नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में बंद हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बाद उनके बेटे अजय चौटाला के पास से मिले मोबाइल फोन मामले में पता लगा है कि यह फोन जेल के अंदर व्हीलचेयर में छिपाकर लाया गया था। जेल के अंदर ओमप्रकाश चौटाला व्हीलचेयर इस्तेमाल करते हैं। शक है कि जब वह मेडिकल चेकअप या फरलो आदि के तहत जेल से बाहर जाते हैं, तब इनकी व्हीलचेयर में मोबाइल फोन को छिपाया गया था। यह जांच का विषय है कि इसकी जानकारी ओमप्रकाश चौटाला को भी थी या नहीं? हालांकि तिहाड़ जेल के भरोसेमंद सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
मामले में बताया जाता है कि कुछ दिन पहले जब जेल नंबर-2 में ही बंद ओमप्रकाश चौटाला की सेल से भी एक मोबाइल फोन बरामद हुआ था, तब भी वह फोन व्हीलचेयर में ही छिपाकर लाया गया था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या उसी वक्त दो फोन जेल के अंदर लाए गए थे या दूसरा फोन बाद में लाया गया। मामले में यह भी बताया गया है कि एक बार जेल के अंदर छोटा हुक्का लाने की भी योजना बनाई गई थी लेकिन जेल के अंदर हुक्का लाने का रिस्क किसी ने नहीं उठाया। हालांकि जेल के अंदर काम करने वाले जेल के कई कर्मचारियों के बारे में पता लगा है कि वह ओमप्रकाश चौटाला और इनके बेटे अजय चौटाला का पूरी तरह से कहा मानते हैं।
पढ़ें: तिहाड़ में अजय चौटाला की सेल से बरामद हुआ मोबाइल, फरलो पर पड़ेगा असर!
बाप-बेटे ने तिहाड़ जेल में कई कर्मचारियों को तरह-तरह के लालच देकर अपनी ओर कर रखा है। इसमें किसी के बेटे-बेटी की नौकरी लगवाने तो किसी को विभिन्न तरह के ठेके दिलवाने जैसे लालच दिए जाते हैं। इससे जेल में काम करने वाले कई कर्मचारी इनके इशारों पर कुछ भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं। बताया गया है कि जेल में मोबाइल फोन चलाने की बात कई सेवादार और जेल स्टाफ को थी लेकिन किसी ने भी इस बात को जेल हेडक्वॉर्टर तक नहीं पहुंचाया।
शुक्रवार को किसी तरह यह बात तिहाड़ जेल के डीजी के कानों तक जा पहुंची। इसके बाद फ्लाइंग स्क्वॉड बनाकर जेल नंबर-2 में इनके सेल में छापा मारा गया था। जेल अधिकारियों का कहना है कि दोनों बाप-बेटे को हाई सिक्यॉरिटी सेल में नहीं शिफ्ट किया जा सकता। वहां इनके लिए अलग तरह के खतरे हो सकते हैं लेकिन अब जेल के अंदर इन दोनों के मिलने पर भी रोक लगाई जाएगी ताकि यह आपस में योजना बनाकर ऐसा कोई काम ना कर सकें जो जेल के नियमों के खिलाफ हो।
तिहाड़ की यह जेल नंबर-2 कई मायनों में बेहद संवेदनशील है। इसी जेल में अंडरवलर्ड डॉन छोटा राजन और अन्य खतरनाक कैदी भी बंद हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर इस जेल की ठीक से तलाशी ली जाए तो बहुत सारे मोबाइल फोन बरामद हो सकते हैं। यह भी बताया गया है कि कुछ दिन पहले मंडोली की जेल नंबर-12 में भी सर्च करने पर एक साथ 22 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।
तिहाड़ जेल में बंद हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बाद उनके बेटे अजय चौटाला के पास से मिले मोबाइल फोन मामले में पता लगा है कि यह फोन जेल के अंदर व्हीलचेयर में छिपाकर लाया गया था। जेल के अंदर ओमप्रकाश चौटाला व्हीलचेयर इस्तेमाल करते हैं। शक है कि जब वह मेडिकल चेकअप या फरलो आदि के तहत जेल से बाहर जाते हैं, तब इनकी व्हीलचेयर में मोबाइल फोन को छिपाया गया था। यह जांच का विषय है कि इसकी जानकारी ओमप्रकाश चौटाला को भी थी या नहीं? हालांकि तिहाड़ जेल के भरोसेमंद सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
मामले में बताया जाता है कि कुछ दिन पहले जब जेल नंबर-2 में ही बंद ओमप्रकाश चौटाला की सेल से भी एक मोबाइल फोन बरामद हुआ था, तब भी वह फोन व्हीलचेयर में ही छिपाकर लाया गया था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या उसी वक्त दो फोन जेल के अंदर लाए गए थे या दूसरा फोन बाद में लाया गया। मामले में यह भी बताया गया है कि एक बार जेल के अंदर छोटा हुक्का लाने की भी योजना बनाई गई थी लेकिन जेल के अंदर हुक्का लाने का रिस्क किसी ने नहीं उठाया। हालांकि जेल के अंदर काम करने वाले जेल के कई कर्मचारियों के बारे में पता लगा है कि वह ओमप्रकाश चौटाला और इनके बेटे अजय चौटाला का पूरी तरह से कहा मानते हैं।
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बाप-बेटे ने तिहाड़ जेल में कई कर्मचारियों को तरह-तरह के लालच देकर अपनी ओर कर रखा है। इसमें किसी के बेटे-बेटी की नौकरी लगवाने तो किसी को विभिन्न तरह के ठेके दिलवाने जैसे लालच दिए जाते हैं। इससे जेल में काम करने वाले कई कर्मचारी इनके इशारों पर कुछ भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं। बताया गया है कि जेल में मोबाइल फोन चलाने की बात कई सेवादार और जेल स्टाफ को थी लेकिन किसी ने भी इस बात को जेल हेडक्वॉर्टर तक नहीं पहुंचाया।
शुक्रवार को किसी तरह यह बात तिहाड़ जेल के डीजी के कानों तक जा पहुंची। इसके बाद फ्लाइंग स्क्वॉड बनाकर जेल नंबर-2 में इनके सेल में छापा मारा गया था। जेल अधिकारियों का कहना है कि दोनों बाप-बेटे को हाई सिक्यॉरिटी सेल में नहीं शिफ्ट किया जा सकता। वहां इनके लिए अलग तरह के खतरे हो सकते हैं लेकिन अब जेल के अंदर इन दोनों के मिलने पर भी रोक लगाई जाएगी ताकि यह आपस में योजना बनाकर ऐसा कोई काम ना कर सकें जो जेल के नियमों के खिलाफ हो।
तिहाड़ की यह जेल नंबर-2 कई मायनों में बेहद संवेदनशील है। इसी जेल में अंडरवलर्ड डॉन छोटा राजन और अन्य खतरनाक कैदी भी बंद हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर इस जेल की ठीक से तलाशी ली जाए तो बहुत सारे मोबाइल फोन बरामद हो सकते हैं। यह भी बताया गया है कि कुछ दिन पहले मंडोली की जेल नंबर-12 में भी सर्च करने पर एक साथ 22 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।
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