नई दिल्ली
गार्गी कॉलेज में 6 फरवरी को एनुअल फेस्ट के दौरान बदमाश कॉलेज के अंदर अवैध रूप से घुसे थे। सीसीटीवी फुटेज में करीब 15 से 20 बदमाश दीवार फांदकर कॉलेज में घुसते दिखाई दे रहे हैं। सभी के चेहरे पहचान में आ रहे हैं। इन सभी की उम्र 25 से 40 साल के बीच लग रही है। इनकी हरकतें भी यहां लगे 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई हैं।
मामले में दिल्ली पुलिस पर भी यह आरोप लगाया गया है कि जब रविवार को ही यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था, तब भी साउथ दिल्ली पुलिस ने जांच कराना जरूरी नहीं समझा। सोमवार को जब मामला गरमाया, तो हौज खास थाने में आनन-फानन में एफआईआर दर्ज की गई। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है। पुलिस को जांच में कई अहम क्लू मिल रहे हैं। इससे छात्राओं द्वारा प्रिंसिपल से की गई बदमाशों के दीवार फांदकर कॉलेज के अंदर आने और छेड़छाड़ करने की शिकायत सच लग रही है।
इस बारे में साउथ दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर से यह पूछा गया कि छात्राओं ने इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल प्रोमिला कुमार से की थी, तो उन्होंने समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया? उलटा, उन्होंने जवाब दिया कि सीसीटीवी कैमरों में ऐसा कुछ नहीं मिला है। लेकिन अब जब सीसीटीवी कैमरों में कुछ बदमाश कॉलेज के अंदर कूदते हुए दिखाई दे रहे हैं, तो क्या प्रिंसिपल और कॉलेज प्रशासन के अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी? जवाब में डीसीपी ने कहा कि पुलिस जांच में जो भी बातें सामने आएंगी, उन सभी की तफ्तीश की जाएगी। जरूरी हुआ तो प्रशासन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
डीसीपी से यह भी पूछा गया कि फेस्ट के दौरान जब कॉलेज सिक्योरिटी के अलावा दिल्ली पुलिस के जवान भी अंदर थे और बाहर पीसीआर थी, तो भी बदमाश दीवार फांदकर अंदर घुसे। छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की। क्या इसे लापरवाही के रूप में देखा जा सकता है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है? जवाब में डीसीपी ने कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाहे वह कोई भी हो। अभी जांच शुरू की गई है। जांच में महिला इंस्पेक्टर प्रतिभा शर्मा को लगाया गया है। प्रतिभा शर्मा वही पुलिस अफसर हैं, जो निर्भया गैंगरेप के दौरान भी जांच में शामिल रहीं थीं।
पुलिस ने कब्जे में ली कैमरों की रिकॉर्डिंग
मामले की जांच में साउथ दिल्ली की अडिश्नल डीसीपी गीतांजलि खंडेलवाल को भी लगाया गया है। हौज खास थाने में आईपीसी की धारा-452, यानी बिना अनुमति के अंदर घुसना और चोट पहुंचाने की नीयत से हमले की तैयारी करना, आईपीसी की धारा-354 यानी छेड़छाड़, धारा-509 यानी महिलाओं को अश्लील कमेंट और इशारे करने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कैमरों की रिकॉर्डिंग अपने कब्जे में ले ली है।
जांच के दौरान कई बदमाशों के चेहरे साफ दिखाई दिए हैं। बताया जाता है कि पुलिस इनमें से कुछ ही पहचान करने के काफी करीब पहुंच गई है। महिला पुलिस अधिकारी उन छात्राओं से भी बात करेंगी, जिनके साथ छेड़छाड़ हुई। कॉलेज प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि उनका करीब 200 लोगों का स्टाफ भी फेस्ट के दौरान अंदर था। कमांडो, पुलिस और अन्य स्टाफ भी था। पुलिस इन सभी से भी पूछताछ करके पता लगाएगी कि आखिर वारदात के वक्त वह सब लोग कहां थे। उन्होंने क्या-क्या देखा?
