Friday, June 1, 2018

गलत तरीके से सील न हों इमारतें : पुरी

नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने स्थानीय निकायों के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि गलत तरीके से किसी बिल्डिंग को सील किया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस संशोधन के बाद जो इमारतें सीलिंग के दायरे से बाहर हो जाएंगी, उन्हें सील नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद ही मास्टर प्लान में संशोधन करने से पहले पब्लिक से उनकी आपत्तियां मांगी गई हैं और इस बारे में 26 अप्रैल को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। आपत्तियों के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। जाहिर है कि इसके बाद अब मास्टर प्लान में संशोधन हो जाता है तो उससे बड़ी संपत्तियां और दुकानों से सीलिंग की तलवार हट जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि ऐसी दुकानों और इमारतों को सील न किया जाए।

आवास एवं शहरी कार्यमंत्री ने कहा कि जब अदालत ने ही संशोधन प्रक्रिया शुरू करने के लिए अपनी अनुमति दी है तो ऐसी स्थिति में सीलिंग को लेकर जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि नगर निगम या स्थानीय निकायों का कोई अधिकारी गलत तरीके से सीलिंग करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा और उस पर पेनेल्टी भी लगाई जा सकती है।

प्रक्रिया ट्रैक पर
उन्होंने कहा कि सीलिंग से लोगों को राहत देने के लिए उनके मंत्रालय ने जो प्रक्रिया शुरू की थी, वह 15 मई के बाद पूरी तरह से ट्रैक पर है। सुप्रीम कोर्ट ने ही मास्टर प्लान में संशोधन पर जो स्टे लगाया हुआ था, उसे हटाने के बाद अदालत ने ही मास्टर प्लान संशोधन के लिए पब्लिक को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय देने के लिए निर्देश दिए थे।

इसके बाद डीडीए ने इस संशोधन की प्रक्रिया को शुरू करते हुए 26 मई को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन के बाद आपत्तियां ली जा रही हैं और 9 जून तक यह प्रक्रिया होगी। इसके बाद इसके बाद जो भी संशोधन होगा, उसे नोटिफाई किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह प्रक्रिया बिना बाधा के पूरी हो जाएगी और इससे सीलिंग से लोगों को राहत मिल सकेगी।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले जब मंत्रालय और डीडीए ने सीलिंग रोकने के लिए मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की थी तो 6 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान में संशोधन पर रोक लगा दी थी। 15 मई को ही अदालत ने यह रोक हटाई और उसके बाद फिर से मंत्रालय और डीडीए अपने कार्य में जुट गए हैं।

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