Monday, March 5, 2018

MCD ने घटाई टीचर रिटायरमेंट की उम्र

नई दिल्ली
आर्थिक संकट से लगातार जूझ रही नॉर्थ एमसीडी इस संकट को कम करने के लिए अपने कर्मचारियों की सुविधाओं में लगातार कटौती कर रही है। अब उसने टीचरों और प्रिंसिपल की बढ़ाई गई रिटायरमेंट की उम्र को दो साल कम कर दिया है। अब उनके रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होगी। इसके लिए आर्थिक संकट तो वजह बताई ही जा रही है, साथ ही अजीब तर्क भी दिए गए हैं।

आर्थिक संकट के चलते नॉर्थ एमसीडी ने अभी तक अपने 1355 डेंगू ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) के नौकरी के कॉन्ट्रेक्ट को रिन्यू नहीं किया है, जिसके चलते वे खासे परेशान हैं। उनका कॉन्ट्रैक्ट इस माह समाप्त हो रहा है और उनका कॉन्ट्रैक्ट फरवरी माह में आगे बढ़ा दिया जाता था। अपनी नौकरी बचाने के लिए ये डीबीसी नेताओं से लेकर आला अफसरों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है। कहा यह भी जा रहा है कि अगर इनकी नौकरी खतरे में पड़ गई तो दिल्ली को डेंगू और मच्छरजनित रोगों से बचाने के लिए खासी परेशान हो सकती है। अब इसी आर्थिक संकट का असर एमसीडी के हजारों टीचरों और प्रिंसिपल पर भी पड़ने वाला है। उनकी रिटायरमेंट की उम्र को दो साल घटा दिया गया है।

असल में एमसीडी में टीचरों और प्रिंसिपल की रिटायरमेंट की उम्र पहले 60 साल ही थी लेकिन कुछ साल पहले इसे बढ़ाकर 62 साल कर दिया गया था। अब आर्थिक संकट के चलते इसे घटाकर एक बार से 60 सल किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के एक आला अधिकारी के अनुसार हम पहले से ही गंभीर वित्तीय अभावों से जूझ रहे हैं इसलिए पुरानी नीति को बदलने पर विचार किया गया गया था। उनका कहना है कि अभी हाल ही में एमसीडी में 1373 नर्सरी टीचरों व 25 प्राइमरी टीचरों की भर्ती की गई है, इसलिए टीचरों का संकट होने वाला नहीं हैं और न रिटायरमेंट की उम्र कम करने से एजुकेशन सिस्टम पर कोई फर्क पड़ेगा। आर्थिक संकट के चलते टीचरों और प्रिंसिपल की रिटायरमेंट की उम्र तो घटाई ही गई है, साथ ही यह निर्णय भी लिया गया है कि अब शिक्षा विभाग में 60 साल के बाद कॉन्ट्रैक्ट पर भी कोई भर्ती नहीं की जाएगी।

इस मसले पर नॉर्थ एमसीडी के नेता सदन जयेंद्र डबास का कहना है कि वित्तीय संकट से निपटने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार से करोड़ों रुपये बकाया की मांग भी लगातार की जा रही है, साथ ही अपने संसाधनों के जरिए भी राजस्व बढ़ाने के उपाय किए जा रह हैं। डबास के अनुसार अब जो टीचरों की भर्ती की जा रही है, उनका वेतन बहुत अधिक है, इसलिए नॉर्थ एमसीडी को भारी वित्तीय घाटा झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी रहती तो उसका असर युवाओं पर पड़ता, उन्हें समय पर नौकरी नहीं मिल पाती और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में हम वित्तीय संकट से उबर गए तो रिटायरमेंट की उम्र को एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है।

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