नई दिल्ली
हाल में सुरक्षा के नाम पर दिल्ली मेट्रो की ओर से कई मेट्रो स्टेशन के गेटों को एक समय के बाद बंद किए जाने का मुद्दा उठा था, वहीं दिल्ली के कई व्यस्त मेट्रो स्टेशन ऐसे हैं, जिनके गेटों पर दिल्ली मेट्रो की ओर से स्थायी तौर पर ताला जड़ दिया गया है। इसके पीछे की वजह मेट्रो की सही प्लैनिंग नहीं होना है, जबकि कई मेट्रो स्टेशनों के गेट एकतरफा पैसेंजर ट्रैफिक के लिए खुले रहते हैं। इस वजह से अन्य गेट पर पैसेंजरों की भारी भीड़ रहती है। यहां तक कि एंट्री के लिए गेटों पर लंबी लाइन तक लग जाती है। रिपोर्ट पढ़ें...
चांदनी चौक: यह दिल्ली मेट्रो के सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशन में सबसे ऊपर है। रेलवे स्टेशन, सदर बाजार, लाल किला, चांदनी चौक जैसी होल सेल मार्केट होने की वजह से यहां रोजाना 80 हजार पैसेंजर सफर करते हैं, जबकि फेस्टिव सीजन में पैसेंजरों की संख्या 1 लाख तक पहुंच जाती है। यहां भी मेट्रो की ओर से काफी साल पहले गेट नंबर-4 को परमानेंट तौर पर बंद कर दिया गया। गेट नंबर-4 के लिए फव्वारा चौक वाली रोड से एंट्री दी गई है। इस गेट के बंद हो जाने से यात्रियों की सारी भीड़ गेट-2 पर बढ़ गई है। यहां शाम के समय एंट्री पॉइंट से लेकर रेलवे स्टेशन तक लंबी लाइन लग जाती है।
चावड़ी बाजार: चांदनी चौक की तरह ही चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन अजमेरी गेट, हौज काजी और नई सड़क जैसी व्यस्त इलाकों में है। यही वजह है कि यहां से रोजाना 50 हजार से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं। इतना व्यस्त मेट्रो स्टेशन के होने के बाद भी दिल्ली मेट्रो यहां के गेट नंबर-3 को करीब दो साल पहले पहले बंद कर दिया। व्यापारियों का कहना है कि इस गेट के बंद हो जाने से काफी दिक्कत हो गई है। यहां की रोड पर पहले से ही जाम लगा होता है। शाम के समय पैसेंजरों की लंबी लाइन रोड तक आ जाती है। इससे पैसेंजरों और मार्केट वालों को दिक्कत होती है। इस गेट को खोलने के लिए मार्केट असोसिएशन की ओर से कई बार मांग भी की गई, लेकिन डीएमआरसी ने कोई कदम नहीं उठाया।
राजीव चौक: दिल्ली के दिल में बना राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर डीएमआरसी की इस नई व्यवस्था का शिकार हुआ। स्टेशन गोल एरिया में बना हुआ है, यही वजह है कि यहां ज्यादा गेट दिए गए हैं। इस स्टेशन पर करीब 8 गेट हैं। सबसे बड़े कमर्शल प्लेस और येलो व ब्लू लाइन का इंटरचेंज पॉइंट होने इस स्टेशन पर भी काफी भीड़ रहती है। मेट्रो के रेकॉर्ड के अनुसार, यहां से करीब 70 हजार पैसेंजर रोजाना सफर करते हैं। खास मौके पर पैसेंजरों की संख्या 90 हजार तक पहुंच जाती है। यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए सेंट्रल पार्क के भीतर भी गेट बनाए गए थे, लेकिन डीएमआरसी ने कुछ समय बाद ही इन गेटों को बंद कर दिया। जब इन गेटों के आगे गमले रख दिए गए हैं और यहां गंदगी का आलम रहता है।
मंडी हाउस: इस स्टेशन के पास कई स्टेट के भवन, मंत्रालय, नाट्य थिएटर, लेडी हार्डिंग कॉलेज और औद्योगिक सगंठन का कार्यालय है। साथ ही ब्लू व हेरिटेज लाइन का इंटरचेंज स्टेशन है। यहां से रोजाना 40 हजार पैसेंजर सफर करते हैं। पहले यहां सिर्फ 2 ही गेट थे, लेकिन जब हेरिटेज लाइन को यहां कनेक्ट किया गया, तो नए स्टेशन बिल्डिंग के साथ दो और नए गेट भी बनाए गए। हैरानी की बात यह है कि यहां दो गेट बनाए तो गए, लेकिन उनमें से एक गेट शुरुआत से ही खोला नहीं गया। डीएमआरसी ने इस गेट पर शटर लगाकर गेट पर ताला जड़ दिया है। इस गेट के बाहर बस विजिटर ही घूमते रहते हैं।
समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन: यह येलो लाइन का आखिरी स्टेशन है, जो कि बादली रेलवे स्टेशन से सटा हुआ है। यहां से रोजाना 12 हजार से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं। ट्रेन से आने व जाने वाले पैसेंजरों की आवाजाही के चलते मेट्रो स्टेशन पर सुबह वह शाम के समय यहां पैसेंजरों की भारी भीड़ रहती है। यहां शुरुआत से एंट्री के लिए 2 गेट थे, लेकिन डीएमआरसी ने गेट नंबर-2 को यह कहते हुए बंद कर दिया कि इस गेट पर पैसेंजरों की संख्या कम होती है। यानी पैसेंजरों की एंट्री व एग्जिट के लिए एक ही गेट रह गया है। पैसेंजरों का कहना है कि एक ही गेट होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। डीएमआरसी ने यहां नया गेट बनाने का वादा किया था, लेकिन वह भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
यहां से सिर्फ एग्जिट: नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन से रोजाना 1 लाख से ज्यादा पैसेंजर सफर करते हैं। एयरपोर्ट मेट्रो के बनने के बाद यहां दिल्ली की ओर से गेट नंबर- 2 बंद कर दिया गया। इसको लेकर पैसेंजरों ने इतनी शिकायत दर्ज कराई कि आखिरी में डीएमआरसी को यह गेट खोलना ही पड़ा, लेकिन अधूरी व्यवस्था के साथ यह गेट खोला गया। इस गेट का इस्तेमाल सिर्फ मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलने के लिए ही किया जा सकता है। यहां से पैसेंजरों को एंट्री नहीं दी जाती।
कौन देगा खर्च का हिसाब
डीएमआरसी की ओर से घाटे का रोना रोते हुए मेट्रो के किराये तक बढ़ावा दिए गए। इसे डीएमआरसी की खराब प्लैनिंग ही कहेंगे कि इन गेटों के निर्माण पर काफी रुपये खर्च किया गया होगा और अब ये गेट पैसेंजरों के इस्तेमाल में नहीं हैं। वहीं डीएमआरसी ने इन गेटों को बंद करते हुए साफ नहीं किया है कि किस वजह से इन गेटों को बंद किया जा रहा है। समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-2 को बंद करते हुए डीएमआरसी ने वजह बताई थी कि उस गेट पर पैसेंजरों की संख्या कम है जबकि चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, मंडी हाउस, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर हमेशा ही भीड़ रहती है। इनके गेटों को बंद करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
हाल में सुरक्षा के नाम पर दिल्ली मेट्रो की ओर से कई मेट्रो स्टेशन के गेटों को एक समय के बाद बंद किए जाने का मुद्दा उठा था, वहीं दिल्ली के कई व्यस्त मेट्रो स्टेशन ऐसे हैं, जिनके गेटों पर दिल्ली मेट्रो की ओर से स्थायी तौर पर ताला जड़ दिया गया है। इसके पीछे की वजह मेट्रो की सही प्लैनिंग नहीं होना है, जबकि कई मेट्रो स्टेशनों के गेट एकतरफा पैसेंजर ट्रैफिक के लिए खुले रहते हैं। इस वजह से अन्य गेट पर पैसेंजरों की भारी भीड़ रहती है। यहां तक कि एंट्री के लिए गेटों पर लंबी लाइन तक लग जाती है। रिपोर्ट पढ़ें...
चांदनी चौक: यह दिल्ली मेट्रो के सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशन में सबसे ऊपर है। रेलवे स्टेशन, सदर बाजार, लाल किला, चांदनी चौक जैसी होल सेल मार्केट होने की वजह से यहां रोजाना 80 हजार पैसेंजर सफर करते हैं, जबकि फेस्टिव सीजन में पैसेंजरों की संख्या 1 लाख तक पहुंच जाती है। यहां भी मेट्रो की ओर से काफी साल पहले गेट नंबर-4 को परमानेंट तौर पर बंद कर दिया गया। गेट नंबर-4 के लिए फव्वारा चौक वाली रोड से एंट्री दी गई है। इस गेट के बंद हो जाने से यात्रियों की सारी भीड़ गेट-2 पर बढ़ गई है। यहां शाम के समय एंट्री पॉइंट से लेकर रेलवे स्टेशन तक लंबी लाइन लग जाती है।
चावड़ी बाजार: चांदनी चौक की तरह ही चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन अजमेरी गेट, हौज काजी और नई सड़क जैसी व्यस्त इलाकों में है। यही वजह है कि यहां से रोजाना 50 हजार से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं। इतना व्यस्त मेट्रो स्टेशन के होने के बाद भी दिल्ली मेट्रो यहां के गेट नंबर-3 को करीब दो साल पहले पहले बंद कर दिया। व्यापारियों का कहना है कि इस गेट के बंद हो जाने से काफी दिक्कत हो गई है। यहां की रोड पर पहले से ही जाम लगा होता है। शाम के समय पैसेंजरों की लंबी लाइन रोड तक आ जाती है। इससे पैसेंजरों और मार्केट वालों को दिक्कत होती है। इस गेट को खोलने के लिए मार्केट असोसिएशन की ओर से कई बार मांग भी की गई, लेकिन डीएमआरसी ने कोई कदम नहीं उठाया।
