Saturday, December 29, 2018

हत्या के लिए चलीं गोली, पुलिस ने कहा 'हवाई फायरिंग'

नई दिल्ली
बिजवासन के एक चौराहे पर कार सवार एक प्रॉपर्टी डीलर पर गोलियां दागी गईं। प्रॉपर्टी डीलर का कहना है कि दो बदमाशों ने उनके ऊपर कार के सामने से पहली गोली दागी, जो शीशा चीरते हुए उनके बगल से गुजरी। फिर साइड से दूसरी गोली दागी, जो शीशा तोड़कर उनके सिर के पास से गुजरी। उसके बाद वह कार को स्पीड में भगा ले गए। ये अलग बात है कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर भी उन्हें 'गोली' ही मिली।

विक्टिम का कहना है कि वह आरोपी को पहचानते हैं। वह आपराधिक प्रवृत्ति का युवक है। उनके रिश्तेदारों से रंजिश रखता है, इसलिए उन पर जानलेवा हमला किया। पुलिस ने एक संगीन अपराध को दबाने के लिए केस को हल्की धारा में दर्ज कर दिया, ताकि कागजों पर क्राइम कंट्रोल दिखा सकें। विक्टिम का कहना है कि मामला हत्या की कोशिश (धारा 307) का दर्ज होना चाहिए था, लेकिन कापसहेड़ा पुलिस ने आईपीसी की धारा 336 और आर्म्स ऐक्ट में केस दर्ज किया है। यह धारा दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाला कार्य किए जाने पर इस्तेमाल होती है। इसके तहत महज तीन महीने कैद या ढाई सौ रुपये जुर्माने का प्रावधान है। आमतौर पर पुलिस इस धारा के तहत हवाई फायरिंग के मामले दर्ज करती है। दूसरी ओर धारा 307 में उम्रकैद तक हो सकती है।

अभी जांच जारी है, नया सेक्शन भी जुड़ सकता है
इस बारे में डीसीपी (साउथ वेस्ट) देवेंद्र आर्य का कहना है कि पुलिस की जांच जारी है। शुरुआती तथ्यों के बिना पर धारा 336 और आर्म्स ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। दोनों पक्षों के बीच रंजिश रही है, इसलिए कुछ तथ्यों की पुष्टि की जा रही है। जरुरत पड़ने पर नया सेक्शन जुड़ सकता है।

घटनाक्रम
घटना गुड़गांव के पालम विहार निवासी सुरेंद्र कुमार के साथ हुई। उनकी उम्र 57 साल है। प्रॉपर्टी का बिजनस करते हैं। समालखा में उनका ऑफिस है। 27 दिसंबर की रात ऑफिस से अपनी महेंद्रा XUV500 से बिजवासन होते हुए पालम विहार की तरफ जा रहे थे। उनका कहना है कि वह करीब सवा 8 बजे बिजवासन के भभड़ चौक पर पहुंचे तो गाड़ी की स्पीड कम हो गई, तभी उनके गांव के एक युवक ने सामने से उनके ऊपर गोली दागी, जो शीशा चीरती हुई उनके बगल से निकली।

फिर हमलावर ने कार के साइड में आकर दूसरी गोली चलाई, जो शीशा तोड़ते हुए उनके सिर के ऊपर से गुजरी। उन्होंने उसी समय तेज रफ्तार में कार भगाई और घर पहुंचकर रुके। वहां से 100 नंबर कॉल की, जो हरियाणा पुलिस को मिली। हरियाणा पुलिस ने दिल्ली जाकर शिकायत करने को कहा। वह फिर रात में घटनास्थल पर पहुंचे और वहां से 100 नंबर कॉल की। पुलिस मौके पर पहुंची तो गोलियों के खाली खोल और बिखरा हुआ कांच मिला।

आरोप है कि पुलिस ने कागजों में क्राइम कंट्रोल दिखाने के लिए केस को जानबूझकर हल्की धारा में दर्ज किया। विक्टिम सुरेंद्र का आरोप है कि जिस युवक ने उनके ऊपर गोली चलाई, उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसने उनकी जान लेने के इरादे से हमला किया था। इसके बावजूद पुलिस ने केस सही धारा में दर्ज क्यों नहीं किया, उनकी समझ में नहीं आ रहा है।

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