नई दिल्ली
कड़ाके की ठंड में 80 साल के इनरू राम अब उम्र के इस पड़ाव पर खुले आसमान के नीचे आंसू बहा रहे हैं। क्योंकि इस वक्त वह पूरी तरह अकेले हो गए हैं। उनकी कोई औलाद नहीं है और पत्नी का भी अचानक देहांत हो गया। जीवन के अंतिम सफर में इनरू के बुढ़ापे की लाठी सिर्फ एक चाय की दुकान थी। आरोप है कि बिना कोई नोटिस दिए साउथ एमसीडी दस्ते ने उसे भी उजाड़कर तहस नहस कर दिया। इनरू का कहना है कि मालवीय नगर मार्केट कॉर्नर पर 40 साल से चाय की दुकान चला रहे हैं। उनका कहना है कि यही एक सहारा थी। वो भीख नहीं मांग सकते, पूरी जिंदगी मेहनत के बलबूते गुजारी है, अब सवाल है कि मैं कहां जाऊं!
आरोप है कि एक स्थानीय बिल्डर के दबाव में निगम ने सब कायदे कानूनों को ताक पर रख कर अचानक अमानवीय कार्रवाई की। स्थानीय पुलिस भी बुजुर्ग को धमकाते हुए भगाने पर आमादा है। चाय की दुकान अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है। पुलिस ने उन्हें धमकी दी जो सीसीटीवी कैमरों में कैद फुटेज हैं। आरोप है कि पुलिस वाले बुजुर्ग को गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं। बुजुर्ग ने रोजी रोटी छीने जाने पर दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। बुजुर्ग का आरोप है कि एक स्थानीय बिल्डर पहले भी उन्हें यह जगह छोड़ने की धमकी देता रहा है। इसकी कंप्लेंट भी सितंबर महीने में मालवीय नगर थाने में की थी।
सोमवार सुबह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इनरू राम की दुकान को ढहा दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बुजुर्ग को वैकल्पिक इंतजाम का मौका दिया जाना चाहिए था। कुछ लोग बुजुर्ग की रोजी रोटी उजड़ने पर अफसोस जाहिर करने पहुंचे तो पुलिस वालों ने उन पर भी प्रेशर बनाना शुरू कर दिया। चर्चा है कि बिल्डर की मिलीभगत से ये सब हुआ है। न तो कोई कंप्लेंट है। ना कोई बताने को तैयार कि आखिर इनरू की रोजी रोटी क्यों छीनी गई। जबकि बुजुर्ग की दुकान के ठीक सामने सड़क पार पहले से अतिक्रमण बताया जा रहा है।
कड़ाके की ठंड में 80 साल के इनरू राम अब उम्र के इस पड़ाव पर खुले आसमान के नीचे आंसू बहा रहे हैं। क्योंकि इस वक्त वह पूरी तरह अकेले हो गए हैं। उनकी कोई औलाद नहीं है और पत्नी का भी अचानक देहांत हो गया। जीवन के अंतिम सफर में इनरू के बुढ़ापे की लाठी सिर्फ एक चाय की दुकान थी। आरोप है कि बिना कोई नोटिस दिए साउथ एमसीडी दस्ते ने उसे भी उजाड़कर तहस नहस कर दिया। इनरू का कहना है कि मालवीय नगर मार्केट कॉर्नर पर 40 साल से चाय की दुकान चला रहे हैं। उनका कहना है कि यही एक सहारा थी। वो भीख नहीं मांग सकते, पूरी जिंदगी मेहनत के बलबूते गुजारी है, अब सवाल है कि मैं कहां जाऊं!
आरोप है कि एक स्थानीय बिल्डर के दबाव में निगम ने सब कायदे कानूनों को ताक पर रख कर अचानक अमानवीय कार्रवाई की। स्थानीय पुलिस भी बुजुर्ग को धमकाते हुए भगाने पर आमादा है। चाय की दुकान अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है। पुलिस ने उन्हें धमकी दी जो सीसीटीवी कैमरों में कैद फुटेज हैं। आरोप है कि पुलिस वाले बुजुर्ग को गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं। बुजुर्ग ने रोजी रोटी छीने जाने पर दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। बुजुर्ग का आरोप है कि एक स्थानीय बिल्डर पहले भी उन्हें यह जगह छोड़ने की धमकी देता रहा है। इसकी कंप्लेंट भी सितंबर महीने में मालवीय नगर थाने में की थी।
सोमवार सुबह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इनरू राम की दुकान को ढहा दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बुजुर्ग को वैकल्पिक इंतजाम का मौका दिया जाना चाहिए था। कुछ लोग बुजुर्ग की रोजी रोटी उजड़ने पर अफसोस जाहिर करने पहुंचे तो पुलिस वालों ने उन पर भी प्रेशर बनाना शुरू कर दिया। चर्चा है कि बिल्डर की मिलीभगत से ये सब हुआ है। न तो कोई कंप्लेंट है। ना कोई बताने को तैयार कि आखिर इनरू की रोजी रोटी क्यों छीनी गई। जबकि बुजुर्ग की दुकान के ठीक सामने सड़क पार पहले से अतिक्रमण बताया जा रहा है।
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