Wednesday, May 30, 2018

'फीस नहीं लौटाने वाले स्कूलों पर क्या कार्रवाई'

नई दिल्ली
जस्टिस अनिल देव सिंह कमिटी की सिफारिशों के मुताबिक पैरंट्स से वसूली गई बढ़ी हुई फीस वापस नहीं करने के मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की बेंच ने संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान आप सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने पूछा कि सरकार बताए कि उसने अब तक इस मामले में क्या कदम उठाए हैं? क्या उसने हाल ही में एक हफ्ते में स्कूलों को फीस वापसी का निर्देश देने से पहले उन्हें कोई नोटिस दिया?

बेंच ने अभी तक फीस वापसी नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई न करने के लिए सरकार के प्रति नाराजगी भी जताई और निर्देश दिया कि वह ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर चार हफ्तों में इसकी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे। इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि पैरंट्स का सब्र अब हद पार कर रहा है। 10 साल बीत गए, लेकिन लोगों को अभी तक उनके पैसे वापस नहीं मिले।

दरअसल, हाल ही में दिल्ली सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के नाम पर मनमानी फीस बढ़ाने के दोषी 575 प्राइवेट स्कूलों को एक हफ्ते के भीतर पैरंट्स को पैसा वापस करने का निर्देश दिया था। साथ ही पैसा वापस नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

सरकार के आदेश के बाद दिल्ली अभिभावक महासंघ ने हाई कोर्ट में यह अर्जी दाखिल की और कोर्ट से मांग की कि पैरंट्स को उनका पैसा वापस नहीं करने वाले प्राइवेट स्कूलों के बैंक खातों की कुर्क करने का निर्देश दिया जाए। महासंघ और अन्य ने अपनी याचिका में ऐसे 118 स्कूलों की ओर से रिफंड फीस के तौर पर हाई कोर्ट में जमा कराई गई रकम को पैरंट्स में बांटने का भी निर्देश देने की मांग की है। इन स्कूलों ने संबंधित कमिटी की सिफारिशों का लागू करने से जुड़े आदेश को चुनौती दे रखी है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: 'फीस नहीं लौटाने वाले स्कूलों पर क्या कार्रवाई'