नई दिल्ली
दिल्ली घनी आबादी वाले सावित्री नगर इलाके में 16वीं सदी के एक मकबरे का अब मेक-ओवर करने का फैसला किया गया है। दिल्ली सरकार का पुरातत्व विभाग इसका मेक-ओवर करेगा और इसे सुरक्षा प्रदान करेगा।
किसी को नहीं पता कि इस मकबरे में किसे दफ्नाया गया था, लेकिन पुरातत्वेत्ताओं का मानना है कि यह लोदी शासन से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि यह 1507 में बनाया गया था। मकबरे के अंदर गोदाम बना दिया गया है। दिल्ली सरकार इसका संरक्षण करना चाहती है औ इसे दिल्ली ऑर्कियोलॉजी ऐक्ट, 2010 के तहत अपने अधीन लाना चाहती है।
एक अधिकारी ने बताया, 'यह दिल्ली सरकार के फेज-5 और इंटैक दिल्ली चैप्टर के संरक्षण प्लान के अंदर अधिकृत किया जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत 19 इमारतें हैं और कुछ सप्ताह के भीतर काम शुरू किया जाएगा।' चिह्नित किए गए अधिकांश स्मारक की पुनरुद्धार में चुनौतियां आएंगी क्योंकि ये दूरवर्ती और घनी आबादी वाले इलाके में बसे हुए हैं।
दिल्ली घनी आबादी वाले सावित्री नगर इलाके में 16वीं सदी के एक मकबरे का अब मेक-ओवर करने का फैसला किया गया है। दिल्ली सरकार का पुरातत्व विभाग इसका मेक-ओवर करेगा और इसे सुरक्षा प्रदान करेगा।
किसी को नहीं पता कि इस मकबरे में किसे दफ्नाया गया था, लेकिन पुरातत्वेत्ताओं का मानना है कि यह लोदी शासन से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि यह 1507 में बनाया गया था। मकबरे के अंदर गोदाम बना दिया गया है। दिल्ली सरकार इसका संरक्षण करना चाहती है औ इसे दिल्ली ऑर्कियोलॉजी ऐक्ट, 2010 के तहत अपने अधीन लाना चाहती है।
एक अधिकारी ने बताया, 'यह दिल्ली सरकार के फेज-5 और इंटैक दिल्ली चैप्टर के संरक्षण प्लान के अंदर अधिकृत किया जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत 19 इमारतें हैं और कुछ सप्ताह के भीतर काम शुरू किया जाएगा।' चिह्नित किए गए अधिकांश स्मारक की पुनरुद्धार में चुनौतियां आएंगी क्योंकि ये दूरवर्ती और घनी आबादी वाले इलाके में बसे हुए हैं।
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