Sunday, February 9, 2020

गार्गी: किसी ने छुआ कोई करने लगा मास्टरबैट

नई दिल्ली
‘हमारे कॉलेज का एनुअल फेस्ट ही हमारे लिए खौफनाक बन गया। कैंपस में बाहर से लोग गेट फांदकर अंदर घुसे, कई मिडल एज लोग हमें हैरस कर रहे थे। कुछ ने तो मास्टरबैट तक किया।’ यह कहना है दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज की एक स्टूडेंट का, जो 6 फरवरी की शाम अपने कॉलेज फेस्ट रेवरी में जुबिन नौटियाल की परफॉर्मेंस के लिए पहुंची थीं। स्टूडेंट्स का कहना है कि फेस्ट में 3 बजे के बाद भीड़ बढ़ती चली गई और कई ऐसे लोग अंदर घुसे, जो बस लड़कियों को छेड़ने और परेशान करने के मकसद से घुसे थे।

एक स्टूडेंट बताती हैं, मैं और मेरी दोस्त प्रिंसिपल के पास गईं और मदद के लिए कहा। मगर उन्होंने कहा, इसी वजह से मैं फेस्ट ऑर्गनाइज करना पसंद नहीं करती। तुम्हीं लोगों को फेस्ट चाहिए होते हैं। हमने कहा, ऐसा नहीं है मैम! तो उन्होंने कहा, तो तुम आए क्यों? गो बैक! मैं अपने लेवल पर इस मामले को देख रही हूं। मगर प्रिंसिपल डॉ प्रोमिला कुमार ने इससे साफ इनकार कर कहा है कि उन्हें और उनकी फैकल्टी को इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली हैं। उन्होंने कहा, वे सोमवार को स्टूडेंट्स से खुद बात करेंगी।

बिना पास बेधड़क घुसे लोग

स्टूडेंट्स का आरोप है कि इस प्रोग्राम के लिए पास मिले थे, मगर कई लोग बिना पास के बेधड़क अंदर आए। 4 से 6 फरवरी तक यह फेस्ट लड़कियों के गार्गी कॉलेज में था। कुछ स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि सिर्फ आखिरी दिन ही नहीं, पहले दिन से ही मिसमैनेजमेंट नजर आया। 2019 में भी मिसमैनेजमेंट दिखा था।

रोने लगीं लड़कियां
बीए ऑनर्स की एक स्टूडेंट कहती हैं, एक ग्रुप नहीं था, अलग-अलग ग्रुप में थे वो। कुछ लोगों ने मुझे और मेरी दोस्त को गलत ढंग से छुआ। वे अश्लील इशारे कर रहे थे, मैं चिल्लाई तो वो हंसने लगे। स्टूडेंट्स का कहना है कि यह इतना खौफनाक था कि कुछ लड़कियां रो रही थीं, कुछ को पैनिक अटैक आ गया था। ये लोग कॉलेज का गेट फांदकर अंदर घुसे। पुलिस, कॉलेज सिक्यॉरिटी, बाउंसर्स… सब थे। मगर किसी ने मदद नहीं की।

'सिक्यॉरिटी की लापरवाही'
कॉलेज की एक और स्टूडेंट कहती हैं, भीड़ बढ़ती जा रही थी, मेन ग्राउंड में इस भीड़ को क्रॉस करने का भी मौका नहीं मिल पा रहा था। सिक्यॉरिटी ने न पास चेक किए, न स्टूडेंट्स आईडी। किसी भी गेट से किसी ने भी एंट्री ली। प्रशासन और सिक्यॉरिटी की इसी लापरवाही और बेफिक्री के बीच कई करीब 30 से 35 साल के पुरुष कॉलेज में घुसे।

'वो हमें छू रहे थे, धक्के मार रहे थे'
बीए थर्ड ईयर की एक स्टूडेंट बताती हैं, सैकड़ों लोग थे, क्राउड मैनेजमेंट था ही नहीं। इनमें से 200-300 लोग सिर्फ लड़कियों को परेशान करने पहुंचे थे। कई ने शर्ट के बटन खोले, तो कुछ ने शर्ट। कुछ ने मौका पाकर मास्टरबैट तक किया। एक-दो ने लड़कियों पर पैसे भी फेंक दिए। वो हमें गलत जगह छू रहे थे, धक्के मार रहे थे। अंदर पुलिस तैनात थी। हमने मदद मांगी मगर उन्होंने कुछ नहीं किया। इस वजह से कई लड़कियों ने 6 बजे के बाद निकलना शुरू किया। मैं खुद सह नहीं पाई और बाहर पहुंची, जहां एक पीसीआर वैन भी खड़ी थी।

'कुछ बदमाश वॉशरूम के बाहर तक पहुंचे'

गार्गी कॉलेज की एक थर्ड ईयर स्टूडेंट कहती हैं, मैंने कुछ लड़कियों को बदहवास सा देखा। दो लड़कियों को तो चक्कर आ गया। मैंने ये भी सुना कि कुछ बदमाश वॉशरूम के बाहर तक पहुंचे और बाहर से कुंडी लगा दी। लड़कियां घबराकर रो रही थीं। कुछ लोगों ने लड़कियों का पीछा किया, ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन तक, दूर रास्ते तक। 9 बजे के बाद कॉलेज की कई लड़कियां बाहर निकली। वह कहती हैं, गेट से चढ़कर मैंने कुछ लोगों को अंदर कूदते हुए देखा। स्टूडेंट्स का कहना है कि कुछ लड़कों ने भीड़ को संभालने के लिए लड़कियों की मदद भी की।

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