नई दिल्ली
2 अक्टूबर से 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल दिल्ली में पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का प्लान है। साउथ एमसीडी भंडारे में प्लास्टिक के इस्तेमाल करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एमसीडी अफसरों का कहना है कि कहीं भी अगर 50 से अधिक लोगों के लिए भंडारे का आयोजन करना है, तो एमसीडी से परमिशन लेनी होगी और भंडारे के बाद 100 मीटर के दायरे में सफाई भी करनी होगी। भंडारे में प्लास्टिक के ग्लास, प्लेट या दोने का इस्तेमाल नहीं करना है। अगर कहीं नियमों का उल्लंघन होते पाया जाता है तो एमसीडी आयोजकों पर एक लाख रुपये तक जुर्माना लगा सकती है।
साउथ एमसीडी अफसरों का कहना है कि दिल्ली में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए पिछले कई दिनों से अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी लोग प्लास्टिक यूज कम करने के लिए तैयार नहीं है। नवरात्रि के दौरान के दौरान तो बेखौफ होकर 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले ग्लास, प्लेट और दोने का इस्तेमाल कर रहे है और भंडारा खत्म होने के बाद रोड पर या दूसरे खाली जगहों पर फेंकते हैं। ऐसे में एमसीडी ने फैसला किया है कि साउथ एमसीडी एरिया के सेंट्रल, वेस्ट, साउथ या फिर नजफगढ़ जोन में कहीं भी नवरात्रि के दौरान 50 लोगों से अधिक के लिए भंडारे का आयोजन करना है, तो एमसीडी से परमिशन लेनी होगी।
परमिशन के लिए जोनल ऑफिस के डिप्टी कमिश्नर के पास आवेदन किया जा सकता है। लेकिन, भंडारे के लिए किसी के पास परमिशन नहीं है, तो उसके खिलाफ एमसीडी कार्रवाई करेगी। चिराग दिल्ली में रविवार भंडारे के आयोजन के दौरान प्लास्टिक के ग्लास यूज करने पर एमसीडी ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन, अब जुर्माना राशि और भी बढ़ाई जा सकती है। अफसरों का कहना है कि भंडारे या जनसभा के आयोजन के लिए परमिशन न लेने पर जुर्माना एक लाख तक भी लगाया जा सकता है।
डेम्स विभाग के अफसरों का कहना है कि जोन के सभी डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया गया है कि वे भंडारे की आयोजन पर नजर रखें और जहां प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी करें। हर जोन में ऐसे आयोजनों पर नजर रखने के लिए 10-10 टीमें बनाई गई है।
2 अक्टूबर से 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल दिल्ली में पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का प्लान है। साउथ एमसीडी भंडारे में प्लास्टिक के इस्तेमाल करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एमसीडी अफसरों का कहना है कि कहीं भी अगर 50 से अधिक लोगों के लिए भंडारे का आयोजन करना है, तो एमसीडी से परमिशन लेनी होगी और भंडारे के बाद 100 मीटर के दायरे में सफाई भी करनी होगी। भंडारे में प्लास्टिक के ग्लास, प्लेट या दोने का इस्तेमाल नहीं करना है। अगर कहीं नियमों का उल्लंघन होते पाया जाता है तो एमसीडी आयोजकों पर एक लाख रुपये तक जुर्माना लगा सकती है।
साउथ एमसीडी अफसरों का कहना है कि दिल्ली में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए पिछले कई दिनों से अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी लोग प्लास्टिक यूज कम करने के लिए तैयार नहीं है। नवरात्रि के दौरान के दौरान तो बेखौफ होकर 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले ग्लास, प्लेट और दोने का इस्तेमाल कर रहे है और भंडारा खत्म होने के बाद रोड पर या दूसरे खाली जगहों पर फेंकते हैं। ऐसे में एमसीडी ने फैसला किया है कि साउथ एमसीडी एरिया के सेंट्रल, वेस्ट, साउथ या फिर नजफगढ़ जोन में कहीं भी नवरात्रि के दौरान 50 लोगों से अधिक के लिए भंडारे का आयोजन करना है, तो एमसीडी से परमिशन लेनी होगी।
परमिशन के लिए जोनल ऑफिस के डिप्टी कमिश्नर के पास आवेदन किया जा सकता है। लेकिन, भंडारे के लिए किसी के पास परमिशन नहीं है, तो उसके खिलाफ एमसीडी कार्रवाई करेगी। चिराग दिल्ली में रविवार भंडारे के आयोजन के दौरान प्लास्टिक के ग्लास यूज करने पर एमसीडी ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन, अब जुर्माना राशि और भी बढ़ाई जा सकती है। अफसरों का कहना है कि भंडारे या जनसभा के आयोजन के लिए परमिशन न लेने पर जुर्माना एक लाख तक भी लगाया जा सकता है।
डेम्स विभाग के अफसरों का कहना है कि जोन के सभी डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया गया है कि वे भंडारे की आयोजन पर नजर रखें और जहां प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी करें। हर जोन में ऐसे आयोजनों पर नजर रखने के लिए 10-10 टीमें बनाई गई है।
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Read more: भंडारे में प्लास्टिक की इस्तेमाल तो 1 लाख तक जुर्माना