राजीव चौक: दिल्ली के दिल में बना राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर डीएमआरसी की इस नई व्यवस्था का शिकार हुआ। स्टेशन गोल एरिया में बना हुआ है, यही वजह है कि यहां ज्यादा गेट दिए गए हैं। इस स्टेशन पर करीब 8 गेट हैं। सबसे बड़े कमर्शल प्लेस और येलो व ब्लू लाइन का इंटरचेंज पॉइंट होने इस स्टेशन पर भी काफी भीड़ रहती है। मेट्रो के रेकॉर्ड के अनुसार, यहां से करीब 70 हजार पैसेंजर रोजाना सफर करते हैं। खास मौके पर पैसेंजरों की संख्या 90 हजार तक पहुंच जाती है। यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए सेंट्रल पार्क के भीतर भी गेट बनाए गए थे, लेकिन डीएमआरसी ने कुछ समय बाद ही इन गेटों को बंद कर दिया। जब इन गेटों के आगे गमले रख दिए गए हैं और यहां गंदगी का आलम रहता है।
मंडी हाउस: इस स्टेशन के पास कई स्टेट के भवन, मंत्रालय, नाट्य थिएटर, लेडी हार्डिंग कॉलेज और औद्योगिक सगंठन का कार्यालय है। साथ ही ब्लू व हेरिटेज लाइन का इंटरचेंज स्टेशन है। यहां से रोजाना 40 हजार पैसेंजर सफर करते हैं। पहले यहां सिर्फ 2 ही गेट थे, लेकिन जब हेरिटेज लाइन को यहां कनेक्ट किया गया, तो नए स्टेशन बिल्डिंग के साथ दो और नए गेट भी बनाए गए। हैरानी की बात यह है कि यहां दो गेट बनाए तो गए, लेकिन उनमें से एक गेट शुरुआत से ही खोला नहीं गया। डीएमआरसी ने इस गेट पर शटर लगाकर गेट पर ताला जड़ दिया है। इस गेट के बाहर बस विजिटर ही घूमते रहते हैं।
समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन: यह येलो लाइन का आखिरी स्टेशन है, जो कि बादली रेलवे स्टेशन से सटा हुआ है। यहां से रोजाना 12 हजार से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं। ट्रेन से आने व जाने वाले पैसेंजरों की आवाजाही के चलते मेट्रो स्टेशन पर सुबह वह शाम के समय यहां पैसेंजरों की भारी भीड़ रहती है। यहां शुरुआत से एंट्री के लिए 2 गेट थे, लेकिन डीएमआरसी ने गेट नंबर-2 को यह कहते हुए बंद कर दिया कि इस गेट पर पैसेंजरों की संख्या कम होती है। यानी पैसेंजरों की एंट्री व एग्जिट के लिए एक ही गेट रह गया है। पैसेंजरों का कहना है कि एक ही गेट होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। डीएमआरसी ने यहां नया गेट बनाने का वादा किया था, लेकिन वह भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
यहां से सिर्फ एग्जिट: नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन से रोजाना 1 लाख से ज्यादा पैसेंजर सफर करते हैं। एयरपोर्ट मेट्रो के बनने के बाद यहां दिल्ली की ओर से गेट नंबर- 2 बंद कर दिया गया। इसको लेकर पैसेंजरों ने इतनी शिकायत दर्ज कराई कि आखिरी में डीएमआरसी को यह गेट खोलना ही पड़ा, लेकिन अधूरी व्यवस्था के साथ यह गेट खोला गया। इस गेट का इस्तेमाल सिर्फ मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलने के लिए ही किया जा सकता है। यहां से पैसेंजरों को एंट्री नहीं दी जाती।
कौन देगा खर्च का हिसाब
डीएमआरसी की ओर से घाटे का रोना रोते हुए मेट्रो के किराये तक बढ़ावा दिए गए। इसे डीएमआरसी की खराब प्लैनिंग ही कहेंगे कि इन गेटों के निर्माण पर काफी रुपये खर्च किया गया होगा और अब ये गेट पैसेंजरों के इस्तेमाल में नहीं हैं। वहीं डीएमआरसी ने इन गेटों को बंद करते हुए साफ नहीं किया है कि किस वजह से इन गेटों को बंद किया जा रहा है। समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-2 को बंद करते हुए डीएमआरसी ने वजह बताई थी कि उस गेट पर पैसेंजरों की संख्या कम है जबकि चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, मंडी हाउस, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर हमेशा ही भीड़ रहती है। इनके गेटों को बंद करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
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