नई दिल्ली
राजधानी में डिप्लोमैट्स को भी खराब आबोहवा डराने लगी है। एक डिप्लोमैट ने दिल्ली पलूशन पर खुलकर अपनी राय सामने रखी। उन्होंने कहा कि शहर की खराब हवा उनके जीवन पर गंभीर रूप से प्रभाव डाल रही है।
भारत में डोमिनिकन गणराज्य के राजदूत फ्रैंक हंस डेनबर्ग कैस्टेलानोस ने दिल्ली की खराब हवा को लेकर चिंता जाहिर की। मीडिया से बातचीत में कैस्टेलानोस ने कहा कि भारत सरकार को पंजाब के किसानों के साथ मिलकर फसलों के बचे कचरे(पराली) को जलाने के मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ट्रैफिक के ऑड-इवेन स्कीम ने आंशिक तौर पर काम किया है।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी को प्रभावित कर रहा है। और इसका कोई कूटनीतिक समाधान नहीं है, न ही विदेश मंत्रालय इसको सुलझाने के लिए जिम्मेदार है। इसको शहर के लोगों और दिल्ली सरकार को मिलकर सुलझाना होगा, न कि विदेश मंत्रालय को। ऑड-इवेन स्कीम अच्छी शुरुआत है लेकिन पंजाब में किसानों के साथ फसलों को जलाने के मुद्दे पर मिलकर काम करना भी जरूरी है।
राजधानी में डिप्लोमैट्स को भी खराब आबोहवा डराने लगी है। एक डिप्लोमैट ने दिल्ली पलूशन पर खुलकर अपनी राय सामने रखी। उन्होंने कहा कि शहर की खराब हवा उनके जीवन पर गंभीर रूप से प्रभाव डाल रही है।
भारत में डोमिनिकन गणराज्य के राजदूत फ्रैंक हंस डेनबर्ग कैस्टेलानोस ने दिल्ली की खराब हवा को लेकर चिंता जाहिर की। मीडिया से बातचीत में कैस्टेलानोस ने कहा कि भारत सरकार को पंजाब के किसानों के साथ मिलकर फसलों के बचे कचरे(पराली) को जलाने के मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ट्रैफिक के ऑड-इवेन स्कीम ने आंशिक तौर पर काम किया है।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी को प्रभावित कर रहा है। और इसका कोई कूटनीतिक समाधान नहीं है, न ही विदेश मंत्रालय इसको सुलझाने के लिए जिम्मेदार है। इसको शहर के लोगों और दिल्ली सरकार को मिलकर सुलझाना होगा, न कि विदेश मंत्रालय को। ऑड-इवेन स्कीम अच्छी शुरुआत है लेकिन पंजाब में किसानों के साथ फसलों को जलाने के मुद्दे पर मिलकर काम करना भी जरूरी है।
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