Saturday, May 25, 2019

सूरत हादसे से कोई सबक नहीं, जानें, NCR के कोचिंग क्लासेज का हाल

प्राची यादव/अजयदीप लाथेर,नई दिल्ली
सूरत के कोचिंग सेंटर में आग से 20 बच्चों की मौत के बाद एनबीटी टीम ने दिल्ली-एनसीआर के कई कोचिंग सेंटरों की पड़ताल की तो स्थिति बेहद भयवाह नजर आई। ज्यादातर सेंटरों में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं मिले। इतना ही नहीं आने-जाने के रास्ते बेहद संकरे दिखे। आपातकालीन निकासी तो दूर सीढ़ियां इतनी भी चौड़ी नहीं कि दो लोग साथ आ-जा सकें। ऐसे में यदि आगजनी हो जाए तो छात्रों का बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है। कल हमने दिल्ली में कोचिंग क्लासेज के हब माने जाने वाले लक्ष्मीनगर का सूरते-हाल दिखाया था और आज एनसीआर की तस्वीर पेश कर रहे हैं...

गुड़गांव
गुड़गांव में कई नामी कोचिंग क्लासेस चल रहे हैं लेकिन फायर सेफ्टी पर इनका ध्यान सबसे कम है। शहर के एक कोचिंग सेंटर ओल्ड डीएलएफ स्थित 'इंस्टिट्यूट ऑफ लर्निंग प्रफेशनल' फर्स्ट और सेकंड फ्लोर में संचालित किया जा रहा है। इसके अंदर जाने के लिए एक संकरी-सी सीढ़ियां ऊपर जाने के लिए थीं। इसके अलावा आने-जाने का कोई और रास्ता नहीं था। यहां भी कोई खिड़की आदि नहीं दिखी। इंस्टिट्यूट के काउंसर मनीष मिले, उन्होंने बताया कि संस्थान में फायर एनओसी नहीं है। इंजिनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कराने वाले एक और नामी इंस्टिट्यूट आकाश जिसकी देशभर में कई शाखाएं हैं। गुड़गांव में भी इसकी दो शाखाएं, जिनमें हजारों की संख्या में बच्चे कोचिंग लेने आते हैं। शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे हम ओल्ड दिल्ली रोड स्थित इंस्टिट्यूट पहुंचे। यह तीन मंजिला इमारत है।

सबसे पहले ब्रांच मैनेजर संगीता से बात की, उन्होंने पहले अनुमति की बात कहकर आधा घंटा अपने सीनियर्स से परमिशन लेने में लगाया। इस बीच इंस्टिट्यूट को सुव्यवस्थित किया गया। अनुमति मिलने के बाद एचआर हेड नीरू फायर सेफ्टी नियमों को दिखाने के लिए हमें लेकर गईं। ग्राउंड फ्लोर को छोड़कर बेसमेंट, फर्स्ट और सेकंड फ्लोर में क्लासेज लग रही हैं। यहां लिफ्ट नहीं थी। सीढ़ियां भी काफी संकरी थी। क्लासरूम में जाने के लिए कॉरिडोर भी काफी संकरा था। केवल 4 ही अग्निशमन यंत्र दिखे। यहां पर दो इमरजेंसी दरवाजे थे, लेकिन वहां की चाबी तलाशने में ही काफी वक्त लग गया। क्लासरूम में खिड़की या रोशनदान नहीं था। एचआर हेड ने बताया कि संस्थान के पास फायर एनओसी नहीं है, अभी एक महीने पहले ही अप्लाई किया है।




नोएडा
एनबीटी ने शहर में अवैध तरीके चल रहे कोचिंग सेंटरों का मुद्दा उठाया था। इसके बाद चीफ फायर ऑफिसर अरुण कुमार सिंह की अगुवाई में शनिवार को शहर में कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए अभियान चलाया गया तो सामने आया है कि अधिकतर के पास फायर एनओसी नहीं थी। फायर डिपार्टमेंट की जांच में सामने आया कि सेक्टर-4 इंडस्ट्रियल एरिया में किराये की बिल्डिंग में चल रहे विद्या मंदिर कोचिंग सेंटर में आग बुझाने के लिए ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर नहीं लगे थे। पानी के लिए लगाए गए लोहे के पाइप गल चुके हैं। पानी की बौछार करने वाले पाइप गायब हैं। धुआं निकालने के लिए वेंटिलेटर का कोई इंतजाम नहीं है। छत पर जाने के लिए सीढ़ियों की कोई व्यवस्था ही नहीं है। आने-जाने की सीढियां भी एक ओर हैं। पीछे ओपन रखे जाने वाले सेट बैक एरिया में अतिक्रमण करके वहां दो मंजिला कमरे बना दिए गए हैं। सेक्टर 15 नया बांस में चल रहे पैरामाउंट कोचिंग सेंटर की जांच में सामने आया है कि यहां एक ओर की सीढ़ियों को ताला लगाकर बंद किया गया है। दूसरी ओर की सीढ़ी पर वॉटर प्यूरेफायर और एसी रखे हुए हैं। सेंटर में वेंटिलेशन और अग्निशमन उपकरण का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसा ही हाल गुरुकुल इंस्टिट्यूट और फिटजी का भी पाया गया। सेक्टर 18 में आकाश इंस्टिट्यूट, कैरियर लॉन्चर और महिंद्रा कोचिंग इंस्टिट्यूट में भी दिखावे के लिए कुछ फायर सिलिंडर लटकते हुए पाए गए। वहां पर भी स्प्रिंकलर, पानी के पाइप, ओपन एरिया की खामी दिखाई दी।



गाजियाबाद
सूरत के तक्षशिला कोचिंग सेंटर हादसे के बाद शनिवार को फायर डिपार्टमेंट की टीम ने जिले के 23 कोचिंग सेंटर्स में जाकर फायर सिस्टम की जांच की। इनमें से अधिकतर जगह फायर सेफ्टी के उपकरण और अन्य साधन सही नहीं मिले। बता दें कि सूरत हादसे के बाद एनबीटी ने गाजियाबाद में चल रहे कोचिंग सेंटरों की कमियों को प्रमुखता से उठाया था। इसका संज्ञान लेते हुए फायर डिपार्टमेंट ऐक्शन में आया। एफएसओ सुशील यादव ने सभी को फटकार लगाई। उन्होंने बताया कि इस चेकिंग के बाद कोचिंग सेंटर्स में बच्चों की संख्या, बिल्डिंग का स्ट्रक्चर और फायर सेफ्टी के संसाधनों की लिस्ट बनाई गई है। यह रिपोर्ट सीएफओ को दी जाएगी।




फरीदाबाद
वहीं, फरीदाबाद में चल रहे एक भी कोचिंग सेंटर के पास फायर ब्रिगेड से जारी की जाने वाली एनओसी नहीं है। जिन बिल्डिंग में ये चल रहे हैं, उनकी एनओसी जरूर है, लेकिन इन्हें भी पार्ट एनओसी हासिल करनी होती है, जो आज तक किसी ने भी नहीं ली है। वहीं, फायर ब्रिगेड की मजबूरी है कि उन्हें किसी भी सेंटर को नोटिस तक जारी करने का अधिकार नहीं है। हरियाणा फायर सर्विसेज के नियमों के अनुसार, किसी भी व्यवसायिक बिल्डिंग में भले ही फायर फाइटिंग सिस्टम लगा हो और फायर ब्रिगेड से एनओसी भी हो, लेकिन इसमें कोई भी शोरूम, कोचिंग सेंटर या अन्य कारोबार चलाने वालों को भी पार्ट एनओसी लेनी होती है।



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