नई दिल्ली
विधानसभा में विधायकों के पूछे गए सवालों का अधिकारियों की तरफ से जवाब नहीं मिलने से बुधवार को सदन में हंगामा हुआ। मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। यही नहीं, स्पीकर रामनिवास गोयल ने भी काली पट्टी बांधकर सदन चलाया। विधायकों का आरोप है कि उपराज्यपाल की शह पर ही अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं। गोयल के काली पट्टी बांधने पर विपक्षी बीजेपी ने सवाल उठाए हैं।
बजट सत्र के 10वें दिन आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार की तरफ से विधानसभा की शक्तियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। विधायकों ने पूछा कि क्या विधायक और सरकार भ्रष्टाचार पर सवाल तक नहीं कर सकते? क्या कार्यवाही हुई वह भी नहीं जान सकते? यही नहीं, सदस्यों ने सदन में उपराज्यपाल की सदबुद्धि के लिए 2 मिनट मौन का प्रस्ताव भी रखा। स्पीकर ने बताया कि 40 में से 17 सवालों का जवाब नहीं आया है। भारत की आजादी के बाद किसी गवर्नर ने ऐसा नहीं किया होगा।
स्पीकर गोयल ने सदन में कहा कि पिछले हफ्ते केंद्रीय कानून मंत्रालय ने उपराज्यपाल ऑफिस को निर्देश दिया है कि वह स्पीकर से कहें कि किसी रिजर्व सब्जेक्ट वाले सवाल को स्वीकार न करें। रिजर्व सब्जेक्ट के तहत पब्लिक ऑर्डर, पुलिस, सर्विसेज, लैंड जैसे डिपार्टमेंट आते हैं। गोयल ने कहा कि वह केंद्र इस रवैये के खिलाफ खुद भी काली पट्टी बांधकर विरोध करना चाहते हैं। मौजूदा सत्र तक अगर जवाब नहीं आया तो इसके खिलाफ राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा अध्यक्ष और देश के सभी विधानसभा के स्पीकरों को पत्र लिखेंगे।
बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्पीकर के काली पट्टी बांधने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विधायकों का विरोध करना समझ में आता है, लेकिन स्पीकर को पट्टी नहीं बांधनी चाहिए, क्योंकि वह संवैधानिक पद पर बैठे हैं।
विधानसभा में विधायकों के पूछे गए सवालों का अधिकारियों की तरफ से जवाब नहीं मिलने से बुधवार को सदन में हंगामा हुआ। मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। यही नहीं, स्पीकर रामनिवास गोयल ने भी काली पट्टी बांधकर सदन चलाया। विधायकों का आरोप है कि उपराज्यपाल की शह पर ही अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं। गोयल के काली पट्टी बांधने पर विपक्षी बीजेपी ने सवाल उठाए हैं।
बजट सत्र के 10वें दिन आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार की तरफ से विधानसभा की शक्तियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। विधायकों ने पूछा कि क्या विधायक और सरकार भ्रष्टाचार पर सवाल तक नहीं कर सकते? क्या कार्यवाही हुई वह भी नहीं जान सकते? यही नहीं, सदस्यों ने सदन में उपराज्यपाल की सदबुद्धि के लिए 2 मिनट मौन का प्रस्ताव भी रखा। स्पीकर ने बताया कि 40 में से 17 सवालों का जवाब नहीं आया है। भारत की आजादी के बाद किसी गवर्नर ने ऐसा नहीं किया होगा।
स्पीकर गोयल ने सदन में कहा कि पिछले हफ्ते केंद्रीय कानून मंत्रालय ने उपराज्यपाल ऑफिस को निर्देश दिया है कि वह स्पीकर से कहें कि किसी रिजर्व सब्जेक्ट वाले सवाल को स्वीकार न करें। रिजर्व सब्जेक्ट के तहत पब्लिक ऑर्डर, पुलिस, सर्विसेज, लैंड जैसे डिपार्टमेंट आते हैं। गोयल ने कहा कि वह केंद्र इस रवैये के खिलाफ खुद भी काली पट्टी बांधकर विरोध करना चाहते हैं। मौजूदा सत्र तक अगर जवाब नहीं आया तो इसके खिलाफ राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा अध्यक्ष और देश के सभी विधानसभा के स्पीकरों को पत्र लिखेंगे।
बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्पीकर के काली पट्टी बांधने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विधायकों का विरोध करना समझ में आता है, लेकिन स्पीकर को पट्टी नहीं बांधनी चाहिए, क्योंकि वह संवैधानिक पद पर बैठे हैं।
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