नई दिल्ली
परफॉर्मेंस के दबाव और पैरंट्स के गुस्से से बचने के लिए छात्रों की ओर से नीट और जेईई प्रवेश परीक्षा की फर्जी मार्कशीट बनाए जाने का मामला सामने आया है। नैशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन मामलों की पुलिस शिकायत करने का फैसला लिया है। दरअसल कई छात्रों ने पैरंट्स को अपने अधिक नंबर दिखाने के लिए मार्कशीट ही फर्जी तैयार कर ली और असली नतीजे की बजाय नकली दिखाया। यही नहीं इस पूरे फ्रॉड को छात्रों ने बेहद स्मार्ट तरीके से अंजाम दिया और परिजनों को अथॉरिटीज से शिकायत करने को राजी कर लिया।
करीब 30 छात्रों के पैरंट्स ने बच्चों पर भरोसा कर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को शिकायत भी कर दी। एजेंसियों ने इन मामलों की जब जांच की तो अपनी प्रक्रिया में किसी खामी की बजाय छात्रों की मार्कशीट को ही फर्जी पाया, जिसके आधार पर पैरंट्स ने अधिक नंबर का दावा किया था। अब ऐसे मामलों को एनटीए ने पुलिस को सौंपने का फैसला लिया है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को मिले दस्तावेजों के मुताबिक यह फ्रॉड बेहद स्मार्ट तरीके से किया गया। इसके चलते एनटीए को अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को एक बार फिर चेक करना पड़ा। एक मामले में कैंडिडेट ने तीन में से दो सेक्शंस का पर्सेंटाइल स्कोर ही चेंज कर लिया। इसके अलावा नीट में अपनी ओवरऑल रैंक को भी बदल डाला।
बच्चों की ओर से दिखाई गई मार्कशीट और NEET और JEE के असली रिजल्ट में अंतर देख पैरंट्स ने एचआरडी, स्वास्थ्य मंत्रालय और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को शिकायती मेल किए। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि एक ही छात्र को दो मार्कशीट कैसे जारी की गई हैं।
यूं एजेंसियों ने पकड़ी छात्रों की चालाकी
हालांकि छात्रों की यह चालाकी एजेंसियों ने बेहद आसानी से पकड़ ली। मानव संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'कैंडिडेट ने असली मार्कशीट के क्यूआर कोड को ही नकली तैयार शीट के लिए भी यूज किया था।' उन्होंने कहा, 'क्यूआर कोड की स्कैनिंग किया तो हम ऑनलाइन जारी किए गए रिजल्ट पर पहुंचे जो असली था और उसका क्यूआर कोड ही फर्जी अंक पत्र में भी था।' एक बार फिर से उसकी पुष्टि के लिए हमने आंसर बुक को फिर चेक किया और पता चला कि दूसरा रिजल्ट फेक है।
ओएमआर शीट में भी कर दी थी धांधली
कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें छात्रों ने ओएमआर आंसर शीट में ही बदलाव कर दिए। इनकी जांच किए जाने पर पता चला कि ऑनलाइन जारी ओएमआर शीट और उनकी ओर से शिकायत के साथ भेजी गई शीट में खासा अंतर है।
परफॉर्मेंस के दबाव और पैरंट्स के गुस्से से बचने के लिए छात्रों की ओर से नीट और जेईई प्रवेश परीक्षा की फर्जी मार्कशीट बनाए जाने का मामला सामने आया है। नैशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन मामलों की पुलिस शिकायत करने का फैसला लिया है। दरअसल कई छात्रों ने पैरंट्स को अपने अधिक नंबर दिखाने के लिए मार्कशीट ही फर्जी तैयार कर ली और असली नतीजे की बजाय नकली दिखाया। यही नहीं इस पूरे फ्रॉड को छात्रों ने बेहद स्मार्ट तरीके से अंजाम दिया और परिजनों को अथॉरिटीज से शिकायत करने को राजी कर लिया।
करीब 30 छात्रों के पैरंट्स ने बच्चों पर भरोसा कर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को शिकायत भी कर दी। एजेंसियों ने इन मामलों की जब जांच की तो अपनी प्रक्रिया में किसी खामी की बजाय छात्रों की मार्कशीट को ही फर्जी पाया, जिसके आधार पर पैरंट्स ने अधिक नंबर का दावा किया था। अब ऐसे मामलों को एनटीए ने पुलिस को सौंपने का फैसला लिया है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को मिले दस्तावेजों के मुताबिक यह फ्रॉड बेहद स्मार्ट तरीके से किया गया। इसके चलते एनटीए को अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को एक बार फिर चेक करना पड़ा। एक मामले में कैंडिडेट ने तीन में से दो सेक्शंस का पर्सेंटाइल स्कोर ही चेंज कर लिया। इसके अलावा नीट में अपनी ओवरऑल रैंक को भी बदल डाला।
बच्चों की ओर से दिखाई गई मार्कशीट और NEET और JEE के असली रिजल्ट में अंतर देख पैरंट्स ने एचआरडी, स्वास्थ्य मंत्रालय और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को शिकायती मेल किए। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि एक ही छात्र को दो मार्कशीट कैसे जारी की गई हैं।
यूं एजेंसियों ने पकड़ी छात्रों की चालाकी
हालांकि छात्रों की यह चालाकी एजेंसियों ने बेहद आसानी से पकड़ ली। मानव संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'कैंडिडेट ने असली मार्कशीट के क्यूआर कोड को ही नकली तैयार शीट के लिए भी यूज किया था।' उन्होंने कहा, 'क्यूआर कोड की स्कैनिंग किया तो हम ऑनलाइन जारी किए गए रिजल्ट पर पहुंचे जो असली था और उसका क्यूआर कोड ही फर्जी अंक पत्र में भी था।' एक बार फिर से उसकी पुष्टि के लिए हमने आंसर बुक को फिर चेक किया और पता चला कि दूसरा रिजल्ट फेक है।
ओएमआर शीट में भी कर दी थी धांधली
कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें छात्रों ने ओएमआर आंसर शीट में ही बदलाव कर दिए। इनकी जांच किए जाने पर पता चला कि ऑनलाइन जारी ओएमआर शीट और उनकी ओर से शिकायत के साथ भेजी गई शीट में खासा अंतर है।
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