नई दिल्ली
हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को राहत देते हुए विधानसभा समिति से उनकी पेशी पर नहीं अड़े रहने को कहा है। जस्टिस राजीव शकधर ने विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति से अंशु प्रकाश को 11 अप्रैल तक पेश नहीं होने के निर्देश दिए। सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी गई है।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव ने समिति द्वारा जारी नोटिस को कोर्ट में चुनौती दी थी। इस नोटिस में मुख्य सचिव को गुरुवार को समिति के समक्ष पेश होने को कहा गया था। वकील ने अदालत को बताया कि नोटिस जारी किया गया है। हालांकि, सदन की विशेषाधिकार समिति द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देने वाली मुख्य सचिव की याचिका पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बावजूद नोटिस जारी किया गया।
समिति ने 5 मार्च को अदालत को बताया था कि मुख्य सचिव के खिलाफ किसी तरह का कोई भी प्रतिरोधी कदम नहीं उठाया जाएगा। प्रकाश ने विशेषाधिकार समिति के नोटिस को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें 20 फरवरी को हुई बैठक में नहीं आने के लिए समिति के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था। दरअसल इससे एक दिन पहले ही आप विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल द्वारा मुख्य सचिव के साथ कथित तौर पर मारपीट करने का मामला सामने आया था। दोनों विधायक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। अंशु प्रकाश ने 21 और 23 फरवरी को हुई बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था, जिसके बाद समिति ने उन्हें एक मार्च को नोटिस थमा दिया था।
हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को राहत देते हुए विधानसभा समिति से उनकी पेशी पर नहीं अड़े रहने को कहा है। जस्टिस राजीव शकधर ने विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति से अंशु प्रकाश को 11 अप्रैल तक पेश नहीं होने के निर्देश दिए। सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी गई है।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव ने समिति द्वारा जारी नोटिस को कोर्ट में चुनौती दी थी। इस नोटिस में मुख्य सचिव को गुरुवार को समिति के समक्ष पेश होने को कहा गया था। वकील ने अदालत को बताया कि नोटिस जारी किया गया है। हालांकि, सदन की विशेषाधिकार समिति द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देने वाली मुख्य सचिव की याचिका पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बावजूद नोटिस जारी किया गया।
समिति ने 5 मार्च को अदालत को बताया था कि मुख्य सचिव के खिलाफ किसी तरह का कोई भी प्रतिरोधी कदम नहीं उठाया जाएगा। प्रकाश ने विशेषाधिकार समिति के नोटिस को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें 20 फरवरी को हुई बैठक में नहीं आने के लिए समिति के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था। दरअसल इससे एक दिन पहले ही आप विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल द्वारा मुख्य सचिव के साथ कथित तौर पर मारपीट करने का मामला सामने आया था। दोनों विधायक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। अंशु प्रकाश ने 21 और 23 फरवरी को हुई बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था, जिसके बाद समिति ने उन्हें एक मार्च को नोटिस थमा दिया था।
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