Tuesday, May 1, 2018

'मजदूरों पर सरकार ने एक रुपया खर्च नहीं किया'

नई दिल्ली
मजदूर दिवस पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आप सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मजदूरों के कल्याण के लिए बजट में जो प्रावधान किया था, उसमें से एक रुपया भी खर्च नहीं किया। मुखर्जी ने कहा कि आप सरकार के समय में पंजीकृत मजदूरों की संख्या कम हुई है। उन्होंने कहा कि 2017 में दिल्ली सरकार ने यह सुझाव दिया था कि बाल मजदूरों को लेकर एक सर्वे कराया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा कोई सर्वे नहीं हुआ।

शर्मिष्ठा ने कहा कि 2013 में कांग्रेस ने स्वावलंबन योजना शुरू की थी। इसके तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर, रेहड़ी-पटरी आदि वालों को पेंशन देने का प्रावधान किया गया था। इसके लिए 2013-14 में 5,691 पंजीकरण हुए। 2014-15 में 5,693 और 2015-16 में 9,854 लोगों ने खुद को एनरोल कराया। शर्मिष्ठा ने कहा कि 2017-18 के बजट में इस योजना के लिए 160 करोड़ रुपये रखे गए थे। इसमें कम करके 60 करोड़ कर दिया गया। उन्होंने हैरानी जताई कि इसके बाद भी फरवरी 2018 तक योजना के तहत एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया।

इसी तरह से कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2008 में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा कोष को लेकर कानून बनाया था। इस कोष के तहत 70 करोड़ रुपये बजट रखा गया। इसे 40 करोड़ रुपये कर दिया गया और इसमें भी एक रुपया अभी तक खर्च नहीं किया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसी तरह से दिल्ली वेलफेयर बोर्ड के तहत ग्रांट इन ऐड के लिए शुरुआती बजट 20 करोड़ रुपये था जिसे 10 करोड़ कर दिया। इसमें भी एक रुपया खर्च नहीं किया गया है। इससे साफ होता है कि बाल मजदूरों, मजदूरों के कल्याण और उनकी पेंशन आदि के लिए कोई कल्याणकारी योजना नहीं बनाई गई और न ही कोई पैसा खर्च किया गया।

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