नई दिल्ली
कांग्रेस मान रही है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के परिणाम उसके अनुकूल नहीं रहे, लेकिन चुनाव में दूसरे नंबर पर आना उसके लिए संतोष की बात है। कांग्रेस का टारगेट अब विधानसभा चुनाव तो है ही, साथ ही वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कमजोर करने के लिए मेहनत करेगी। इसके तहत आप के उन विधायकों, नेताओं को वापस पार्टी में लाने के लिए मेहनत होगी, जो कांग्रेस से आप में गए थे। अध्यक्ष शीला दीक्षित भी मान रही हैं कि हम ऐसा समीकरण बनाएंगे कि आगामी चुनाव हमारे और बीजेपी के बीच ही रह जाए।
कांग्रेस नेता मानकर चल रहे थे कि इस चुनाव में पार्टी एक या दो सीटों पर अपना झंडा लहरा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उसके सातों प्रत्याशी हार गए लेकिन पार्टी के लिए संतोष की बात यह है कि वह लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत व अन्य मसलों पर दूसरे नंबर पर आ गई। सात में उसके पांच प्रत्याशी दूसरे नंबर पर आ गए, जबकि इस चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 22 से ऊपर आ गया , जबकि पिछले चुनाव में उसका वोट प्रतिशत करीब 15 प्रतिशत था। असल में कांग्रेस नेता इस बात से खुश हैं कि उसके वोट प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले निगमों के चुनाव में उसके वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ था।
कांग्रेस नेता इस बात से भी खुश हैं कि दिल्ली में उस पार्टी का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है, जिसने दिल्ली में उसे पूरी तरह डुबो दिया था, इसलिए अब आम आदमी पार्टी को टारगेट पर रख रही है कांग्रेस। पिछले लोकसभा चुनाव में आप को करीब 33 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में उसका यह प्रतिशत घटकर 18 पर आ गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने सुबह सांध्य टाइम्स से बातचीत में माना कि राजनीति में किसी प्रकार की संभावना पर यकीन नहीं किया जा सकता, लेकिन अब इतना जरूर है कि हम ऐसा समीकरण बनाएंगे जिससे आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच में हो। हमारी रणनीति है कि विधानसभा चुनाव में आप को पीछे धकेल दिया जाए।
सूत्र बताते हैं कि इस रणनीति पर काम चल रहा है। इसके तहत आप के उन विधायकों व नेताओं को वापस लाने के लिए मेहनत की जाएगी जो पहले कांग्रेस के ही नेता था। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए काम चल रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भी आप विधायकों ने कांग्रेस से संपर्क साधा था, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। संभावना है कि आगामी दिनों में मामला सिरे चढ़ जाए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र कोचर का तभी कहना है कि आम आदमी पार्टी और संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अपना जनाधार बिलकुल खो चुके हैं और दिल्ली की जनता ने अब आप को पूरी तरह नकारना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस मान रही है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के परिणाम उसके अनुकूल नहीं रहे, लेकिन चुनाव में दूसरे नंबर पर आना उसके लिए संतोष की बात है। कांग्रेस का टारगेट अब विधानसभा चुनाव तो है ही, साथ ही वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कमजोर करने के लिए मेहनत करेगी। इसके तहत आप के उन विधायकों, नेताओं को वापस पार्टी में लाने के लिए मेहनत होगी, जो कांग्रेस से आप में गए थे। अध्यक्ष शीला दीक्षित भी मान रही हैं कि हम ऐसा समीकरण बनाएंगे कि आगामी चुनाव हमारे और बीजेपी के बीच ही रह जाए।
कांग्रेस नेता मानकर चल रहे थे कि इस चुनाव में पार्टी एक या दो सीटों पर अपना झंडा लहरा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उसके सातों प्रत्याशी हार गए लेकिन पार्टी के लिए संतोष की बात यह है कि वह लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत व अन्य मसलों पर दूसरे नंबर पर आ गई। सात में उसके पांच प्रत्याशी दूसरे नंबर पर आ गए, जबकि इस चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 22 से ऊपर आ गया , जबकि पिछले चुनाव में उसका वोट प्रतिशत करीब 15 प्रतिशत था। असल में कांग्रेस नेता इस बात से खुश हैं कि उसके वोट प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले निगमों के चुनाव में उसके वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ था।
कांग्रेस नेता इस बात से भी खुश हैं कि दिल्ली में उस पार्टी का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है, जिसने दिल्ली में उसे पूरी तरह डुबो दिया था, इसलिए अब आम आदमी पार्टी को टारगेट पर रख रही है कांग्रेस। पिछले लोकसभा चुनाव में आप को करीब 33 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में उसका यह प्रतिशत घटकर 18 पर आ गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने सुबह सांध्य टाइम्स से बातचीत में माना कि राजनीति में किसी प्रकार की संभावना पर यकीन नहीं किया जा सकता, लेकिन अब इतना जरूर है कि हम ऐसा समीकरण बनाएंगे जिससे आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच में हो। हमारी रणनीति है कि विधानसभा चुनाव में आप को पीछे धकेल दिया जाए।
सूत्र बताते हैं कि इस रणनीति पर काम चल रहा है। इसके तहत आप के उन विधायकों व नेताओं को वापस लाने के लिए मेहनत की जाएगी जो पहले कांग्रेस के ही नेता था। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए काम चल रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भी आप विधायकों ने कांग्रेस से संपर्क साधा था, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। संभावना है कि आगामी दिनों में मामला सिरे चढ़ जाए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र कोचर का तभी कहना है कि आम आदमी पार्टी और संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अपना जनाधार बिलकुल खो चुके हैं और दिल्ली की जनता ने अब आप को पूरी तरह नकारना शुरू कर दिया है।
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