Thursday, June 28, 2018

राजधानी का सबसे बड़ा अस्पताल होगा LNJP

प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
एलएनजेपी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अब आईसीयू के लिए इंतजार करना नहीं पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने एलएनजेपी में 400 आईसीयू बेड बनाने का फैसला किया है। अस्पताल का लक्ष्य है कि हर दस से बारह मरीजों पर एक आईसीयू बेड हो, ताकि किसी मरीज को वेंटिलेटर के लिए इंतजार करना नहीं पड़े। यही नहीं, दिल्ली सरकार अब अपने सबसे बड़े अस्पताल एलएनजेपी को अब राजधानी का भी सबसे बड़ा अस्पताल बनाने की तैयारी में है।

हेल्थ डिपार्टमेंट ने एलएनजेपी के एक्सटेंशन में मैटरनल, चाइल्ड और कैजुअल्टी जोड़ने का फैसला किया है और इन तीनों ब्लॉक में औसतन 500-500 बेड होंगे। इसके अलावा 400 आईसीयू के बेड अलग से बनाए जा रहे हैं।

दिल्ली सरकार के डीजीएचएस डॉक्टर कीर्ति भूषण ने बताया कि इस प्रस्ताव का ब्लू प्रिंट तैयार है, शुरुआती सभी डिपार्टमेंट से इसको हरी झंडी मिल गई है लेकिन यह एक बहुत बड़ा प्रॉजेक्ट है, इसलिए अब इसे दिल्ली सरकार के एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी (EFC) के पास भेजा जाएगा। वहां से क्लियरेंस मिलने के बाद इसे दिल्ली सरकार के कैबिनेट में पेश करना होगा। कैबिनेट से पास होने के बाद यह पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के पास जाएगा और फिर टेंडर जारी होगा।

अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और डायरेक्टर डॉक्टर जे सी पासी ने बताया कि प्रॉजेक्ट पूरा होने पर एलएनजेपी में 1900 बेड जुड़ जाएंगे, जिससे बेडों की कुल क्षमता चार हजार से अधिक हो जाएगी। इतने बेड की क्षमता एम्स और सफदरजंग की भी नहीं है लेकिन हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य आईसीयू बेड है। अभी अस्पताल में सिर्फ 83 आईसीयू हैं, जबकि नॉर्म्स के अनुसार कम से कम 180 आईसीयू बेड होने चाहिए। इसे पूरा करने के लिए 400 आईसीयू बेड बनाए जा रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने कहा कि नए कैजुअल्टी बनने के बाद पुराने की भी रीमॉडलिंग की जाएगी।

प्रॉजेक्ट का ब्लू प्रिंट तैयार है। एलएनजेपी के इमर्जेंसी के पास खाली जमीन पर यह एक्सटेंशन किया जाएगा। 475 गाड़ियों की पार्किंग की क्षमता वाली इस इमारत का निर्माण 2022 तक पूरा होगा। डेढ़ साल तक सुविधाओं पर काम चलेगा। दिल्ली सरकार 2025 में इसे आम जनता को सुपुर्द करेगी।

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