नई दिल्ली
हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना शुरू हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 7 अक्टूबर से पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर में बढ़ने लगेगा। वहीं, 3 अक्टूबर से दिल्ली की हवा में धूल के कण बढ़ने की आशंका है। अभी दिल्ली की हवा संतोषजनक स्तर पर बनी हुई है।
सफर के पूर्वानुमान के अनुसार अभी तक दिल्ली में पूर्व की तरफ से हवाएं चल रही हैं। लेकिन अब यह कमजोर पड़ने वाली हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा और दिल्ली में हवा खराब होने लगेगी। हवाओं के इस रुख की वजह से मंगलवार तक प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर पर पहुंच सकता है। जबकि 3 अक्टूबर से हवाओं का रुख पूरी तरह पश्चिम की तरफ से हो जाएगा। इसके बाद हवा में धूल के कण बढ़ेंगे यह हवाएं प्रदूषित होती हैं। जिसकी वजह से प्रदूषण 3 अक्टूबर के बाद लगातार बढ़ेगा। इस दौरान बारिश की भी संभावना नहीं है।
सफर के अनुसार सेटेलाइट डेटा से पता चला है कि नॉर्थ इंडिया में पराली जलाना शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक इसका धुंआ दिल्ली-एनसीआर में नहीं पहुंचा है। इसकी बड़ी वजह ईस्ट की तरफ से चल रही हवाएं हैं। आने वाले दो-तीन दिनों तक भी पराली का धुंआ यहां नहीं पहुंचेगा। लेकिन उसके बाद दिल्ली की हवा प्रदूषित होने लगेगी। इसके अलावा 4 अक्टूबर को वेस्टर्न रीजन से धूल भरी हवाएं चलने की आशंका है। इसका असर भी प्रदूषण पर पड़ने का अनुमान है। हालांकि इन सब स्थितियों के बावजूद अभी प्रदूषण बहुत अधिक खराब नहीं होने वाला है।
सफर के मॉडल के अनुसार अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक प्रदूषण स्तर बहुत अधिक नहीं बढ़ेगा। इसकी वजह यही है कि मॉनसून के दौरान आने वाली ईस्ट की हवाएं कमजोर हो जाएंगी। इनका असर अगले एक हफ्ते तक बना रहेगा और यह पराली के धुएं को अभी बहुत अधिक दिल्ली-एनसीआर में नहीं आने देंगी। लेकिन 7 अक्टूबर से स्थितियां काफी बदल जाएंगी। मॉनसून के जाने की वजह से इस दौरान जमीनी सतह पर चलने वाली हवाएं काफी धीमी होंगी और यह नार्थ वेस्ट की तरफ से चलेंगी। जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ सकता है।
हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना शुरू हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 7 अक्टूबर से पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर में बढ़ने लगेगा। वहीं, 3 अक्टूबर से दिल्ली की हवा में धूल के कण बढ़ने की आशंका है। अभी दिल्ली की हवा संतोषजनक स्तर पर बनी हुई है।
सफर के पूर्वानुमान के अनुसार अभी तक दिल्ली में पूर्व की तरफ से हवाएं चल रही हैं। लेकिन अब यह कमजोर पड़ने वाली हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा और दिल्ली में हवा खराब होने लगेगी। हवाओं के इस रुख की वजह से मंगलवार तक प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर पर पहुंच सकता है। जबकि 3 अक्टूबर से हवाओं का रुख पूरी तरह पश्चिम की तरफ से हो जाएगा। इसके बाद हवा में धूल के कण बढ़ेंगे यह हवाएं प्रदूषित होती हैं। जिसकी वजह से प्रदूषण 3 अक्टूबर के बाद लगातार बढ़ेगा। इस दौरान बारिश की भी संभावना नहीं है।
सफर के अनुसार सेटेलाइट डेटा से पता चला है कि नॉर्थ इंडिया में पराली जलाना शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक इसका धुंआ दिल्ली-एनसीआर में नहीं पहुंचा है। इसकी बड़ी वजह ईस्ट की तरफ से चल रही हवाएं हैं। आने वाले दो-तीन दिनों तक भी पराली का धुंआ यहां नहीं पहुंचेगा। लेकिन उसके बाद दिल्ली की हवा प्रदूषित होने लगेगी। इसके अलावा 4 अक्टूबर को वेस्टर्न रीजन से धूल भरी हवाएं चलने की आशंका है। इसका असर भी प्रदूषण पर पड़ने का अनुमान है। हालांकि इन सब स्थितियों के बावजूद अभी प्रदूषण बहुत अधिक खराब नहीं होने वाला है।
सफर के मॉडल के अनुसार अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक प्रदूषण स्तर बहुत अधिक नहीं बढ़ेगा। इसकी वजह यही है कि मॉनसून के दौरान आने वाली ईस्ट की हवाएं कमजोर हो जाएंगी। इनका असर अगले एक हफ्ते तक बना रहेगा और यह पराली के धुएं को अभी बहुत अधिक दिल्ली-एनसीआर में नहीं आने देंगी। लेकिन 7 अक्टूबर से स्थितियां काफी बदल जाएंगी। मॉनसून के जाने की वजह से इस दौरान जमीनी सतह पर चलने वाली हवाएं काफी धीमी होंगी और यह नार्थ वेस्ट की तरफ से चलेंगी। जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ सकता है।
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