अदालत ने कहा कि बच्चे समाज व राष्ट्र की महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। किसी भी राष्ट्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उस राष्ट्र में बच्चे किस माहौल में और कैसे विकसित हो रहे हैं।
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