गार्गी कॉलेज में 6 फरवरी को एनुअल फेस्ट के दौरान बदमाश कॉलेज के अंदर अवैध रूप से घुसे थे। सीसीटीवी फुटेज में करीब 15 से 20 बदमाश दीवार फांदकर कॉलेज में घुसते दिखाई दे रहे हैं। सभी के चेहरे पहचान में आ रहे हैं। इन सभी की उम्र 25 से 40 साल के बीच लग रही है। इनकी हरकतें भी यहां लगे 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई हैं।
मामले में दिल्ली पुलिस पर भी यह आरोप लगाया गया है कि जब रविवार को ही यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था, तब भी साउथ दिल्ली पुलिस ने जांच कराना जरूरी नहीं समझा। सोमवार को जब मामला गरमाया, तो हौज खास थाने में आनन-फानन में एफआईआर दर्ज की गई। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है। पुलिस को जांच में कई अहम क्लू मिल रहे हैं। इससे छात्राओं द्वारा प्रिंसिपल से की गई बदमाशों के दीवार फांदकर कॉलेज के अंदर आने और छेड़छाड़ करने की शिकायत सच लग रही है।
इस बारे में साउथ दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर से यह पूछा गया कि छात्राओं ने इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल प्रोमिला कुमार से की थी, तो उन्होंने समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया? उलटा, उन्होंने जवाब दिया कि सीसीटीवी कैमरों में ऐसा कुछ नहीं मिला है। लेकिन अब जब सीसीटीवी कैमरों में कुछ बदमाश कॉलेज के अंदर कूदते हुए दिखाई दे रहे हैं, तो क्या प्रिंसिपल और कॉलेज प्रशासन के अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी? जवाब में डीसीपी ने कहा कि पुलिस जांच में जो भी बातें सामने आएंगी, उन सभी की तफ्तीश की जाएगी। जरूरी हुआ तो प्रशासन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
डीसीपी से यह भी पूछा गया कि फेस्ट के दौरान जब कॉलेज सिक्योरिटी के अलावा दिल्ली पुलिस के जवान भी अंदर थे और बाहर पीसीआर थी, तो भी बदमाश दीवार फांदकर अंदर घुसे। छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की। क्या इसे लापरवाही के रूप में देखा जा सकता है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है? जवाब में डीसीपी ने कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाहे वह कोई भी हो। अभी जांच शुरू की गई है। जांच में महिला इंस्पेक्टर प्रतिभा शर्मा को लगाया गया है। प्रतिभा शर्मा वही पुलिस अफसर हैं, जो निर्भया गैंगरेप के दौरान भी जांच में शामिल रहीं थीं।
पुलिस ने कब्जे में ली कैमरों की रिकॉर्डिंग
मामले की जांच में साउथ दिल्ली की अडिश्नल डीसीपी गीतांजलि खंडेलवाल को भी लगाया गया है। हौज खास थाने में आईपीसी की धारा-452, यानी बिना अनुमति के अंदर घुसना और चोट पहुंचाने की नीयत से हमले की तैयारी करना, आईपीसी की धारा-354 यानी छेड़छाड़, धारा-509 यानी महिलाओं को अश्लील कमेंट और इशारे करने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कैमरों की रिकॉर्डिंग अपने कब्जे में ले ली है।
जांच के दौरान कई बदमाशों के चेहरे साफ दिखाई दिए हैं। बताया जाता है कि पुलिस इनमें से कुछ ही पहचान करने के काफी करीब पहुंच गई है। महिला पुलिस अधिकारी उन छात्राओं से भी बात करेंगी, जिनके साथ छेड़छाड़ हुई। कॉलेज प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि उनका करीब 200 लोगों का स्टाफ भी फेस्ट के दौरान अंदर था। कमांडो, पुलिस और अन्य स्टाफ भी था। पुलिस इन सभी से भी पूछताछ करके पता लगाएगी कि आखिर वारदात के वक्त वह सब लोग कहां थे। उन्होंने क्या-क्या देखा?
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