Wednesday, May 1, 2019

67% वोटर्स के लिए कैंडिडेट की जाति-धर्म अहम नहीं

नई दिल्ली
दिल्ली के 67% मतदाता मानते हैं कि चुनाव में किसी कैंडिडेट की जाति या धर्म उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। ऐसे ही कई तथ्य असोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के 2018 के सर्वे में सामने आए हैं। यह सर्वे आम चुनावों से पहले अक्टूबर और दिसंबर 2018 के बीच किया गया था। सर्वे दिल्ली में सभी सातों लोकसभा सीटों पर किया गया। इसमें 3500 लोगों को शामिल किया गया। इनमें 69% पुरुष और 31 फीसदी महिलाएं थीं। सर्वे में शामिल 99 फीसदी लोग शहरी थे और 77 फीसदी सामान्य वर्ग के थे। सर्वे में शामिल मतदाताओं में 17% एससी और 6 फीसदी ओबीसी वर्ग से थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में सरकार ने मतदाताओं की प्राथमिकताओं की उपेक्षा की है। ज्यादातर पर खराब से औसत से कम प्रदर्शन किया है।

दिल्ली के वोटर्स की 3 बड़ी प्राथमिकताएं

49.67% लोग ट्रैफिक की भीड़भाड़ को प्राथमिकता मानते हैं।
44.52% वोटर्स जल और वायु प्रदूषण को
43.07% वोटर्स रोजगार की बेहतर संभावना को आगे रखते हैं

इन क्षेत्रों में सरकार की परफॉर्मेंस


विषय स्कोर (5 में से)
ट्रैफिक की भीड़भाड़ पर : 2.27 (औसत से कम)
जल और वायु प्रदूषण पर : 2.29 (औसत से कम)
रोजगार की बेहतर संभावनओं पर : 2.29 (औसत से कम)

महिला सुरक्षा पर

- 41% दिल्ली के मतदाता महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा को चौथी मुख्य प्राथमिकता मानते हैं लेकिन इस दिशा में सरकार के कामकाज को उन्होंने 1.85 स्कोर दिया है, जोकि सबसे खराब है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर सबसे बेहतर रेटिंग
29% दिल्ली के वोटर्स ने बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता बताया है और इस दिशा में सरकार के काम को 5 में से 3.5 स्कोर दिया, जोकि औसत से ज्यादा है।

और क्या प्राथमिकताएं

26% दिल्ली के वोटर्स बेहतर लॉ एंड ऑर्डर और पुलिस को प्राथमिकता मानते हैं। इस पर दिल्ली सरकार के किए काम को उन्होंने औसत से कम बताया है।
27% दिल्ली के वोटर्स की प्राथमिकताओं में पीने का पानी है। इस दिशा में दिल्ली सरकार के किए काम को उन्होंने 3.06 स्कोर दिया है, जो औसत से अधिक है।
27% दिल्ली के वोटर्स बेहतर कूड़ा प्रबंधन को प्राथमिकता बताते हैं। इस विषय पर वोटर्स ने दिल्ली सरकार के काम को औसत से कम स्कोर दिया है।
27% वोटर्स नॉइज पल्यूशन को प्राथमिकता मानते हैं और इस दिशा में दिल्ली सरकार के काम को औसत से कम बताते हैं।
35% वोटर्स के लिए सड़कें प्राथमिकता हैं और उन्होंने इस फील्ड में सरकार के काम को औसत से बेहतर बताया है।


वोट देने से पहले?

- 84% दिल्ली के वोटर्स कहते हैं कि किसी कैंडिडेट को वोट देने से पहले वह खुद राय बनाते हैं।
- 7% दिल्ली के वोटर्स के लिए फैमिली की राय और 5% के लिए पति/पत्नी की राय मायने रखती है।

पैसे लेना सही?

- 94% दिल्ली के वोटर्स जानते हैं कि चुनाव में पैसा या गिफ्ट्स बांटना अवैध है।
- 8% ने माना कि चुनाव में शराब, पैसे या गिफ्ट्स लेकर उन्होंने वोट दिया।
- 19% ने माना कि उन्हें वोट के बदले शराब, पैसे या तोहफों की पेशकश की गई या उन्होंने ऐसे मामले देखे।

कैसा हो प्रत्याशी?

- 97% वोटर्स मानते हैं कि विधानसभा या संसद में ऐसे कैंडिडेट जीतकर नहीं आने चाहिए जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि हो।
- हालांकि 38% वोटर्स ने माना कि उन्होंने ऐसे कैंडिडेट्स को इसलिए वोट दिया, क्योंकि उन्होंने काफी पैसा खर्च किया।
- 62% ने कहा कि वह कैंडिडेट देखकर वोट करते हैं, 21% ने इसे अति महत्वपूर्ण बताया, जबकि 17% ने कहा कि कैंडिडेट उनके लिए मायने नहीं रखता।

जाति-धर्म कितना बड़ा फैक्टर?

- 67% वोटर्स मानते हैं कि कैंडिडेट का धर्म या जाति उनके लिए मायने नहीं रखता, लेकिन 26% के लिए यह महत्वपूर्ण और 7% के लिए अति महत्वपूर्ण बात है। - 51% वोटर्स पार्टी देखकर किसी प्रत्याशी को वोट देते हैं, 21% वोटर्स के लिए यह अति महत्वपूर्ण है, जबकि 28% के लिए पार्टी मायने नहीं रखती।

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