Thursday, November 1, 2018

पुलिसवालों सुन लो-अफसरों के घर न गिफ्ट ले जाना, न बुके!

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस के तमाम अधिकारियों और कर्मियों के लिए आदेश जारी हुआ है कि वह दीपावली के मौके पर सीनियर ऑफिसर्स के घर गिफ्ट और बुके ले जाना तो दूर, विश करने भी नहीं जाएंगे, अन्यथा आदेश के उल्लंघन का नतीजा भुगतना पड़ सकता है।

यह आदेश पढ़ने-सुनने में जितना सख्त लगता है, असल में उतना ही 'हवा-हवाई' साबित हो रहा है। इस सरकुलर (आदेश) की अहमियत वैसी ही बन चुकी है, जैसे सिगरेट के पैकेट पर यह चेतावनी लिखी होती है कि 'सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है'। दरअसल, यह सरकुलर पिछले कई सालों से दीपावली के मौके पर पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी हो रहा है, लेकिन हकीकत में दीपावली के आसपास दिल्ली पुलिस का एक बड़ा हिस्सा गिफ्ट के लेन-देन में ही सबसे ज्यादा 'व्यस्त' है।

बहुत से पुलिस अधिकारियों के लिए यह ऐसा मौका है कि जब वह अपना सर्विस रिकॉर्ड (एसीआर) 'सुधारने' से लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग की भूमिका बनानी शुरू करते हैं। कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के घर के बाहर गिफ्ट पहुंचाने वाली गाड़ियों का जमघट लगने लगता है। तमाम एसएचओ की गाड़ियां बाजारों से गिफ्ट, मिठाई और बुके भरती नजर आती हैं। यह गिफ्ट सिर्फ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक नहीं जाते, बल्कि उनके निर्देश पर वरिष्ठ प्रशासनिक व अन्य अधिकारियों तक भी पहुंचाए जाते हैं। यह जिम्मा खुद एसएचओ संभालते हैं। ये अलग बात है कि प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य प्रमुख पदों पर आसीन अधिकारियों तक एसएचओ के जरिए गिफ्ट पहुंचाने को महकमा 'लाइजनिंग' (संपर्क व्यवहार) का नाम देता है।

यहां साफ कर दें कि सभी पुलिस अधिकारी इस 'संपर्क व्यवहार' का हिस्सा नहीं हैं। कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तो ऐसे भी हैं, जो दिवाली तो क्या, आम दिनों में भी घर या ऑफिस में बुके, मिठाई या गिफ्ट स्वीकार नहीं करते। उनका स्टाफ गिफ्ट, बुके वगैरह बाहर ही रखवा लेते हैं, जाते समय उन्हें लौटा देते हैं।

निचले पदों पर कार्यरत पुलिसकर्मियों का कहना है कि जो अफसर गिफ्ट लेने-देने में विश्वास नहीं रखते, उनकी संख्या गिनती में है। बाकी पुलिस अधिकारी तो इस मौके के इंतजार में रहते हैं। गिफ्ट पहुंचाने को 'रवायत' बना चुके हैं। इस वजह से उनके मातहत काम करने वाले ईमानदार कर्मियों के लिए विचित्र स्थित खड़ी हो जाती है। यदि वह गिफ्ट देने-पहुंचाने से परहेज करते हैं तो अफसर की नजर में खटकने लगते हैं। इसलिए न चाहते हुए भी कुछ पुलिस अधिकारियों को उस रवायत को निभाना पड़ता है। इस गिफ्ट और बुके सिस्टम का सारा बोझ आखिर में बीट स्टाफ पर पड़ता है। वही सब कुछ मैनेज करवाते हैं।

इस बारे में पुलिस का पक्ष लेने के लिए दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता व आईपीएस मधुर वर्मा से संपर्क की कोशिश की गई। उन्हें कॉल किया। सरकुलर के बारे में डिटेल मैसेज भेजा, लेकिन वह न कॉल पर उपलब्ध हुए, न ही मैसेज का रिप्लाई किया। दूसरी ओर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह ऑफिसियल कोट तो नहीं दे सकेंगे, लेकिन दीपावली पर सीनियर ऑफिसर्स के घर गिफ्ट व बुके नहीं पहुंचाने के सरकुलर का असर जरूर पड़ रहा है। पिछले कुछ सालों में गिफ्ट व बुके पहुंचाने में काफी कमी आयी है। जब उनसे पूछा गया कि क्या कभी गिफ्ट या बुके पहुंचाने पर किसी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई हुई है, इस पर उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा मामला कभी नहीं आया।

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