नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली आज भी जहरीली धुंध की चादर में लिपटी है। तीसरे दिन स्मॉग के बीच प्रदूषण का स्तर बढ़कर गंभीर हो गया है। आज इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन है। इसका प्रमुख कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में पराली जलाया जाना रहा। मौसम से जुड़ी एजेंसी सफर के मुताबिक, पराली ने राजधानी की हवा को 35 पर्सेंट तक प्रदूषित किया। गुरुवार रात से हवाओं की गति में कुछ सुधार होगा, जिसके बाद स्थितियां सुधर सकती हैं।
सफर के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 427 दर्ज किया गया जोकि गंभीर स्तर है। नोएडा में यह 523 था। गुरुग्राम में 388 दर्ज किया गया जोकि बहुत खराब की श्रेणी में आता है।
निर्माण कार्य पर रोक की सीमा बढ़ी, स्कूलों में एक्टिविटी बंद
दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक की समयसीमा बढ़ा दी गई है। अब 2 नवंबर तक शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक निर्माण कार्य नहीं किए जा सकेंगे। अभी शाम 6 से सुबह 6 बजे तक रोक थी। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी बंद करने का निर्देश जारी किया है।
स्कूलों में बांटे जाएंगे मास्क, ऑफिस टाइमिंग पर विचार
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि शुक्रवार से स्कूलों में बच्चों को अच्छी क्वॉलिटी के 50 लाख एन-95 मास्क बांटे जाएंगे। हर बच्चे को दो मास्क मिलेंगे। 4 नवंबर से ऑड-ईवन के दौरान स्कूल बंद किए जाने की संभावना पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आगे प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए सरकार इस पर फैसला करेगी। सरकार ऑफिस टाइमिंग बदलने पर भी आज विचार करेगी।
हेल्थ इमर्जेंसी जैसे हालात
प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया। ऐसे में अब लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण की वजह से आंखों में लाली, गले और छाती में दर्द, चेहरे पर सूजन जैसी शिकायतें लोगों को हो रही हैं। दिल्ली में हालात पूरी तरह हेल्थ इमर्जेंसी के हो गए हैं।
5 लाख लोग जिम्मेदार: ईपीसीए चेयरमैन
ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल ने पहली बार दिल्ली के इस भयंकर प्रदूषण की वजह पूरी तरह पराली को माना है। अभी तक वह कहते आए थे कि पराली से अधिक नुकसान दिल्ली को उसके अपने कारण पहुंचा रहे हैं। बवाना, ओखला, एनसीआर में खुले में जल रहे इंडस्ट्री, रबर और प्लास्टिक वेस्ट को ही वह इस प्रदूषण की वजह मानते आए थे। एनबीटी से बातचीत में भूरे लाल ने कहा कि इस बार तो दिल्ली गैस चैंबर बनी है और जो स्मॉग दिल्ली एनसीआर पर छाया है उसकी वजह सिर्फ पराली है। स्थितियां अब तक पूरी तरह कंट्रोल में भी थीं। एजेंसियां पूरी तरह काम कर रही हैं। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने वाले 5 लाख लोग हैं लेकिन इन पांच लाख लोगों को वहां की राज्य सरकारें रोक नहीं पा रही हैं और उसकी वजह से दिल्ली एनसीआर के करोड़ों लोगों की सांसों पर आफत बन आई हैं।
राजधानी दिल्ली आज भी जहरीली धुंध की चादर में लिपटी है। तीसरे दिन स्मॉग के बीच प्रदूषण का स्तर बढ़कर गंभीर हो गया है। आज इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन है। इसका प्रमुख कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में पराली जलाया जाना रहा। मौसम से जुड़ी एजेंसी सफर के मुताबिक, पराली ने राजधानी की हवा को 35 पर्सेंट तक प्रदूषित किया। गुरुवार रात से हवाओं की गति में कुछ सुधार होगा, जिसके बाद स्थितियां सुधर सकती हैं।
सफर के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 427 दर्ज किया गया जोकि गंभीर स्तर है। नोएडा में यह 523 था। गुरुग्राम में 388 दर्ज किया गया जोकि बहुत खराब की श्रेणी में आता है।
निर्माण कार्य पर रोक की सीमा बढ़ी, स्कूलों में एक्टिविटी बंद
दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक की समयसीमा बढ़ा दी गई है। अब 2 नवंबर तक शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक निर्माण कार्य नहीं किए जा सकेंगे। अभी शाम 6 से सुबह 6 बजे तक रोक थी। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी बंद करने का निर्देश जारी किया है।
स्कूलों में बांटे जाएंगे मास्क, ऑफिस टाइमिंग पर विचार
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि शुक्रवार से स्कूलों में बच्चों को अच्छी क्वॉलिटी के 50 लाख एन-95 मास्क बांटे जाएंगे। हर बच्चे को दो मास्क मिलेंगे। 4 नवंबर से ऑड-ईवन के दौरान स्कूल बंद किए जाने की संभावना पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आगे प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए सरकार इस पर फैसला करेगी। सरकार ऑफिस टाइमिंग बदलने पर भी आज विचार करेगी।
हेल्थ इमर्जेंसी जैसे हालात
प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया। ऐसे में अब लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण की वजह से आंखों में लाली, गले और छाती में दर्द, चेहरे पर सूजन जैसी शिकायतें लोगों को हो रही हैं। दिल्ली में हालात पूरी तरह हेल्थ इमर्जेंसी के हो गए हैं।
5 लाख लोग जिम्मेदार: ईपीसीए चेयरमैन
ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल ने पहली बार दिल्ली के इस भयंकर प्रदूषण की वजह पूरी तरह पराली को माना है। अभी तक वह कहते आए थे कि पराली से अधिक नुकसान दिल्ली को उसके अपने कारण पहुंचा रहे हैं। बवाना, ओखला, एनसीआर में खुले में जल रहे इंडस्ट्री, रबर और प्लास्टिक वेस्ट को ही वह इस प्रदूषण की वजह मानते आए थे। एनबीटी से बातचीत में भूरे लाल ने कहा कि इस बार तो दिल्ली गैस चैंबर बनी है और जो स्मॉग दिल्ली एनसीआर पर छाया है उसकी वजह सिर्फ पराली है। स्थितियां अब तक पूरी तरह कंट्रोल में भी थीं। एजेंसियां पूरी तरह काम कर रही हैं। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने वाले 5 लाख लोग हैं लेकिन इन पांच लाख लोगों को वहां की राज्य सरकारें रोक नहीं पा रही हैं और उसकी वजह से दिल्ली एनसीआर के करोड़ों लोगों की सांसों पर आफत बन आई हैं।
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