Sunday, July 1, 2018

तगड़े डिस्काउंट का लालच दे लगाते थे चूना

प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
तगड़े डिस्काउंट ऑफर के चक्कर में ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीन हैं तो जरा इस खबर को ध्यान से पढ़ लें। बेवसाइटों पर लुभावने ऑफर देकर ठगी करने वाले रैकेट का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ करके तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

ये लोग पॉप्युलर साइटों से मिलते-जुलते नामों वाली वेबसाइटें बनाते थे और ब्रैंडेड लैपटॉप, आईफोन, मोबाइल्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स पर 40 से 50 पर्सेंट डिस्काउंट का लालच देते थे। इन्होंने नोएडा में कॉल सेंटर भी खोल रखा था, जहां से फोन करके लोगों को ऑफर दिया करते थे। जो लोग झांसे में आ जाते थे, उनसे पेटीएम पर अडवांस में फुल पेमेंट ले लेते थे, लेकिन ऑर्डर डिलिवर नहीं करते थे और फोन बंद कर देते थे।

पता चला है कि इन्होंने देशभर में लोगों से ठगी की है। अब तक 20 से अधिक ठगी के मामलों को खुलासा हो चुका है, जिनमें लोगों को तकरीबन 20 लाख रुपये का चूना लगाने का अनुमान है।

गिरफ्तार लोगों में लखनऊ के अभिजीत सक्सेना व शिवानी तिवारी और उत्तराखंड के काशीपुर निवासी प्रशांत चौहान हैं। इनमें मास्टरमाइंड अभिजीत कंप्यूटर में बीटेक इंजिनियर है। शिवानी ने बीकॉम किया हुआ है जबकि प्रशांत बारहवीं पास है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि पहले वे कॉल सेंटर में काम करते थे। देशभर से लोगों का डेटा उन्होंने वहीं से अरेंज कर लिया था। इसके बाद मशहूर शॉपिंग साइट्स से मिलते-जुलते नाम वाली साइट्स बनाईं। उन पर ब्रैंडेड प्रॉडक्ट्स की इमेज लगाकर और भारी डिस्काउंट का लालच देकर ठगी किया करते थे।

कमला नगर के बंग्लो रोड निवासी एक बिजनसमैन के साथ ठगी के बाद अक्टूबर में एफआईआर के बाद मौरिस नगर थाने की पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी। एसीपी अशोक त्यागी की सुपरविजन में एसआई रोहित सारस्वत और उनकी टीम ने आरोपियों के पास 25 बैंक खाते, 13 बैंकों की पासबुक, 70 पेटीएम अकाउंट के अलावा 11 मोबाइल, 9 सिम, 5 पेन ड्राइव, 2 लैपटॉप और 17 क्रेडिट डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं।

इन साइटों से करते थे ठगी
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Poketbazar.com

फेसबुक, ट्रूकॉलर से पकड़े गए
ठगी के शिकार एक शख्स के फोन पर आए नंबर को आधार बनाकर पुलिस ने जांच शुरू की। कुछ पता नहीं चला। ट्रूकॉलर में जिस शख्स की फोटो दिख रही थी, उसी से मिलते-जुलते नाम को फेसबुक पर सर्च किया। ऐसे दर्जनों प्रोफाइल मिले। 18वें प्रोफाइल की फोटो ट्रूकॉलर की तस्वीर से मैच हुई। सर्विलांस से नंबर की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश हुई, लेकिन आरोपियों ने फोन बंद कर दिया। कुछ समय बाद आरोपियों ने हैंडसेट में नया सिम डाला तो पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई। उसके बाद नोएडा में रेड डालकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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