नई दिल्ली
दिल्ली के बड़े गैंगस्टरों में शामिल अब्दुल नासिर इकबाल और इरफान उर्फ छैनू पहलवान ने करीब एक दशक पुरानी दुश्मनी को भुलाकर हाथ मिला लिया। दोनों पक्षों के बीच हुए लिखित समझौते में कोर्ट में पेंडिंग मर्डर केस में एक-दूसरे के खिलाफ गवाही न देने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं भविष्य में दोनों पक्ष एक-दूसरे को किसी तरह का जान माल का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
जाफराबाद की एक मस्जिद में समझौता कराने के लिए जो मीटिंग हुई थी उसमें दोनों पक्षों के बुजुर्गों के अलावा इलाके के कई प्रभावशाली लोग मौजूद थे। समझौते के दौरान परोल पर जेल से बाहर नासिर खुद इस मीटिंग में शामिल हुआ। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि छैनू इस समय जेल में बंद है, लेकिन उसने समझौते की पूरी कार्रवाई की बातें मोबाइल फोन पर सुनीं। एनबीटी के पास समझौते की चार पेज की कॉपी उपलब्ध है। समझौते पर दो दर्जन लोगों ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए हुए हैं।
अब्दुल नासिर और छैनू पहलवान गैंग पर अच्छी पकड़ रखने वाले दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि करीब एक दशक पहले दोनों गैंगों के बीच इलाके में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए गैंगवार शुरू हुई थी। अब तक दोनों पक्षों के एक दर्जन से ज्यादा लोग मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। दोनों गैंग के लीडर ने अपना दबदबा बनाए रखने के लिए दिल्ली के दूसरे गैंगेस्टरों से हाथ मिला लिया।
अब्दुल नासिर ने साउथ दिल्ली के गैंगस्टर शक्ति नायडू से हाथ मिलाया हुआ है। छैनू पहलवान ने खुद को दिल्ली का डॉन बताने वाले गैंगस्टर नीरज बवानिया से हाथ मिलाया हुआ है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों अब्दुल नासिर परोल पर तिहाड़ जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद उसने पहले शादी की। इसके बाद अपने विरोधी छैनू पहलवान से समझौता किया। दोनों गैंगों के बीच समझौता कराने के लिए इलाके की कई बड़ी मस्जिदों के मौलवियों ने काफी महत्वपूर्ण रोल निभाया। समझौते में लिखा हुआ है कि दोनों पक्ष जिंदगी में कभी एक दूसरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे और अच्छे संबंध रखेंगे। दोनों पक्ष पिछली सभी शिकायतें भुलाकर मन में एक-दूसरे के खिलाफ कोई मनमुटाव नहीं रखेंगे।
दिल्ली के बड़े गैंगस्टरों में शामिल अब्दुल नासिर इकबाल और इरफान उर्फ छैनू पहलवान ने करीब एक दशक पुरानी दुश्मनी को भुलाकर हाथ मिला लिया। दोनों पक्षों के बीच हुए लिखित समझौते में कोर्ट में पेंडिंग मर्डर केस में एक-दूसरे के खिलाफ गवाही न देने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं भविष्य में दोनों पक्ष एक-दूसरे को किसी तरह का जान माल का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
जाफराबाद की एक मस्जिद में समझौता कराने के लिए जो मीटिंग हुई थी उसमें दोनों पक्षों के बुजुर्गों के अलावा इलाके के कई प्रभावशाली लोग मौजूद थे। समझौते के दौरान परोल पर जेल से बाहर नासिर खुद इस मीटिंग में शामिल हुआ। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि छैनू इस समय जेल में बंद है, लेकिन उसने समझौते की पूरी कार्रवाई की बातें मोबाइल फोन पर सुनीं। एनबीटी के पास समझौते की चार पेज की कॉपी उपलब्ध है। समझौते पर दो दर्जन लोगों ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए हुए हैं।
अब्दुल नासिर और छैनू पहलवान गैंग पर अच्छी पकड़ रखने वाले दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि करीब एक दशक पहले दोनों गैंगों के बीच इलाके में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए गैंगवार शुरू हुई थी। अब तक दोनों पक्षों के एक दर्जन से ज्यादा लोग मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। दोनों गैंग के लीडर ने अपना दबदबा बनाए रखने के लिए दिल्ली के दूसरे गैंगेस्टरों से हाथ मिला लिया।
अब्दुल नासिर ने साउथ दिल्ली के गैंगस्टर शक्ति नायडू से हाथ मिलाया हुआ है। छैनू पहलवान ने खुद को दिल्ली का डॉन बताने वाले गैंगस्टर नीरज बवानिया से हाथ मिलाया हुआ है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों अब्दुल नासिर परोल पर तिहाड़ जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद उसने पहले शादी की। इसके बाद अपने विरोधी छैनू पहलवान से समझौता किया। दोनों गैंगों के बीच समझौता कराने के लिए इलाके की कई बड़ी मस्जिदों के मौलवियों ने काफी महत्वपूर्ण रोल निभाया। समझौते में लिखा हुआ है कि दोनों पक्ष जिंदगी में कभी एक दूसरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे और अच्छे संबंध रखेंगे। दोनों पक्ष पिछली सभी शिकायतें भुलाकर मन में एक-दूसरे के खिलाफ कोई मनमुटाव नहीं रखेंगे।
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