नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर दिल्ली में चुनाव न लड़ने का फैसला करने वाली शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने वापसी करते हुए बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। यह घोषणा बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल की मुलाकात के बाद की गई। अकाली दल ने कहा कि उनका गठबंधन कभी टूटा ही नहीं कुछ गलतफहमियां थीं जो अब दूर हो गई हैं।
अकाली चीफ सुखबीर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'अकाली-बीजेपी गठबंधन महज राजनीतिक गठबंधन नहीं है। यह भावनाओं, से जुड़ा है और पंजाब व देश की जनता की शांति, भविष्य व हित के लिए है। पहले कुछ गलतफहमिया थीं जो दूर हो गई हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमने कभी गठबंधन तोड़ा ही नहीं। हमने सिर्फ चुनाव अलग लड़ने का फैसला किया था। हम शुरुआत से ही नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे हैं। हमने राजनाथ सिंह और अमित शाह से मुलाकता कर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हुए सिखों को नागरिकता देने की मांग की थी।'
उधर, बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा, 'देश की देश की आवश्यकता पर अकाली दल हमेशा आगे आता रहा है और बीजेपी पा के साथ गठबंधन में शामिल होता रहा है। मैं अकाली दल का आभार जताता हूं जिसने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का निर्णय किया है।'
उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी को अकाली दल ने कहा था कि सीएए पर सहयोगी बीजेपी द्वारा उसका रुख बदलने के लिए कहे जाने के कारण वह अगले महीने होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेगी। अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि पार्टी की दिल्ली इकाई का वही स्टैंड है जो सुखबीर सिंह बादल का है। CAA में सभी धर्मों को शामिल करना चाहिए।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर दिल्ली में चुनाव न लड़ने का फैसला करने वाली शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने वापसी करते हुए बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। यह घोषणा बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल की मुलाकात के बाद की गई। अकाली दल ने कहा कि उनका गठबंधन कभी टूटा ही नहीं कुछ गलतफहमियां थीं जो अब दूर हो गई हैं।
अकाली चीफ सुखबीर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'अकाली-बीजेपी गठबंधन महज राजनीतिक गठबंधन नहीं है। यह भावनाओं, से जुड़ा है और पंजाब व देश की जनता की शांति, भविष्य व हित के लिए है। पहले कुछ गलतफहमिया थीं जो दूर हो गई हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमने कभी गठबंधन तोड़ा ही नहीं। हमने सिर्फ चुनाव अलग लड़ने का फैसला किया था। हम शुरुआत से ही नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे हैं। हमने राजनाथ सिंह और अमित शाह से मुलाकता कर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हुए सिखों को नागरिकता देने की मांग की थी।'
उधर, बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा, 'देश की देश की आवश्यकता पर अकाली दल हमेशा आगे आता रहा है और बीजेपी पा के साथ गठबंधन में शामिल होता रहा है। मैं अकाली दल का आभार जताता हूं जिसने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का निर्णय किया है।'
उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी को अकाली दल ने कहा था कि सीएए पर सहयोगी बीजेपी द्वारा उसका रुख बदलने के लिए कहे जाने के कारण वह अगले महीने होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेगी। अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि पार्टी की दिल्ली इकाई का वही स्टैंड है जो सुखबीर सिंह बादल का है। CAA में सभी धर्मों को शामिल करना चाहिए।
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