Thursday, January 3, 2019

8 जनवरी को हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम

बल्लभगढ़
पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कराने और जनसेवा के विभागों के निजीकरण के खिलाफ हरियाणा रोडवेज कर्मचारी 8-9 जनवरी को एक बार फिर चक्का जाम करेंगे। इसकी तैयारी को लेकर हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमिटी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कमिटी के नेता जय सिंह गिल, जितेंद्र धनखड़ व सहकुल खान ने बताया कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करने और कर्मचारियों एवं यात्रियों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है। इसके विरोध में 8-9 जनवरी को चक्का जाम करने का प्रस्ताव पास किया गया है। राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व केन्द्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारियों के संघों ने किया। प्रदेश में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा सहित सभी कर्मचारी संगठन व मजदूर संगठन हड़ताल में शामिल रहेंगे।

जितेंद्र धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में रोजाना करीब 33 लाख यात्रा करते हैं। इसमें 1.93 लाख छात्र हैं। इसमें से भी करीब 73 हजार छात्राएं हैं। हरियाणा रोडवेज परिवहन विभाग के पास केवल 13 लाख यात्रियों के लिए ही करीब 4 हजार बसें हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या के हिसाब से 14 हजार नई बसें चाहिए। अगर 14 हजार सरकारी बस आएंगी तो करीब 84 हजार बेरोजगार युवाओं को स्थायी नौकरी और जनता को बेहतर परिवहन सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं। लेकिन प्रदेश की सरकार ऐसा करने के बजाय रोडवेज के बेड़े में 700 प्राइवेट बसों को किराए पर लेने पर आमादा है।

उधर, रोडवेज डिपो के जीएम विकास यादव का कहना है कि प्रदेश में एस्मा लगा हुआ है। अगर रोडवेज कर्मी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल होकर चक्का जाम करेंगे, तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। प्रशासन का प्रयास रहेगा कि रोडवेज की सभी बस हड़ताल के दिनों में ऑन रूट रहें। इसके लिए तैयारी की जा रही है।

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