Thursday, February 28, 2019

'सफाईकर्मियों को सीवर में उतरने की जरूरत नहीं'

नई दिल्ली

23 साल की प्रीति के पति की मौत पिछले साल लाजपत नगर में सीवर सफाई के दौरान हुई थी। इसके बाद से वह सिविल डिफेंस में नौकरी तो कर रही थी, लेकिन उसकी कमाई में उनके 2 और 3 साल के बच्चों का गुजारा नहीं हो पा रहा था। बच्चों के भविष्य को लेकर प्रीति काफी चिंतित थी। प्रीति के अनुसार, अब सरकार की मदद से मुझे सीवर सफाई की मशीन मिली है और मुझे पहली बार बच्चों का भविष्य बेहतर नजर आ रहा है। मुझे लग रहा है कि मैं उन्हें पढ़ा सकूंगी और उनकी बेहतर देखरेख कर सकूंगी।
इसी तरह शाहदरा के कॉन्ट्रैक्टर दीपक खेरीवाल उन लोगों में से हैं, जिन्हें आसान लोन पर सीवर सफाई की मशीन मिली है। दीपक का कहना है कि इससे हमें रोजगार मिल गया है और हमारी मुश्किलें कम होंगी। हम आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

पिछले एक साल से आ रही अड़चनें दूर हो गई हैं और अब डीजेबी ने छोटी गलियों में सीवर की सफाई के लिए 50 अत्याधुनिक मशीनें शामिल कर ली हैं। इन मशीनों से अब सीवर की सफाई तय समय पर होगी और जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। सीएम केजरीवाल ने कहा कि अबतक यह व्यवस्था न होने की वजह से शिकायत मिलने पर ही सीवर की सफाई करनी पड़ती थी। इसकी वजह से कई बार सीवर इस कदर जाम हो जाते थे कि सीवर लाइन ही बदलनी पड़ जाती थी। लेकिन इन मशीनों के आने के बाद समय-समय पर सीवर तय शेड्यूल पर साफ किए जाएंगे और सीवर जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी।

सीएम ने आगे कहा कि इन मशीनों के आने से सफाईकर्मियों को सीवर में उतरने की जरूरत नहीं रहेगी और उनका सम्मान बढ़ेगा। सीवर सफाई के दौरान होने वाली मौतें भी रुक जाएंगी। गुरुवार को आंबेडकर स्टेडियम में इन मशीनों को लॉन्च किया गया। इस तरह की 200 मशीनें डीजेबी में शामिल होंगी, जिनमें से 50 मशीनें आ चुकी हैं। अगर इसके बाद भी मशीनों की जरूरत रहती है तो उन्हें मंगवाया जाएगा।

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