नई दिल्ली
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में प्रदर्शन के बीच स्वामी विवेकानंद की मूर्ति से हुई छेड़छाड़ का अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विरोध किया है। प्रशासन की तरफ से रविवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घटना की निंदा की गई। उन्होंने भी पुलिस से मामले की शिकायत दर्ज करवाई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को 7 छात्रों के नाम भी दिए हैं, जिनपर इस घटना में शामिल होने का आरोप है। यह शिकायत जेएनयू के चीफ सिक्यॉरिटी ऑफिसर ने दर्ज करवाई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशासन की तरफ से कहा गया कि वह मूर्ति से छेड़छाड़ की निंदा करते हैं। प्रशासन का आरोप है कि ऐसा छात्रों द्वारा ही किया गया है। आगे कहा गया कि दोषी पाए जाने के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीचर्स की तरफ से कहा गया कि छात्र हर किसी चीज का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे हर किसी को सीधा वीसी से नहीं मिला सकते। इसका अपना प्रोटोकॉल होता है। हमने हॉस्टल्स के अध्यक्षों को मिलने बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने मीडिया के सामने ऐसे दिखाया जैसे वीसी नहीं मिल रहे।
बता दें कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था। इसी बीच 14 नवंबर को जेएनयू में कपड़े से ढकी विवेकानंद की मूर्ति के आसपास और कैंपस में कुछ जगह नारे लिखे मिले थे। विवेकानंद की मूर्ति के नीचे कुछ अपशब्द भी लिखे हुए थे। यह मूर्ति जनवरी में प्रशासन लाया था। अब तक इसका अनावरण नहीं किया गया है। उस दिन शाम को ही स्टूडेंट्स ने मूर्ति के आसपास लिखे शब्दों को साफ कर दिया था।
7 छात्रों की पहचान की गई है
जेएनयू प्रशासन की तरफ से दायर एफआईआर में कुल 7 छात्रों के नाम है। इनके खिलाफ प्रशासन ने कोई सबूत होने का भी दावा किया है। वहीं ऑल इंडिया स्टूडेंट असोसिएशन ने इस एफआईआर का विरोध किया है। बता दें कि मूर्ति से छेड़छाड़ के खिलाफ इससे पहले दो अन्य शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी हैं। इसमें पहली प्रफेसर बुद्धा सिंह (मूर्ति लगाने वाली कमिटी के चेयरमैन) और दूसरी भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा दर्ज करवाई गई थी।
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में प्रदर्शन के बीच स्वामी विवेकानंद की मूर्ति से हुई छेड़छाड़ का अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विरोध किया है। प्रशासन की तरफ से रविवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घटना की निंदा की गई। उन्होंने भी पुलिस से मामले की शिकायत दर्ज करवाई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को 7 छात्रों के नाम भी दिए हैं, जिनपर इस घटना में शामिल होने का आरोप है। यह शिकायत जेएनयू के चीफ सिक्यॉरिटी ऑफिसर ने दर्ज करवाई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशासन की तरफ से कहा गया कि वह मूर्ति से छेड़छाड़ की निंदा करते हैं। प्रशासन का आरोप है कि ऐसा छात्रों द्वारा ही किया गया है। आगे कहा गया कि दोषी पाए जाने के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीचर्स की तरफ से कहा गया कि छात्र हर किसी चीज का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे हर किसी को सीधा वीसी से नहीं मिला सकते। इसका अपना प्रोटोकॉल होता है। हमने हॉस्टल्स के अध्यक्षों को मिलने बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने मीडिया के सामने ऐसे दिखाया जैसे वीसी नहीं मिल रहे।
बता दें कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था। इसी बीच 14 नवंबर को जेएनयू में कपड़े से ढकी विवेकानंद की मूर्ति के आसपास और कैंपस में कुछ जगह नारे लिखे मिले थे। विवेकानंद की मूर्ति के नीचे कुछ अपशब्द भी लिखे हुए थे। यह मूर्ति जनवरी में प्रशासन लाया था। अब तक इसका अनावरण नहीं किया गया है। उस दिन शाम को ही स्टूडेंट्स ने मूर्ति के आसपास लिखे शब्दों को साफ कर दिया था।
7 छात्रों की पहचान की गई है
जेएनयू प्रशासन की तरफ से दायर एफआईआर में कुल 7 छात्रों के नाम है। इनके खिलाफ प्रशासन ने कोई सबूत होने का भी दावा किया है। वहीं ऑल इंडिया स्टूडेंट असोसिएशन ने इस एफआईआर का विरोध किया है। बता दें कि मूर्ति से छेड़छाड़ के खिलाफ इससे पहले दो अन्य शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी हैं। इसमें पहली प्रफेसर बुद्धा सिंह (मूर्ति लगाने वाली कमिटी के चेयरमैन) और दूसरी भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा दर्ज करवाई गई थी।
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