दें!
‘आज पुलिस अलर्ट, उस दिन क्या किया?’
गेट पर तैनात पुलिस वालों को देखकर गार्गी की सेकंड ईयर स्टूडेंट ईशा ने कहा, अभी पुलिस इतनी मुस्तैद है, उस दिन कहां थी। उनके कुछ जवान तो हमारे कॉलेज में थे ही ना। मगर मदद मांगने पर भी कुछ नहीं किया। पुलिस भी हमें जवाब दे। वहीं, मैथ्स ऑनर्स की स्टूडेंट कृति गोमा कहती हैं, यह छेड़छाड़ की घटनाएं 3 बजे के बाद शुरू हुई। अगर शुरुआत में ही एडमिनिस्ट्रेशन अलर्ट रहता, तो लड़कियां आज क्लासों में होतीं। कैंपस में आठ से 10 हजार लोगों की भीड़ हो गई थी।
‘ना आईडी चेक, ना पास’
कॉलेज की बीए फाइनल ईयर स्टूडेंट बताती हैं, मैंने खुद देखा लोग बाउंड्री वॉल की दीवार के तार काटकर अंदर घुसे हैं। एक गेट लड़कियों और एक गेट लड़कों के लिए था। मगर लड़के हर गेट से आने लगे। हौजखास फॉरेस्ट की तरफ वाली दीवार से, प्रिंसिपल के घर की तरफ से, गेट से, वे धड़ल्ले से आ रहे थे। नंबर इतना ज्यादा था कि सिक्योरिटी रोक ही नहीं पाई। एक और स्टूडेंट बताती हैं, एक लड़का अपना आईडी और पास दिखाने के लिए जेब से निकाल रहा था तो सिक्योरिटी ने खुद कहा, अब जिब इतने लोग बिना पास के आ गए हैं, तो तुम भी आ जाओ। यह हाल था।
कार की बोनेट पर बैठकर अंदर घुसे!
स्टूडेंट्स का कहना है कि ये लड़के पहले गेट फांदकर, बाउंड्री वॉल के तार हटाकर अंदर आए। फिर एक कार के लिए गेट खुला तो इन लोगों ने अपनी कारें ही अंदर घुसा दीं। एक स्टूडेंट बताती हैं, बोनेट पर लड़के चढ़कर आए। एक बस रुकी उससे भी कई स्टूडेंट्स बाहर निकले। बीए स्टूडेंट सुरभि ने बताया, जुबिन नौटियाल की परफॉर्मेंस थी और अचानक कुछ लोगों को हमने गेट फांदते हुए देखा। कुछ ही देर में माहौल ही अलग था। शराब पिए हुए लोग अंदर थे, वे सिगरेट पी रहे थे। कुछ तो कैंपस लॉन में ही वीड ले रहे थे। एक सेकंड ईयर स्टूडेंट बताती हैं, मैंने खुद देखा कि वे शर्ट के बटन खोलकर आ जा रहे थे। धक्के मार रहे थे। मुझे धक्के लगे। रिएक्ट किया, तो उन्होंने कुछ गंदा कमेंट किया और बाकी हंसने लगे। मेरी कुछ दोस्तों ने मुझे बताया कि 30-35 उम्र के ग्रुप ने गलत तरीके से छुटा, अश्लील इशारे भी किए।
बेचे गए पास?
कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि जुबिन नौटियाल के कंसर्ट के पास की वजह से भी दिक्कतें बढ़ी। दरअसल, प्रशासन ने कहा था कि एक पास पर स्टूडेंट अपने किसी मेल फ्रेंड को भी ला सकते हैं। मगर कुछ लड़कियों ने ये पास बेच दिए। गार्गी स्टूडेंट अस्वाकी राना कहती हैं, पास बेचना गलत है। आप जिस शख्स को पास दे रहे हैं, वह हमें नहीं पता कि कैसा शख्स हो, स्टूडेंट हो या बाहर का हो! ऐसा भी हो सकता है कि उस शख्स ने किसी और को पास बेच दिया हो, जो सही इंसान ना हो और अपने गैंग के साथ अंदर आ गया। एक और स्टूडेंट शेफाली कहती हैं, यह कुछ स्टूडेंट्स ने किया है, जिसकी वजह से दिक्कतें बढ़ी। हालांकि, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को पास की संख्या उतनी ही तो रखनी चाहिए जितनी कॉलेज में जगह हो। पिछले साल में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चलना मुश्किल हो गया।
नेटवर्क की दिक्कत?
