Tuesday, July 30, 2019

देख मनचले बदल लेते हैं रास्ता, मिलें लेडी सिंघम से

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की तमाम महिला पुलिसकर्मी अपने साहस और जज्बे के लिए मशहूर हैं। इनमें से ही एक हैं कॉन्स्टेबल जया यादव। जया पुलिस, समाज और अपने घरवालों के लिए अलग-अलग रोल में नजर आती हैं। वह जहां मनचलों पर आफत बनकर टूटती हैं, तो वहीं अपने पुरुष अफसरों के लिए भी ऐसी स्थिति में ढाल बनकर खड़ी होती हैं जहां पुरुष अफसरों को बाहरी महिलाओं द्वारा विभिन्न तरह के आरोप लगाने का डर रहता है या भीड़ के रूप में आई महिलाओं को समझाना होता है। यही नहीं, जया अपने परिवार के लिए भी रोल मॉडल हैं, जो सारे काम इतने सलीके से करती हैं कि सब इनके फैन हो जाते हैं।

सास ने बनाया दबंग
मूलरूप से यूपी की रहने वाली जया शादी के बाद हरियाणा में शिफ्ट हो गई थीं। करियर की शुरुआत में यह डयूटी तो करती थीं, लेकिन ऐसे रोल में फिट नहीं बैठी थीं। 5 फुट 6 इंच हाइट वाली जया को शादी के बाद दबंग बनाने में इनकी सास जगवती देवी का अहम रोल रहा। जया बताती हैं, 'मेरा भी बाइक से पट्रोलिंग करने का बहुत मन करता था। लेकिन बाइक चलाने की आदत नहीं थी। एक बार ऐसे ही मैंने अपनी सास से इसका जिक्र किया। तब सास ने ना केवल मुझे बाइक चलाने के लिए प्रेरित किया बल्कि दबंग बनकर ड्यूटी करने के लिए भी कई टिप्स दिए, ताकि मैं बदमाशों और मनचलों के छक्के छुड़ा सकूं।'

दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल जया की शुरुआत ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी से हुई थी। इसके बाद इन्होंने काफी लंबा वक्त पीसीआर में भी गुजारा। इसके बाद यह थानों में रहते हुए अब पिछले करीब दो साल से ख्याला थाने में तैनात हैं। वहां यह रिसेप्शन का काम भी संभालती हैं, लेकिन इन्हें फील्ड की ड्यूटी अच्छी लगती है। यह बाइक पर पेट्रोलिंग करते हुए इलाके में महिलाओं, खासतौर से लड़कियों में हिम्मत का भाव पैदा करना चाहती हैं ताकि महिलाएं यह न समझें कि वह किसी से कम हैं।

मनचलों को सिखाती हैं सबक
इसी के चलते कई बार जया मनचलों को भरी सड़क पर भी सबक सिखाने में पीछे नहीं रहतीं। कई मनचलों को थाने बुलाकर इस तरह से समझातीं हैं कि फिर वह इस गलत रास्ते को छोड़ने में ही अपनी भलाई समझते हैं। यह दबंग लेडी सिंघम आज अपने तमाम पुलिस अफसरों की गुड लिस्ट में है। भीड़ और महिलाओं को हैंडल करने की ड्यूटी में जया हमेशा सबसे आगे रहती हैं। इनकी जॉब के प्रति निष्ठा इतनी अधिक है कि यह घड़ी देखकर ड्यूटी नहीं करतीं, बल्कि उस वक्त तक ड्यूटी करती हैं जब तक डिपार्टमेंट को इनकी जरूरत होती है। यानी अगर लॉ ऐंड ऑर्डर की ऐसी कोई समस्या पैदा हो जाती है, जहां इनका डयूटी टाइम ऑफ होने के बाद जाना ठीक नहीं रहेगा, तब यह वहीं रहकर मसले को हैंडल करती हैं।

अब तक एक हजार से अधिक मनचलों को सबक सिखा चुकीं जया पिस्टल, एके-47 और एमपी-5 गन चलाने में भी दक्ष है। इनका निशाना एकदम सटीक है। साथ ही यह बैंडमिंटन की भी बेहतरीन प्लेयर हैं। डिपार्टमेंट की ओर से यह कई बार बैडमिंटन में अच्छा परफॉर्म कर चुकी हैं।

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