नई दिल्ली
कहते हैं पत्रकारिता का मतलब आम लोगों तक सिर्फ खबरें पहुंचाना नहीं होता बल्कि पत्रकारिता के साथ कुछ जिम्मेदारियां भी जुड़ी होती हैं। पुलिस का सहयोग करते हुए दिल्ली पुलिस के आग्रह पर नवभारत टाइम्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और 5 साल के रेहान (बदला हुआ नाम) के अपहरण की खबर से जुड़ी कोई खुफिया डिटेल नहीं प्रकाशित की, जिसकी वजह से अपराधी नवभारत टाइम्स अखबार ही पढ़ते रहे और पुलिस ने उन पर शिकंजा कस लिया। इस पूरे मामले में पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने एनबीटी की तारीफ की है।
बता दें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) से ठीक एक दिन पहले जब पूरी दिल्ली सुरक्षा के लिहाज से हाई अलर्ट पर थी, उसी दिन सुबह पौने 8 बजे के करीब दो बाइक सवारों ने एक स्कूल बस के ड्राइवर को गोली मारकर 5 साल के रेहान (बदला हुआ नाम) को किडनैप कर लिया था। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जीटीबी एनक्लेव इलाके में हुई वारदात ने पूरी दिल्ली पुलिस को सकते में डाल दिया था। 12 दिन बाद पुलिस ने बेहद प्रफेशनल तरीके से एक बेहद जोखिम भरे ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है। इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस कमिश्नर ने
फिरौती वसूलना चाहते थे बदमाश
इस पूरी वारदात को अंजाम देने का मकसद बच्चे के पिता से 60 लाख रुपये की फिरौती वसूलना था, क्योंकि आरोपियों को पता चल गया था कि प्रॉपर्टी की एक डील के तहत बच्चे के पिता को इतनी बड़ी रकम मिली है। बदमाश जिस फ्लैट में छिपे थे, वहां एनबीटी की कॉपियां भी मिलीं हैं। इससे संकेत मिलता है कि बदमाश बाहर की हलचलों को जानने के लिए रोजाना अखबार भी पढ़ रहे थे।
पढ़ें: तीसरे बदमाश ने पहुंचाया स्कूल बस से अगवा बच्चे के अपहरणकर्ताओं तक
ऑनलाइन ट्रांसफर कराने का बनाया प्लान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बच्चे को किडनैप करने के 48 घंटे बाद आरोपियों ने पहली कॉल करके बताया था कि बच्चा उनके पास है और उसके भी 24 घंटे बाद दूसरी बार कॉल करके 60 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी। बच्चे के पिता आरोपियों को नहीं जानते थे और तीनों आरोपी भी यही चाहते थे कि किसी भी सूरत में उन्हें बच्चे के पिता के सामने न जाना पड़े। इसके लिए आरोपियों ने एक खास प्लान बनाया। उन्होंने 60 लाख रुपये कैश लेने के बजाय उतनी ही रकम का सोना लेने की प्लानिंग की। नितिन ने शाहदरा इलाके में अपने जानकार एक सुनार से संपर्क किया और उनसे कहा कि वह उनके अकाउंट में 60 लाख रुपये ट्रांसफर करवाएगा और इसके बदले में वह उसे उतनी ही रकम का सोना दे दे, लेकिन सुनार ने इस चक्कर में पड़ने से इनकार कर दिया और इन लोगों का वह प्लान फेल हो गया। उसके बाद इन आरोपियों ने पैसे ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराने की प्लानिंग की। इसके लिए नितिन ने अपने मोबाइल में एचडीएफसी बैंक का ऐप भी डाउनलोड किया, लेकिन वेरिफिकेशन की प्रोसेस के चलते वह इस तरीके से भी पैसे हासिल नहीं कर पाया। आखिरकार खीझकर इन लोगों ने बच्चे के पिता से कैश पैसे लेने का ही फैसला किया।
बच्चे के परिजनों को दी धमकी