स्टूडेंट्स का कहना है कि गार्गी कॉलेज में मोबाइल नेटवर्क नहीं रहता। गार्गी स्टूडेंट साक्षी कहती हैं, मैंने ही नहीं कई लड़कियों ने कई बार 100 नंबर लगाने की कोशिश की मगर नेटवर्क ही नहीं थे। कॉलेज के अंदर ज्यादा दिक्कत है, हालांकि बाहर कुछ सिग्नल आ जाते हैं। इस वजह से 6 फरवरी को पुलिस, स्टूडेंट यूनियन, टीचर्स को फोन नहीं मिल पाया। गार्गी स्टूडेंट राखी कहती हैं, कोई कहता है कि नेटवर्क प्रॉब्लम है। कई लोग बताते हैं कि यहां यहां जैमर लगे हैं क्योंकि सिरीफोर्ट एरिया इंस्टिट्यूशनल एरिया है।
'गार्गी कॉलेज में मॉलस्टेशन! जब हमने पूछा कि आपने हमें सुना क्यों नहीं? तो प्रिंसिपल ने कहा कि जेनरेशन गैप की वजह से हम आपकी बात समझ नहीं पाए। मगर अगर ऐसा है तो वो हमारे बीच क्यों हैं?' यह कहना था गार्गी कॉलेज की अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट का, जो उस दिन फेस्ट में हुई छेड़छाड़-बदतमीजी की गवाह बनीं। वह कहती हैं, गुंडागर्दी का सीन नजर आ रहा है और प्रशासन कह रहा है कि हम हैंडल कर लेंगे। यह मैनेजमेंट फेलियर है। अगर पिछले साल के फेस्ट की अफरातफरी से सीखा होता तो इस साल यह नहीं होता।
प्रिंसिपल से इस्तीफे की मांग
‘प्रिंसिपल मैम प्लीज रिजाइन’ इस तख्ती के साथ बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स अपने कॉलेज के मेन आर्क में इकट्ठा थीं। छेड़छाड़ के गुस्से से ज्यादा गुस्सा यह था कि प्रिंसिपल ने शिकायत सुनकर लड़कियों को ही सुना दिया। गार्गी की स्टूडेंट यशी कहती हैं, हमें बताया कि मैम ने कहा, फेस्ट में आते ही क्यों हो, अगर असुरक्षित महसूस करते हो। या फिर ‘तुम्हीं लोगों को ही फेस्ट चाहिए होते हैं। यह कैसी बात हुई। अगर सेफ नहीं महसूस करेंगे तो क्या बाहर निकलना भी छोड़ दें!
‘आज पुलिस अलर्ट, उस दिन क्या किया?’
गेट पर तैनात पुलिस वालों को देखकर गार्गी की सेकंड ईयर स्टूडेंट ईशा ने कहा, अभी पुलिस इतनी मुस्तैद है, उस दिन कहां थी। उनके कुछ जवान तो हमारे कॉलेज में थे ही ना। मगर मदद मांगने पर भी कुछ नहीं किया। पुलिस भी हमें जवाब दे। वहीं, मैथ्स ऑनर्स की स्टूडेंट कृति गोमा कहती हैं, यह छेड़छाड़ की घटनाएं 3 बजे के बाद शुरू हुई। अगर शुरुआत में ही एडमिनिस्ट्रेशन अलर्ट रहता, तो लड़कियां आज क्लासों में होतीं। कैंपस में आठ से 10 हजार लोगों की भीड़ हो गई थी।
‘ना आईडी चेक, ना पास’
कॉलेज की बीए फाइनल ईयर स्टूडेंट बताती हैं, मैंने खुद देखा लोग बाउंड्री वॉल की दीवार के तार काटकर अंदर घुसे हैं। एक गेट लड़कियों और एक गेट लड़कों के लिए था। मगर लड़के हर गेट से आने लगे। हौजखास फॉरेस्ट की तरफ वाली दीवार से, प्रिंसिपल के घर की तरफ से, गेट से, वे धड़ल्ले से आ रहे थे। नंबर इतना ज्यादा था कि सिक्योरिटी रोक ही नहीं पाई। एक और स्टूडेंट बताती हैं, एक लड़का अपना आईडी और पास दिखाने के लिए जेब से निकाल रहा था तो सिक्योरिटी ने खुद कहा, अब जिब इतने लोग बिना पास के आ गए हैं, तो तुम भी आ जाओ। यह हाल था।
कार की बोनेट पर बैठकर अंदर घुसे!
