नई दिल्ली
सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान में प्रस्तावित बदलाव पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हलफनामा दायर नहीं किए जाने पर डीडीए, एमसीडी और दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दादागिरी है जिसे रोकना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मामले की सुनवाई शुरू हुई इस दौरान कोर्ट सलाहकार रंजीत कुमार ने जस्टिस मदन बी लोकूर की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीडीए से सवाल किया था कि क्या इस फैसले को लेने से पहले पर्यवारण पर होने वाले इसके प्रभाव का कोई आंकलन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए और दिल्ली सरकार से चार दिनों में इस पर जवाब दाखिल करने को कहा था। अदालत ने 2007 से लेकर अब तक दिल्ली में प्रदूषण स्तर के आंकड़ों से भी अवगत कराने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने को कहा था। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार, डीडीए और एमसीडी की तरफ से उन्हें कोई हलफनामा नहीं मिला है।
अथॉरिटी आदेश के बावजूद जहमत नहीं उठा रही
इस दौरान जस्टिस लोकूर ने कोर्ट में कहा कि रेकॉर्ड में ऐसा कोई हलफनामा दायर नहीं हुआ है। ऐसा कैसे चलेगा। जस्टिस लोकूर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि हलफनामा दायर किया जाए बावजूद इसके संबंधित अथॉरिटी इसके लिए जहमत नहीं उठा रही है। यह अदालत की अवमानना से कम नहीं है। हम मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित संशोधन पर रोक लगाने जा रहे हैं।
दादागिरी रोकना होगा
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि उन्हें हलफनामा दायर करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया जाए। तब सुप्रीम कोर्ट ने बेहद नाराजगी जताई और कहा कि आप लोग सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हो रहे हैं और कुछ भी वक्त मांगेगे ऐसा नहीं चलेगा। ये कंटेप्ट की तरह है। अदालत ने कहा कि ये दादागिरी है जिसे रोकना होगा। अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। अदालत ने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है और वह मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन पर रोक लगा रहे हैं।
PM,CM अपमानजनक भाषा का न करें इस्तेमाल
कोर्ट ने कहा कि सीडी मेंं ऐसा दिख रहा है कि कई प्रदर्शनकारी सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो गलत है। कुछ लोग एक राजनैतिक पार्टी का झंडा लिए हुुए हैं। आप इस तरह से सीएम के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आप क्या करना चाहते हैं देश को क्या बताना चाहते हैं कि सीएम आपकी पार्टी के नहीं हैं तो अपमान करेंगे? सीएम और पीएम संवैधानिक पद पर हैं और उनके खिलाफ इस तरह के अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं हो सकता।
सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान में प्रस्तावित बदलाव पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हलफनामा दायर नहीं किए जाने पर डीडीए, एमसीडी और दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दादागिरी है जिसे रोकना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मामले की सुनवाई शुरू हुई इस दौरान कोर्ट सलाहकार रंजीत कुमार ने जस्टिस मदन बी लोकूर की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीडीए से सवाल किया था कि क्या इस फैसले को लेने से पहले पर्यवारण पर होने वाले इसके प्रभाव का कोई आंकलन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए और दिल्ली सरकार से चार दिनों में इस पर जवाब दाखिल करने को कहा था। अदालत ने 2007 से लेकर अब तक दिल्ली में प्रदूषण स्तर के आंकड़ों से भी अवगत कराने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने को कहा था। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार, डीडीए और एमसीडी की तरफ से उन्हें कोई हलफनामा नहीं मिला है।
अथॉरिटी आदेश के बावजूद जहमत नहीं उठा रही
इस दौरान जस्टिस लोकूर ने कोर्ट में कहा कि रेकॉर्ड में ऐसा कोई हलफनामा दायर नहीं हुआ है। ऐसा कैसे चलेगा। जस्टिस लोकूर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि हलफनामा दायर किया जाए बावजूद इसके संबंधित अथॉरिटी इसके लिए जहमत नहीं उठा रही है। यह अदालत की अवमानना से कम नहीं है। हम मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित संशोधन पर रोक लगाने जा रहे हैं।
दादागिरी रोकना होगा
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि उन्हें हलफनामा दायर करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया जाए। तब सुप्रीम कोर्ट ने बेहद नाराजगी जताई और कहा कि आप लोग सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हो रहे हैं और कुछ भी वक्त मांगेगे ऐसा नहीं चलेगा। ये कंटेप्ट की तरह है। अदालत ने कहा कि ये दादागिरी है जिसे रोकना होगा। अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। अदालत ने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है और वह मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन पर रोक लगा रहे हैं।
PM,CM अपमानजनक भाषा का न करें इस्तेमाल
कोर्ट ने कहा कि सीडी मेंं ऐसा दिख रहा है कि कई प्रदर्शनकारी सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो गलत है। कुछ लोग एक राजनैतिक पार्टी का झंडा लिए हुुए हैं। आप इस तरह से सीएम के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आप क्या करना चाहते हैं देश को क्या बताना चाहते हैं कि सीएम आपकी पार्टी के नहीं हैं तो अपमान करेंगे? सीएम और पीएम संवैधानिक पद पर हैं और उनके खिलाफ इस तरह के अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं हो सकता।
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