Sunday, February 9, 2020

निर्भया केस: पवन के पास बचे हैं अभी ये ऑप्शन

नई दिल्ली
निर्भया के गुनाहगारों को कब फांसी होगी यह सवाल अभी भी बना हुआ है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते दोषियों से कहा था कि वह एक हफ्ते में अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल कर लें। इसकी मियाद मंगलवार को पूरी हो रही है। ऐसे में मंगलवार से पहले इस मामले में पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी। क्यूरेटिव खारिज होने के बाद पवन की मर्सी पिटिशन का ऑप्शन होगा। बाकी सभी दोषियों की क्यूरेटिव और दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।

निर्भया के गुनाहगारों को अलग-अलग फांसी देने के लिए केंद्र सरकार की दलील पर सुप्रीम कोर्ट 11 फरवरी को सुनवाई करने वाला है। दोषियों की फांसी के अमल पर निचली अदालत ने रोक लगा दी थी और हाई कोर्ट ने भी उस फैसले को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट ने कहा था कि मुजरिम अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल हफ्ते भर में कर लें। उसकी मियाद 11 फरवरी को पूरी हो रही है। मुकेश, विनय और अक्षय की क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन खारिज हो चुकी है। पवन के पास ये दोनों कानूनी उपचार बाकी हैं।

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पवन के वकील एपी सिंह ने एनबीटी को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक पवन की ओर से अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल किया जाएगा। पवन की मुख्य मामले में रिव्यू पिटिशन 9 जुलाई 2018 को खारिज हुई थी। साथ ही पवन की दलील है कि वह घटना के समय नाबालिग था। ऐसे मे उसका मामला नाबालिग की तरह ट्रीट होना चाहिए। उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को खारिज कर दी थी। इसके बाद रिव्यू खारिज हो गई। पवन की ओर से पहले जूवनाइल मामले में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जानी है। वह अर्जी 11 फरवरी से पहले दाखिल की जाएगी। अगर यह अर्जी खारिज हो जाती है तो फिर पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी। अगर क्यूरेटिव खारिज होती है तब उसकी ओर से दया याचिका दायर की जाएगी।



कानूनी जानकार नवीन शर्मा बताते हैं कि दोनों क्यूरेटिव खारिज होने के बाद दया याचिका दायर की जाएगी। अन्य मुजरिमों की दया याचिका 3 से 4 दिन में आमतौर पर खारिज हुई है। ऐसे में अगर पवन की दया याचिका भी इसी समयसीमा में खारिज हो जाती है तो फिर शत्रुघ्न चौहान जजमेंट के मुताबिक दया याचिका खारिज होने और फांसी चढ़ाने की तारीख के बीच 14 दिन का वक्त मिलेगा। यानी दोनों क्यूरेटिव दाखिल होने के बाद उस पर सुनवाई होगी। अगर दोनों ही क्यूरेटिव खारिज हो जाती है फिर दया याचिका दायर की जाएगी। यानी दया याचिका दायर होने में अभी हफ्ते भर का वक्त लग सकता है। उसे भी अगर खारिज कर दिया जाए तो उसके 14 दिन बाद फांसी की तारीख मुकर्रर होगी। यानी फांसी तीन हफ्ते बाद ही हो पाएगी।

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