नई दिल्ली
पिस्टल लहराकर फेसबुक पर फोटो पोस्ट करने का 'शगल' बदमाशों के एक गैंग को फिर सलाखों के पीछे ले गया। दरअसल उनके फेसबुक प्रोफाइल के 'जलवे' पुलिस तक पहुंच गए थे। पुलिस ने उनके बारे में पता किया तो पता चला कि उनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले चल रहे हैं। उसके बावजूद सुधरे नहीं हैं। तब से नरेला थाने की एक टीम उसके प्रोफाइल पर नजर रख रही थी, जिससे उनकी एक्टिविटी का अंदाजा लगता रहा।
पुलिस का दावा है कि जब पूरा गैंग हथियारों से लैस होकर वारदात के इरादे से निकला, तो उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। आरोपी डस्टर कार में सवार थे, जिससे 2 पिस्टल, 6 कट्टे और 6 कारतूस रिकवर हुए। उनसे पूछताछ के चलते एक आर्म्स सप्लायर भी पकड़ा गया। उससे भी एक पिस्टल और कारतूस रिकवर हुआ है।
डीसीपी (रोहिणी) रजनीश गुप्ता ने तीन बदमाशों के साथ एक आर्म्स सप्लायर को अरेस्ट करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बदमाशों के गैंग, आर्म्स सप्लाई आदि के बारे में पूछताछ और जांच जारी है। बदमाशों की पहचान सोनीपत के आशू मलिक (28), नरेला के अश्वनी खत्री (35) और उसके छोटे भाई जितेंद्र खत्री (24) के तौर पर हुई है।
फेसबुक प्रोफाइल से आया हाथ
डीसीपी ने बताया कि अश्वनी हाल में अटेम्प्ट मर्डर के केस में जेल से बाहर आया था। पुलिस को अश्वनी और आशू के फेसबुक प्रोफाइल से अंदाजा लगा था कि वह आपराधिक गतिविधियों में एक्टिव हैं। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, उनके प्रोफाइल पर हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करके डिलीट की गई थीं, इसलिए नरेला थाने की एक पुलिस टीम उन पर नजर रख रही थी।
पुलिस को खबर मिली कि तीनों बदमाश वारदात के इरादे से एक साथ निकलने वाले हैं। इस सूचना पर नरेला एसएचओ राकेश कुमार की टीम ने कार सवार तीनों बदमाशों को घेर लिया। उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पहले अलर्ट पुलिस टीम ने बदमाशों को दबोच लिया।
पुलिस के अनुसार, आशू नरेला का घोषित बदमाश है, जो कि हिस्ट्रीशीट होने के बाद सोनीपत में रहता है। उसके खिलाफ हत्या समेत तीन मामले पहले से दर्ज हैं। अश्वनी के खिलाफ 14 क्रिमिनल केस हैं, जिनमें 3 मर्डर के मामले हैं। जितेंद्र के खिलाफ भी हत्या समेत तीन मामले दर्ज हैं।
पिस्टल लहराकर फेसबुक पर फोटो पोस्ट करने का 'शगल' बदमाशों के एक गैंग को फिर सलाखों के पीछे ले गया। दरअसल उनके फेसबुक प्रोफाइल के 'जलवे' पुलिस तक पहुंच गए थे। पुलिस ने उनके बारे में पता किया तो पता चला कि उनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले चल रहे हैं। उसके बावजूद सुधरे नहीं हैं। तब से नरेला थाने की एक टीम उसके प्रोफाइल पर नजर रख रही थी, जिससे उनकी एक्टिविटी का अंदाजा लगता रहा।
पुलिस का दावा है कि जब पूरा गैंग हथियारों से लैस होकर वारदात के इरादे से निकला, तो उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। आरोपी डस्टर कार में सवार थे, जिससे 2 पिस्टल, 6 कट्टे और 6 कारतूस रिकवर हुए। उनसे पूछताछ के चलते एक आर्म्स सप्लायर भी पकड़ा गया। उससे भी एक पिस्टल और कारतूस रिकवर हुआ है।
डीसीपी (रोहिणी) रजनीश गुप्ता ने तीन बदमाशों के साथ एक आर्म्स सप्लायर को अरेस्ट करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बदमाशों के गैंग, आर्म्स सप्लाई आदि के बारे में पूछताछ और जांच जारी है। बदमाशों की पहचान सोनीपत के आशू मलिक (28), नरेला के अश्वनी खत्री (35) और उसके छोटे भाई जितेंद्र खत्री (24) के तौर पर हुई है।
फेसबुक प्रोफाइल से आया हाथ
डीसीपी ने बताया कि अश्वनी हाल में अटेम्प्ट मर्डर के केस में जेल से बाहर आया था। पुलिस को अश्वनी और आशू के फेसबुक प्रोफाइल से अंदाजा लगा था कि वह आपराधिक गतिविधियों में एक्टिव हैं। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, उनके प्रोफाइल पर हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करके डिलीट की गई थीं, इसलिए नरेला थाने की एक पुलिस टीम उन पर नजर रख रही थी।
पुलिस को खबर मिली कि तीनों बदमाश वारदात के इरादे से एक साथ निकलने वाले हैं। इस सूचना पर नरेला एसएचओ राकेश कुमार की टीम ने कार सवार तीनों बदमाशों को घेर लिया। उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पहले अलर्ट पुलिस टीम ने बदमाशों को दबोच लिया।
पुलिस के अनुसार, आशू नरेला का घोषित बदमाश है, जो कि हिस्ट्रीशीट होने के बाद सोनीपत में रहता है। उसके खिलाफ हत्या समेत तीन मामले पहले से दर्ज हैं। अश्वनी के खिलाफ 14 क्रिमिनल केस हैं, जिनमें 3 मर्डर के मामले हैं। जितेंद्र के खिलाफ भी हत्या समेत तीन मामले दर्ज हैं।
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