आरोपियों ने बच्चे के पिता से कहा कि वह 60 लाख रुपये अपने अकाउंट में जमा करवाएं। इसकी पुष्टि करने के लिए उन्होंने रकम के ट्रांजेक्शन के वक्त ओटीपी अपने फोन नंबर पर मंगवाया और फिर जब अकाउंट में पैसे जमा हो गए, तो उसका मेसेज भी देखा। रकम ट्रांसफर होने की पुष्टि होने के बाद आरोपियों ने फिर से अपना प्लान बदला। उन्होंने बच्चे के घरवालों से कहा कि हम पहले 30 लाख रुपये कैश लेंगे और 48 घंटे तक आपके रवैये की निगरानी की करेंगे। इस दौरान यदि आपका रवैया ठीक रहा और आपने पुलिस को या किसी अन्य को कुछ नहीं बताया, तब हम बाकी के 30 लाख रुपये लेकर बच्चा आपके हवाले करेंगे।
हेड कॉन्स्टेबल की टिप से क्रैक हुआ केस
किडनैपिंग का यह केस एक हेड कॉन्स्टेबल के टिप से क्रैक हुआ। गोकलपुरी थाने में लंबे समय तक बीट में तैनात रहने वाले इस हेड कॉन्स्टेबल को अपने सोर्स से पता चला कि इलाके के रहने वाले कुछ लड़कों ने कोई बड़ा काम किया है। इसी हेड कॉन्स्टेबल से पुलिस को नितिन कुमार शर्मा का पर्सनल मोबाइल नंबर मिल गया। नितिन पर निगरानी रखनी शुरू की गई। पुलिस का उस पर शक पक्का हो गया, लेकिन उसने बच्चे को कहां छिपाकर रखा था इसकी पुख्ता जानकारी न मिलने की वजह से पुलिस उसके ऊपर हाथ नहीं डाल रही थी। 5 साल के स्कूली बच्चे का अपहरण हुआ।
सामने आ गया पूरा मामला
स्कूल वैन से किडनैप किए पांच साल के मासूम बच्चे की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम को किडनैपिंग केस में शामिल एक आरोपी के बारे में पता चला कि वह ईस्ट दिल्ली में ही किसी शादी समारोह में शामिल होने वाला है। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम में शामिल सभी लोग सूट-बूट पहनकर बराती बनकर शादी समारोह में पहुंच गए। पूरे समारोह के दौरान पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी पर नजर रखी। शादी समारोह से निकलने के बाद गर्लफ्रेंड को छोड़कर जब वह वापस लौट रहा था तो पुलिस ने उसे रास्ते में दबोच लिया। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है और इस समय वह शालीमार सिटी के फ्लैट नंबर-505 में उसके दो साथियों की निगरानी में है।
पुलिस पर शुरू की फायरिंग
पुलिस नितिन को साथ लेकर फ्लैट पर पहुंची और उसे दरवाजे पर दस्तक देने के लिए कहा। जैसे ही अंदर मौजूद रवि और पंकज ने दरवाजा खोला, सामने पुलिस टीम को देखते ही वे घबरा गए और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। क्रॉस फायरिंग में रवि के गले में और पंकज के पैर में गोली लगी। इस दौरान गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में स्थित एक फ्लैट में पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर के दौरान एक आरोपी रवि मारा गया, जबकि दूसरा आरोपी पंकज जख्मी हो गया और तीसरे आरोपी और मास्टरमाइंड नितिन को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कमिश्नर ने की तारीफ
पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, 'इस बेहद संवेदनशील घटना को लेकर एनबीटी ने जिस अंदाज में दिल्ली पुलिस के साथ को-ऑपरेट किया, वह बहुत सराहनीय था। यह दिल्ली पुलिस और मीडिया की आपसी पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण है। बच्चे की सेफ्टी हमारी प्राथमिकता थी और हमें खुशी है कि हम उसे सकुशल बरामद कर पाए।'
