Thursday, June 28, 2018

5 लाख रुपये की फेक करंसी के साथ 2 अरेस्ट

नई दिल्ली
राजधानी समेत देश के अन्य हिस्सों में नकली करंसी सप्लाई करने वाले एक इंटरनैशनल रैकेट के दो सदस्यों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से 5 लाख रुपये की नकली इंडियन करंसी भी बरामद की गई है, जो 2000 के नए नोटों की शक्ल में थी। पुलिस ने कई मोबाइल और सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। खास बात है कि बरामद की गई नकली करंसी पाकिस्तान से नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत भेजी गई थी। ये नोट किसी बहुत अच्छी प्रिंटिंग यूनिट में बनाए गए थे, इसीलिए इनकी क्वॉलिटी बहुत अच्छी थी।

डीसीपी (स्पेशल सेल) संजीव कुमार यादव के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान प्रवीण कुमार (26) और सोनू चौधरी (25) के रूप में हुई है। दोनों बिहार के रहने वाले हैं। प्रवीण वेस्ट दिल्ली के विजय एनक्लेव इलाके में रह रहा था। स्पेशल सेल की टीम पिछले 6 महीने से इस गिरोह के बारे में जानकारियां जुटा रहीं थीं।

तकनीकी और ह्यूमन सर्विलांस से पता चला कि नकली करंसी पाकिस्तान में बनाई जाती थी और वहां से नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत भेजी जाती थी। इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर से सटे पश्चिम बंगाल के मालदा और इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे बिहार के इलाकों से नकली करंसी को भारत लाया जाता था। बिहार के ईस्ट चंपारण जिले में गिरोह के प्रमुख सदस्य नकली नोटों को अन्य सदस्यों के बीच सर्कुलेट करते थे।

23 जून को एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने रोहिणी सेक्टर-2 में आउटर रिंग रोड पर स्थित शिव मंदिर के पास ट्रैप लगाकर प्रवीण को पकड़ा। उसके पास से 4 लाख रुपये की नकली करंसी बरामद हुई। उसने बताया कि वेस्ट चंपारण के रहने वाले सोनू चौधरी के जरिए उसने यह करंसी हासिल की थी।

पुलिस की एक टीम वेस्ट चंपारण पहुंची और बुधवार को वहां से सोनू को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसके घर से एक लाख रुपये की नकली करंसी और बरामद की गई। सोनू ने बताया कि मालदा के रहने वाले अशरफ के जरिए उसे नकली करंसी मिलती थी। यह करंसी पाकिस्तान में बनती थी और वहां से नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत में लाई जाती थी।

पुलिस के मुताबिक, सोनू पिछले 5 साल से इस धंधे में शामिल है। वह प्रवीण समेत दिल्ली, यूपी, बिहार और हरियाणा में अपने क्लाइंट्स को नकली करंसी सप्लाई करता था। सोनू अब तक नकली करंसी के 15-20 कन्साइनमेंट हासिल कर चुका है और करीब 50 लाख रुपये की नकली करंसी मार्केट में सर्कुलेट कर चुका है। वह बिहार में अवैध शराब सप्लाई का धंधा भी करता था और शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले साल उसे गिरफ्तार भी किया गया था। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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