नई दिल्ली
अमृतसर निवासी और मशहूर सूफी सिंगर और नॉर्थ वेस्ट रिजर्व लोकसभा सीट के बीजेपी प्रत्याशी हंसराज ‘हंस’ दिल्ली की राजनीतिक फिजा से खासे गदगद हैं। वह इस बात से खुश हैं कि दिल्लीवाले अपनों की तरह उन्हें चाह रहे हैं और चुनाव लड़ने के लिए मोटी रकम भी दे रहे हैं, जबकि चुनाव में तो प्रत्याशी को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। वह मुख्यमंत्री केजरीवाल के बयानों से खासे आहत हैं। उनका कहना है कि वह हमारे ‘महबूब’ के दुश्मन हैं।
सूफी शायरी ‘हंस’ आजकल चुनाव की गहमागहमी में उलझे हैं। आजकल वह समर्थकों समेत अपनी लोकसभा का दौरा कर रहे हैं और लोगों से वोट देने की अपील कर रहे हैं। लोगों को अपनी बात समझाने के लिए वह सूफियाना लहजे में भी बात करते हैं और शायरी भी सुना देते हैं। बताते हैं कि वह जहां भी जा रहे हैं, लोग उन्हें सुनने आ रहे हैं।
गांववालों ने दिए 5 लाख
ऐसे ही प्रचार को लेकर हंस मुंडका गांव पहुंचे। गांव के चौधरी और नामी लोग भी उनसे मिलने को आए। वोटों को लेकर बात हुई। जब वह जाने लगे तो चौधरियों ने उन्हें एक थैली थमा दी। ‘हंस’ ने पूछा कि चौधरी साहब, क्या मसला है। उन्हें जवाब मिला कि 5 लाख रुपये की थैली है। प्रचार में खर्च करें और कामयाबी का परचम लहराएं।
रकम कर दी गांववालों को वापस
थैली पाकर वह खासे हैरान और खुश हो गए। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी को तो रकम खर्च करनी होती है, लेकिन यहां तो उन्हें उलटे रकम मिल रही है। उन्होंने पांच लाख की थैली वापस कर दी। दिल्ली के पूर्व मेयर और गांव के चौधरी आजाद सिंह के अनुसार ‘हंस’ ने कहा कि इस रकम को आप अपने गांव के विकास के लिए खर्च करो। वह जीते तो गांव के लिए और काम करेंगे।
बाद में हंस ने बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस आरोप पर खासी हैरानी जताई कि ‘हंस’ तो इस्लाम ग्रहण कर चुका है। उन्होंने सूफियाना लहजे में कहा कि यह बंदा बड़ा ही शैतान है, इसे तो हमारे महबूब (प्रधानमंत्री) को फॉलो करना चाहिए, जबकि यह तो उनका दुश्मन बना हुआ है।
अमृतसर निवासी और मशहूर सूफी सिंगर और नॉर्थ वेस्ट रिजर्व लोकसभा सीट के बीजेपी प्रत्याशी हंसराज ‘हंस’ दिल्ली की राजनीतिक फिजा से खासे गदगद हैं। वह इस बात से खुश हैं कि दिल्लीवाले अपनों की तरह उन्हें चाह रहे हैं और चुनाव लड़ने के लिए मोटी रकम भी दे रहे हैं, जबकि चुनाव में तो प्रत्याशी को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। वह मुख्यमंत्री केजरीवाल के बयानों से खासे आहत हैं। उनका कहना है कि वह हमारे ‘महबूब’ के दुश्मन हैं।
सूफी शायरी ‘हंस’ आजकल चुनाव की गहमागहमी में उलझे हैं। आजकल वह समर्थकों समेत अपनी लोकसभा का दौरा कर रहे हैं और लोगों से वोट देने की अपील कर रहे हैं। लोगों को अपनी बात समझाने के लिए वह सूफियाना लहजे में भी बात करते हैं और शायरी भी सुना देते हैं। बताते हैं कि वह जहां भी जा रहे हैं, लोग उन्हें सुनने आ रहे हैं।
गांववालों ने दिए 5 लाख
ऐसे ही प्रचार को लेकर हंस मुंडका गांव पहुंचे। गांव के चौधरी और नामी लोग भी उनसे मिलने को आए। वोटों को लेकर बात हुई। जब वह जाने लगे तो चौधरियों ने उन्हें एक थैली थमा दी। ‘हंस’ ने पूछा कि चौधरी साहब, क्या मसला है। उन्हें जवाब मिला कि 5 लाख रुपये की थैली है। प्रचार में खर्च करें और कामयाबी का परचम लहराएं।
रकम कर दी गांववालों को वापस
थैली पाकर वह खासे हैरान और खुश हो गए। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी को तो रकम खर्च करनी होती है, लेकिन यहां तो उन्हें उलटे रकम मिल रही है। उन्होंने पांच लाख की थैली वापस कर दी। दिल्ली के पूर्व मेयर और गांव के चौधरी आजाद सिंह के अनुसार ‘हंस’ ने कहा कि इस रकम को आप अपने गांव के विकास के लिए खर्च करो। वह जीते तो गांव के लिए और काम करेंगे।
बाद में हंस ने बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस आरोप पर खासी हैरानी जताई कि ‘हंस’ तो इस्लाम ग्रहण कर चुका है। उन्होंने सूफियाना लहजे में कहा कि यह बंदा बड़ा ही शैतान है, इसे तो हमारे महबूब (प्रधानमंत्री) को फॉलो करना चाहिए, जबकि यह तो उनका दुश्मन बना हुआ है।
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