कहते हैं पत्रकारिता का मतलब आम लोगों तक सिर्फ खबरें पहुंचाना नहीं होता बल्कि पत्रकारिता के साथ कुछ जिम्मेदारियां भी जुड़ी होती हैं। पुलिस का सहयोग करते हुए दिल्ली पुलिस के आग्रह पर नवभारत टाइम्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और 5 साल के रेहान (बदला हुआ नाम) के अपहरण की खबर से जुड़ी कोई खुफिया डिटेल नहीं प्रकाशित की, जिसकी वजह से अपराधी नवभारत टाइम्स अखबार ही पढ़ते रहे और पुलिस ने उन पर शिकंजा कस लिया। इस पूरे मामले में पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने एनबीटी की तारीफ की है।
बता दें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) से ठीक एक दिन पहले जब पूरी दिल्ली सुरक्षा के लिहाज से हाई अलर्ट पर थी, उसी दिन सुबह पौने 8 बजे के करीब दो बाइक सवारों ने एक स्कूल बस के ड्राइवर को गोली मारकर 5 साल के रेहान (बदला हुआ नाम) को किडनैप कर लिया था। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जीटीबी एनक्लेव इलाके में हुई वारदात ने पूरी दिल्ली पुलिस को सकते में डाल दिया था। 12 दिन बाद पुलिस ने बेहद प्रफेशनल तरीके से एक बेहद जोखिम भरे ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है। इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस कमिश्नर ने
फिरौती वसूलना चाहते थे बदमाश
इस पूरी वारदात को अंजाम देने का मकसद बच्चे के पिता से 60 लाख रुपये की फिरौती वसूलना था, क्योंकि आरोपियों को पता चल गया था कि प्रॉपर्टी की एक डील के तहत बच्चे के पिता को इतनी बड़ी रकम मिली है। बदमाश जिस फ्लैट में छिपे थे, वहां एनबीटी की कॉपियां भी मिलीं हैं। इससे संकेत मिलता है कि बदमाश बाहर की हलचलों को जानने के लिए रोजाना अखबार भी पढ़ रहे थे।
पढ़ें: तीसरे बदमाश ने पहुंचाया स्कूल बस से अगवा बच्चे के अपहरणकर्ताओं तक
ऑनलाइन ट्रांसफर कराने का बनाया प्लान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बच्चे को किडनैप करने के 48 घंटे बाद आरोपियों ने पहली कॉल करके बताया था कि बच्चा उनके पास है और उसके भी 24 घंटे बाद दूसरी बार कॉल करके 60 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी। बच्चे के पिता आरोपियों को नहीं जानते थे और तीनों आरोपी भी यही चाहते थे कि किसी भी सूरत में उन्हें बच्चे के पिता के सामने न जाना पड़े। इसके लिए आरोपियों ने एक खास प्लान बनाया। उन्होंने 60 लाख रुपये कैश लेने के बजाय उतनी ही रकम का सोना लेने की प्लानिंग की। नितिन ने शाहदरा इलाके में अपने जानकार एक सुनार से संपर्क किया और उनसे कहा कि वह उनके अकाउंट में 60 लाख रुपये ट्रांसफर करवाएगा और इसके बदले में वह उसे उतनी ही रकम का सोना दे दे, लेकिन सुनार ने इस चक्कर में पड़ने से इनकार कर दिया और इन लोगों का वह प्लान फेल हो गया। उसके बाद इन आरोपियों ने पैसे ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराने की प्लानिंग की। इसके लिए नितिन ने अपने मोबाइल में एचडीएफसी बैंक का ऐप भी डाउनलोड किया, लेकिन वेरिफिकेशन की प्रोसेस के चलते वह इस तरीके से भी पैसे हासिल नहीं कर पाया। आखिरकार खीझकर इन लोगों ने बच्चे के पिता से कैश पैसे लेने का ही फैसला किया।
बच्चे के परिजनों को दी धमकी