स्टूडेंट्स का कहना है कि ये लड़के पहले गेट फांदकर, बाउंड्री वॉल के तार हटाकर अंदर आए। फिर एक कार के लिए गेट खुला तो इन लोगों ने अपनी कारें ही अंदर घुसा दीं। एक स्टूडेंट बताती हैं, बोनेट पर लड़के चढ़कर आए। एक बस रुकी उससे भी कई स्टूडेंट्स बाहर निकले। बीए स्टूडेंट सुरभि ने बताया, जुबिन नौटियाल की परफॉर्मेंस थी और अचानक कुछ लोगों को हमने गेट फांदते हुए देखा। कुछ ही देर में माहौल ही अलग था। शराब पिए हुए लोग अंदर थे, वे सिगरेट पी रहे थे। कुछ तो कैंपस लॉन में ही वीड ले रहे थे। एक सेकंड ईयर स्टूडेंट बताती हैं, मैंने खुद देखा कि वे शर्ट के बटन खोलकर आ जा रहे थे। धक्के मार रहे थे। मुझे धक्के लगे। रिएक्ट किया, तो उन्होंने कुछ गंदा कमेंट किया और बाकी हंसने लगे। मेरी कुछ दोस्तों ने मुझे बताया कि 30-35 उम्र के ग्रुप ने गलत तरीके से छुटा, अश्लील इशारे भी किए।
बेचे गए पास?
कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि जुबिन नौटियाल के कंसर्ट के पास की वजह से भी दिक्कतें बढ़ी। दरअसल, प्रशासन ने कहा था कि एक पास पर स्टूडेंट अपने किसी मेल फ्रेंड को भी ला सकते हैं। मगर कुछ लड़कियों ने ये पास बेच दिए। गार्गी स्टूडेंट अस्वाकी राना कहती हैं, पास बेचना गलत है। आप जिस शख्स को पास दे रहे हैं, वह हमें नहीं पता कि कैसा शख्स हो, स्टूडेंट हो या बाहर का हो! ऐसा भी हो सकता है कि उस शख्स ने किसी और को पास बेच दिया हो, जो सही इंसान ना हो और अपने गैंग के साथ अंदर आ गया। एक और स्टूडेंट शेफाली कहती हैं, यह कुछ स्टूडेंट्स ने किया है, जिसकी वजह से दिक्कतें बढ़ी। हालांकि, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को पास की संख्या उतनी ही तो रखनी चाहिए जितनी कॉलेज में जगह हो। पिछले साल में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चलना मुश्किल हो गया।
नेटवर्क की दिक्कत?
स्टूडेंट्स का कहना है कि गार्गी कॉलेज में मोबाइल नेटवर्क नहीं रहता। गार्गी स्टूडेंट साक्षी कहती हैं, मैंने ही नहीं कई लड़कियों ने कई बार 100 नंबर लगाने की कोशिश की मगर नेटवर्क ही नहीं थे। कॉलेज के अंदर ज्यादा दिक्कत है, हालांकि बाहर कुछ सिग्नल आ जाते हैं। इस वजह से 6 फरवरी को पुलिस, स्टूडेंट यूनियन, टीचर्स को फोन नहीं मिल पाया। गार्गी स्टूडेंट राखी कहती हैं, कोई कहता है कि नेटवर्क प्रॉब्लम है। कई लोग बताते हैं कि यहां यहां जैमर लगे हैं क्योंकि सिरीफोर्ट एरिया इंस्टिट्यूशनल एरिया है।
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