नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस स्थित राम लाल आनंद कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। छात्र बीकॉम फाइनल इयर में पढ़ता था। उसका अपहरण एक सप्ताह पहले किया गया था और फिरौती के तौर पर उसके परिजनों से 50 लाख रुपये मांगे गए थे। मामले की शिकायत पहले ही दिन पुलिस से कर दी गई थी। पुलिस ने छात्र की जान का हवाला देते हुए परिजनों को चुप रहने की सलाह दी थी।
पुलिस के कहने पर परिजनों ने अपहरणकर्ताओं से बातचीत करते हुए 10 लाख रुपये का इंतजाम भी किया और फिरौती लेकर दो दिनों तक इधर से उधर भटकते रहे। लेकिन अचानक बुधवार रात छात्र का शव द्वारका सेक्टर 13 में एक नाले के पास पड़ा मिला। इकलौते बेटे की हत्या के बाद से पूरा परिवार सदमे में है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत से ही मामले में लापरवाही बरती।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छात्र का नाम आयुष नौटियाल (21) था। वह अपने परिजनों के साथ साध नगर, पालम में रहता था। साउथ कैंपस के राम लाल आनंद कॉलेज में पढ़ता था। 22 मार्च दिन में वह घर से कॉलेज जाने के लिए निकला था। शाम तक नहीं लौटा। उसके ही मोबाइल नंबर से उसके पिता दिनेश नौटियाल के नंबर पर वाट्सएप मैसेज आया। मैसेज में आयुष का फोटो था। आयुष के मुंह पर पट्टी बंधी हुई थी और उसके हाथ पैर बंधे थे। सिर पर चोट थी। मैसेज के साथ 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। मेसेज देखने के बाद दिनेश ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी थी।
'पुलिस ने दिखाई लापरवाही, करती रही गुमराह'
आयुष के कजन निखिल ने बताया कि इसके बाद से अपहरणकर्ताओं ने आयुष के वाट्सऐप नंबर से ही फिरौती के लिए मेसेज भेजे और उसी के फोन से कॉल भी की। समय-समय पर पुलिस को सारी बात बताई, लेकिन पुलिस ने शुरुआत में बेहद लापरवाह रवैया अपनाया और गुमराह करती रही। हमें कहा गया कि मीडिया में बिलकुल मत जाना, वरना आयुष की जान को खतरा हो सकता है।
10 लाख रुपये लेकर दो दिन तक घूमते रहे परिजन
निखिल के मुताबिक, 'आयुष के पिता अपहरणकर्ताओं से फिरौती की रकम कम करने के लिए मिन्नतें करते रहे, जिसके बाद बात 10 लाख रुपये पर तय हुई। हम लोग रकम लेकर दो दिनों तक घूमे। पुलिस की टीमें भी साथ में रही, लेकिन बुधवार रात हमें जानकारी मिली कि एक शव द्वारका सेक्टर 13 में नाले के पास पड़ा है। उसकी शिनाख्त की तो वह आयुष का ही था।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस स्थित राम लाल आनंद कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। छात्र बीकॉम फाइनल इयर में पढ़ता था। उसका अपहरण एक सप्ताह पहले किया गया था और फिरौती के तौर पर उसके परिजनों से 50 लाख रुपये मांगे गए थे। मामले की शिकायत पहले ही दिन पुलिस से कर दी गई थी। पुलिस ने छात्र की जान का हवाला देते हुए परिजनों को चुप रहने की सलाह दी थी।
पुलिस के कहने पर परिजनों ने अपहरणकर्ताओं से बातचीत करते हुए 10 लाख रुपये का इंतजाम भी किया और फिरौती लेकर दो दिनों तक इधर से उधर भटकते रहे। लेकिन अचानक बुधवार रात छात्र का शव द्वारका सेक्टर 13 में एक नाले के पास पड़ा मिला। इकलौते बेटे की हत्या के बाद से पूरा परिवार सदमे में है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत से ही मामले में लापरवाही बरती।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छात्र का नाम आयुष नौटियाल (21) था। वह अपने परिजनों के साथ साध नगर, पालम में रहता था। साउथ कैंपस के राम लाल आनंद कॉलेज में पढ़ता था। 22 मार्च दिन में वह घर से कॉलेज जाने के लिए निकला था। शाम तक नहीं लौटा। उसके ही मोबाइल नंबर से उसके पिता दिनेश नौटियाल के नंबर पर वाट्सएप मैसेज आया। मैसेज में आयुष का फोटो था। आयुष के मुंह पर पट्टी बंधी हुई थी और उसके हाथ पैर बंधे थे। सिर पर चोट थी। मैसेज के साथ 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। मेसेज देखने के बाद दिनेश ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी थी।
'पुलिस ने दिखाई लापरवाही, करती रही गुमराह'
आयुष के कजन निखिल ने बताया कि इसके बाद से अपहरणकर्ताओं ने आयुष के वाट्सऐप नंबर से ही फिरौती के लिए मेसेज भेजे और उसी के फोन से कॉल भी की। समय-समय पर पुलिस को सारी बात बताई, लेकिन पुलिस ने शुरुआत में बेहद लापरवाह रवैया अपनाया और गुमराह करती रही। हमें कहा गया कि मीडिया में बिलकुल मत जाना, वरना आयुष की जान को खतरा हो सकता है।
10 लाख रुपये लेकर दो दिन तक घूमते रहे परिजन
निखिल के मुताबिक, 'आयुष के पिता अपहरणकर्ताओं से फिरौती की रकम कम करने के लिए मिन्नतें करते रहे, जिसके बाद बात 10 लाख रुपये पर तय हुई। हम लोग रकम लेकर दो दिनों तक घूमे। पुलिस की टीमें भी साथ में रही, लेकिन बुधवार रात हमें जानकारी मिली कि एक शव द्वारका सेक्टर 13 में नाले के पास पड़ा है। उसकी शिनाख्त की तो वह आयुष का ही था।
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