नई दिल्ली
2016-17 में एम्स ने ओपीडी में 41 लाख मरीजों का इलाज किया और एक लाख 75 हजार सर्जरी की। एम्स की यह रिपोर्ट साबित करती है देश के सबसे बड़े मेडिकल इंस्टिट्यूट एम्स के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता ही जा रहा है। एम्स के ओपीडी में साल 2015-16 की तुलना में 2016-17 में छह लाख ज्यादा मरीज पहुंचे, जबकि छह हजार ज्यादा सर्जरी की गई है।
एम्स के अनुअल रिपोर्ट के अनुसार हर साल की तरह इस बार भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। लेकिन एक साल के अंतर पर छह लाख से ज्यादा मरीज ओपीडी में आना बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। अच्छी बात यह रही कि एम्स में ऐडमिशन और सर्जरी का रेट भी बढ़ा है। इसमें थोड़ी सी चिंता की बात यह है कि 2015-16 की तुलना में 2016-17 में अस्पताल में मरीजों का स्टे बढ़ा है, पहले मरीज 7.7 दिन ही स्टे कर रहा था, जो इस साल 9.8 पाया गया है। अस्पताल में बेड फुल रहने का आंकड़ा 86.9 पर्सेंट पाया गया, जबकि पिछले साल यह 88.4 था।
रिपोर्ट के अनुसार एम्स में ऐडमिट होने वाले मरीजों का डेथ रेट कम हुआ है। 2016-17 में एम्स में डेथ रेट 1.7 पर्सेंट रहा, जबकि पिछले साल 1.8 पर्सेंट था। यानी एम्स ने डेथ रेट को कम करने में सफलता प्राप्त की है। लेकिन इंफेक्शन कंट्रोल करने के मामले में एम्स पिछड़ गया है। पिछले साल इंफेक्शन रेट 5.7 पर्सेंट था, जो 2016-17 में 6.9 पर्सेंट हो गया है। एक पर्सेंट से ज्यादा इन्फेक्शन रेट में बढ़ोत्तरी चिंता की बात है। इसके बावजूद एम्स मरीजों के इलाज करने में एक बार फिर पूरे देश में सबसे अव्वल रहा है।
ओपीडी का आंकड़ा
2016-17 में 41,40,747 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे
2015-16 में 35,33,675 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आए थे
2015-16 में 6,07,072 ज्यादा मरीज ओपीडी में पहुंचे
ऐडमिशन
2016-17 में एम्स में 2,34,168 को ऐडमिट किया गया
2015-16 में 2,19,873 मरीजों को ऐडमिट किया गया था
2016-17 में 14,295 ज्यादा मरीजों को ऐडमिट किया गया
सर्जरी
2016-17 में एम्स में 1,76,843 सर्जरी की गई
2015-16 में यहां पर 1,70,036 सर्जरी की गई थी
2016-17 में 6,807 ज्यादा सर्जरी की है
2016-17 में एम्स ने ओपीडी में 41 लाख मरीजों का इलाज किया और एक लाख 75 हजार सर्जरी की। एम्स की यह रिपोर्ट साबित करती है देश के सबसे बड़े मेडिकल इंस्टिट्यूट एम्स के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता ही जा रहा है। एम्स के ओपीडी में साल 2015-16 की तुलना में 2016-17 में छह लाख ज्यादा मरीज पहुंचे, जबकि छह हजार ज्यादा सर्जरी की गई है।
एम्स के अनुअल रिपोर्ट के अनुसार हर साल की तरह इस बार भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। लेकिन एक साल के अंतर पर छह लाख से ज्यादा मरीज ओपीडी में आना बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। अच्छी बात यह रही कि एम्स में ऐडमिशन और सर्जरी का रेट भी बढ़ा है। इसमें थोड़ी सी चिंता की बात यह है कि 2015-16 की तुलना में 2016-17 में अस्पताल में मरीजों का स्टे बढ़ा है, पहले मरीज 7.7 दिन ही स्टे कर रहा था, जो इस साल 9.8 पाया गया है। अस्पताल में बेड फुल रहने का आंकड़ा 86.9 पर्सेंट पाया गया, जबकि पिछले साल यह 88.4 था।
रिपोर्ट के अनुसार एम्स में ऐडमिट होने वाले मरीजों का डेथ रेट कम हुआ है। 2016-17 में एम्स में डेथ रेट 1.7 पर्सेंट रहा, जबकि पिछले साल 1.8 पर्सेंट था। यानी एम्स ने डेथ रेट को कम करने में सफलता प्राप्त की है। लेकिन इंफेक्शन कंट्रोल करने के मामले में एम्स पिछड़ गया है। पिछले साल इंफेक्शन रेट 5.7 पर्सेंट था, जो 2016-17 में 6.9 पर्सेंट हो गया है। एक पर्सेंट से ज्यादा इन्फेक्शन रेट में बढ़ोत्तरी चिंता की बात है। इसके बावजूद एम्स मरीजों के इलाज करने में एक बार फिर पूरे देश में सबसे अव्वल रहा है।
ओपीडी का आंकड़ा
2016-17 में 41,40,747 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे
2015-16 में 35,33,675 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आए थे
2015-16 में 6,07,072 ज्यादा मरीज ओपीडी में पहुंचे
ऐडमिशन
2016-17 में एम्स में 2,34,168 को ऐडमिट किया गया
2015-16 में 2,19,873 मरीजों को ऐडमिट किया गया था
2016-17 में 14,295 ज्यादा मरीजों को ऐडमिट किया गया
सर्जरी
2016-17 में एम्स में 1,76,843 सर्जरी की गई
2015-16 में यहां पर 1,70,036 सर्जरी की गई थी
2016-17 में 6,807 ज्यादा सर्जरी की है
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