नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में दो सालों के दौरान फॉरेस्ट और ट्री कवर 1.27 प्रतिशत तक बढ़ गया है। 2017 में यह कवर 305.41 वर्ग किलोमीटर था, जो बढ़कर 324.44 वर्ग किलोमीटर हो गया है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट जारी की। अब राजधानी का कुल फॉरेस्ट और ग्रीन कवर 21.86 प्रतिशत हो गया है।
दिल्ली का 1483 वर्ग किलोमीटर जियॉग्राफिकल एरिया इसमें आ रहा है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्री कवर 2017 में 113 वर्ग किलोमीटर था जो अब बढ़कर 129 वर्ग किलोमीटर हो चुका है। इसी तरह फॉरेस्ट कवर भी 192.41 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 195.44 वर्ग किलोमीटर हो चुका है।
साउथ दिल्ली में सबसे अधिक 1.28 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर है। दूसरे नंबर पर 1.09 वर्ग किलोमीटर के साथ साउथ वेस्ट दिल्ली है। दिल्ली सरकार ने 2025 तक दिल्ली का ग्रीन एरिया 25 पर्सेंट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वन विभाग के अनुसार, ग्रीन कवर को 25 प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिल्ली को 6500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। दिल्ली में यमुना ओ-जोन में इस समय करीब 9000 हेक्टेयर जमीन है। इसके अलावा दिल्ली में खाली जगह नहीं है।
राजधानी दिल्ली में दो सालों के दौरान फॉरेस्ट और ट्री कवर 1.27 प्रतिशत तक बढ़ गया है। 2017 में यह कवर 305.41 वर्ग किलोमीटर था, जो बढ़कर 324.44 वर्ग किलोमीटर हो गया है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट जारी की। अब राजधानी का कुल फॉरेस्ट और ग्रीन कवर 21.86 प्रतिशत हो गया है।
दिल्ली का 1483 वर्ग किलोमीटर जियॉग्राफिकल एरिया इसमें आ रहा है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्री कवर 2017 में 113 वर्ग किलोमीटर था जो अब बढ़कर 129 वर्ग किलोमीटर हो चुका है। इसी तरह फॉरेस्ट कवर भी 192.41 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 195.44 वर्ग किलोमीटर हो चुका है।
साउथ दिल्ली में सबसे अधिक 1.28 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर है। दूसरे नंबर पर 1.09 वर्ग किलोमीटर के साथ साउथ वेस्ट दिल्ली है। दिल्ली सरकार ने 2025 तक दिल्ली का ग्रीन एरिया 25 पर्सेंट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वन विभाग के अनुसार, ग्रीन कवर को 25 प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिल्ली को 6500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। दिल्ली में यमुना ओ-जोन में इस समय करीब 9000 हेक्टेयर जमीन है। इसके अलावा दिल्ली में खाली जगह नहीं है।
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