आलोक एन मिश्रा, नई दिल्ली
लुटियन दिल्ली में मॉर्निंग वॉक के लिए लोगों का पसंदीदा स्थान लोदी गार्डन 1 जनवरी से हाई-टेक होने जा रहा है। जी हां, एनडीएमसी ने 100 विभिन्न प्रजाति के पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है ताकि वहां घूमने आने वाले लोगों को पेड़ों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। जैसे उसकी उम्र, वैज्ञानिक नाम, प्रचलित नाम, हाईट, चौड़ा, फूलों का रंग, फूल खिलने का मौसम, फल खिलने का मौसम, चिकित्सा और अन्य इस्तेमाल, ऑरिजन आदि। एनडीएमसी ने ऐसी व्यवस्था की है कि स्मार्टफोन पर विभिन्न मौसम में पेड़ों की ली गई 4 तस्वीरें नजर आएंगी जब उन्हें स्कैन किया जाएगा।
एनडीएमसी के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया, 'प्रकृति में लोगों की रुचि जगाने और उन्हें इसे बचाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में क्यू आर कोड इंस्टॉल किए जा रहे हैं। हम इसकी शुरुआत 100 पेड़ों से कर रहे हैं। इसके बाद एनडीएमसी इलाके के और पेड़ों को क्यू आर कोड से लैस किया जाएगा।'
यह परियोजना पर्यावरण और शहरी वानिकी को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में सरकार के प्रयास का महत्वपूर्ण कदम है। 90 एकड़ में फैले लोदी गार्डन में करीब 7000 से पेड़ों की प्रजातियां हैं और यहां हर दिन हजारों प्रकृति प्रेमी आते हैं। इन 100 पेड़ों को अध्ययन के बाद चुना गया है। यह तय किया गया है कि आने वाले लोगों का ध्यान खींचने के लिए सिर्फ अलग तरह के पेड़ों को ही सबसे पहले क्यू आर कोड से लैस किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया, '100 में से कुछ पेड़ 100 साल से अधिक पुराने हैं, जबकि करीब 20 की उम्र 50 साल से अधिक है।'
लुटियन दिल्ली में मॉर्निंग वॉक के लिए लोगों का पसंदीदा स्थान लोदी गार्डन 1 जनवरी से हाई-टेक होने जा रहा है। जी हां, एनडीएमसी ने 100 विभिन्न प्रजाति के पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है ताकि वहां घूमने आने वाले लोगों को पेड़ों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। जैसे उसकी उम्र, वैज्ञानिक नाम, प्रचलित नाम, हाईट, चौड़ा, फूलों का रंग, फूल खिलने का मौसम, फल खिलने का मौसम, चिकित्सा और अन्य इस्तेमाल, ऑरिजन आदि। एनडीएमसी ने ऐसी व्यवस्था की है कि स्मार्टफोन पर विभिन्न मौसम में पेड़ों की ली गई 4 तस्वीरें नजर आएंगी जब उन्हें स्कैन किया जाएगा।
एनडीएमसी के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया, 'प्रकृति में लोगों की रुचि जगाने और उन्हें इसे बचाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में क्यू आर कोड इंस्टॉल किए जा रहे हैं। हम इसकी शुरुआत 100 पेड़ों से कर रहे हैं। इसके बाद एनडीएमसी इलाके के और पेड़ों को क्यू आर कोड से लैस किया जाएगा।'
यह परियोजना पर्यावरण और शहरी वानिकी को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में सरकार के प्रयास का महत्वपूर्ण कदम है। 90 एकड़ में फैले लोदी गार्डन में करीब 7000 से पेड़ों की प्रजातियां हैं और यहां हर दिन हजारों प्रकृति प्रेमी आते हैं। इन 100 पेड़ों को अध्ययन के बाद चुना गया है। यह तय किया गया है कि आने वाले लोगों का ध्यान खींचने के लिए सिर्फ अलग तरह के पेड़ों को ही सबसे पहले क्यू आर कोड से लैस किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया, '100 में से कुछ पेड़ 100 साल से अधिक पुराने हैं, जबकि करीब 20 की उम्र 50 साल से अधिक है।'
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