आरोपियों ने बच्चे के पिता से कहा कि वह 60 लाख रुपये अपने अकाउंट में जमा करवाएं। इसकी पुष्टि करने के लिए उन्होंने रकम के ट्रांजेक्शन के वक्त ओटीपी अपने फोन नंबर पर मंगवाया और फिर जब अकाउंट में पैसे जमा हो गए, तो उसका मेसेज भी देखा। रकम ट्रांसफर होने की पुष्टि होने के बाद आरोपियों ने फिर से अपना प्लान बदला। उन्होंने बच्चे के घरवालों से कहा कि हम पहले 30 लाख रुपये कैश लेंगे और 48 घंटे तक आपके रवैये की निगरानी की करेंगे। इस दौरान यदि आपका रवैया ठीक रहा और आपने पुलिस को या किसी अन्य को कुछ नहीं बताया, तब हम बाकी के 30 लाख रुपये लेकर बच्चा आपके हवाले करेंगे।
हेड कॉन्स्टेबल की टिप से क्रैक हुआ केस
किडनैपिंग का यह केस एक हेड कॉन्स्टेबल के टिप से क्रैक हुआ। गोकलपुरी थाने में लंबे समय तक बीट में तैनात रहने वाले इस हेड कॉन्स्टेबल को अपने सोर्स से पता चला कि इलाके के रहने वाले कुछ लड़कों ने कोई बड़ा काम किया है। इसी हेड कॉन्स्टेबल से पुलिस को नितिन कुमार शर्मा का पर्सनल मोबाइल नंबर मिल गया। नितिन पर निगरानी रखनी शुरू की गई। पुलिस का उस पर शक पक्का हो गया, लेकिन उसने बच्चे को कहां छिपाकर रखा था इसकी पुख्ता जानकारी न मिलने की वजह से पुलिस उसके ऊपर हाथ नहीं डाल रही थी। 5 साल के स्कूली बच्चे का अपहरण हुआ।
सामने आ गया पूरा मामला
स्कूल वैन से किडनैप किए पांच साल के मासूम बच्चे की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम को किडनैपिंग केस में शामिल एक आरोपी के बारे में पता चला कि वह ईस्ट दिल्ली में ही किसी शादी समारोह में शामिल होने वाला है। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम में शामिल सभी लोग सूट-बूट पहनकर बराती बनकर शादी समारोह में पहुंच गए। पूरे समारोह के दौरान पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी पर नजर रखी। शादी समारोह से निकलने के बाद गर्लफ्रेंड को छोड़कर जब वह वापस लौट रहा था तो पुलिस ने उसे रास्ते में दबोच लिया। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है और इस समय वह शालीमार सिटी के फ्लैट नंबर-505 में उसके दो साथियों की निगरानी में है।
पुलिस पर शुरू की फायरिंग
पुलिस नितिन को साथ लेकर फ्लैट पर पहुंची और उसे दरवाजे पर दस्तक देने के लिए कहा। जैसे ही अंदर मौजूद रवि और पंकज ने दरवाजा खोला, सामने पुलिस टीम को देखते ही वे घबरा गए और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। क्रॉस फायरिंग में रवि के गले में और पंकज के पैर में गोली लगी। इस दौरान गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में स्थित एक फ्लैट में पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर के दौरान एक आरोपी रवि मारा गया, जबकि दूसरा आरोपी पंकज जख्मी हो गया और तीसरे आरोपी और मास्टरमाइंड नितिन को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कमिश्नर ने की तारीफ
पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, 'इस बेहद संवेदनशील घटना को लेकर एनबीटी ने जिस अंदाज में दिल्ली पुलिस के साथ को-ऑपरेट किया, वह बहुत सराहनीय था। यह दिल्ली पुलिस और मीडिया की आपसी पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण है। बच्चे की सेफ्टी हमारी प्राथमिकता थी और हमें खुशी है कि हम उसे सकुशल बरामद कर पाए।'
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: NBT पढ़ते रहे किडनैपर्स, जाल में फंसे