Friday, March 29, 2019

दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के लिए DMRC कर रही तैयारी

नई दिल्ली
मेट्रो के फेज-4 में डीएमआरसी पहली बार एक ऐसी चुनौती का सामना करने जा रही है, जो अब तक उसके सामने नहीं आई थी। यह चुनौती है खर्चे कम करने, ज्यादा से ज्यादा बचत करने और फंड के अधिकतम और सर्वोत्तम इस्तेमाल की। इसे देखते हुए डीएमआरसी फेज-4 की लाइनों के निर्माण से लेकर उनके परिचालन तक में कुछ नए प्रयोग करने वाली है, ताकि कम खर्च में ज्यादा काम हो सके।

असल में दिल्ली मेट्रो के फेज-4 की तीन लाइनों को भले ही केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई हो, लेकिन इसके लिए डीएमआरसी ने सरकार के समक्ष फंडिंग का जो प्रस्ताव रखा था, उसमें सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं। इसके तहत प्रॉजेक्ट कॉस्ट में 10 से 15 प्रतिशत तक की कटौती गई है। उधर दिल्ली सरकार ने भी मेट्रो के ऑपरेशनल लॉस को आधा-आधा वहन करने की शर्त रखकर प्रस्ताव पास किया था। ऐसे में डीएमआरसी के सामने न केवल ऑपरेशनल लॉस कम रखने की चुनौती होगी, बल्कि नई लाइनों के निर्माण और परिचालन में खर्च को कम से कम रखने पर भी खासा जोर दिया जाएगा। इसके लिए डीएमआरसी कुछ उपायों पर विचार कर रही है।

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फेज-4 में DMRC नहीं खरीदेगी कोच

मेट्रो के अधिकारियों के अनुसार, फेज-4 में डीएमआरसी खुद नए कोच खरीदकर ट्रेनों का परिचालन करने के बजाय मेट्रो ट्रेनें लीज पर लेने और उन्हें चलाने वाले ऑपरेटर भी दूसरी कंपनियों से हायर करने पर विचार कर रही है। इससे मेंटनेंस पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा। इसी तरह मेट्रो स्टेशनों पर लगने वाली लिफ्ट, एस्केलेटर्स, फेयर कलेक्शन सिस्टम, टोकन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम समेत कुछ अन्य सेवाओं के लिए भी डीएमआरसी प्राइवेट कंपनियों के साथ काम करेगी, जिससे मैनपावर मैनेजमेंट में होने वाले खर्चों में कमी लाई जा सकेगी। डीएमआरसी पहले से ऑपरेशनल कुछ लाइनों पर भी प्राइवेट पार्टी से मैनपावर लेने के बारे में सोच रही है।

चेन्नै मेट्रो में सफलतापूर्वक चलरहा यह सिस्टम
मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक, चेन्नै मेट्रो में सफलतापूर्वक यह सिस्टम चल रहा है और दिल्ली मेट्रो में भी इसे लागू करने की तैयारी चल रही है। दिल्ली मेट्रो में ट्रेन ऑपरेटर्स की तरक्की का दायरा बेहद सीमित है, ऐसे में जब बाहर से दूसरे ऑपरेटर आ जाएंगे, तो वर्तमान ऑपरेटरों के लिए न केवल प्रमोशन का दायरा बढ़ जाएगा, बल्कि मेट्रो की दूसरी सेवाओं में उनके अनुभव का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा।

इसके अलावा डीएमआरसी आर्थिक बचत को सुनिश्चित करने के लिए फेज-4 के स्टेशनों की डिजाइंस में भी कुछ बदलाव करने के बारे में सोच रही है। इसके तहत स्टेशनों की लंबाई को कुछ कम रखा जा सकता है और स्टेशन एरिया को भी पहले के मुकाबले कुछ छोटा रखा जा सकता है।

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