नई दिल्ली
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के बीच की दूरियां कम हो गई हैं। एक दूसरे के विरोधी रहे कांग्रेस के दोनों नेता साथ आ गए हैं। दिल्ली में 15 साल तक शासन करने के बावजूद पार्टी अपनी खोई जमीन की तलाश में है। दिल्ली सरकार के तीन साल पूरे होने पर उनके विकास के दावों की पोल खोलने के लिए इन दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि 8 फरवरी से वेलंटाइन डे (14 फरवरी) तक रोजाना दिल्ली सरकार के एक-एक डिपार्टमेंट के कामों की पोल खोलेंगे। पार्टी ने इसकी पूरी तैयारी की है। सारे फैक्ट्स और डॉक्यूमेंट्स तैयार कर लिए गए हैं।
मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने शीला दीक्षित के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की। माकन ने शीला से अनुरोध किया कि वो फिर से साथ मिलकर काम करें, उनके कामों की चर्चा आज भी जनता कर रही है। माकन ने बताया कि शीला दीक्षित ने उनका अनुरोध मान लिया है। वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कामों में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए यह सब किया है, क्योंकि उनके पास दिल्ली का अनुभव है और जिस प्रकार उन्होंने दिल्ली का विकास किया है, वह किसी से छिपा नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शीला दीक्षित ही नहीं, बाकी कांग्रेस के पुराने नेताओं को भी फिर से ऐक्टिव करने की कोशिश की जा रही है। माकन ने कहा कि हमारे पास अच्छे और अनुभवी नेताओं की कमी नहीं है, हम बाकी सभी सीनियर नेताओं के पास भी जाएंगे और सभी को साथ लाएंगे।
माकन का दावा है कि बहुत जल्द बाकी दूरियां भी खत्म हो जाएंगी। हमारे पूर्व सांसदों में से अधिकतर पार्टी के साथ ऐक्टिव हैं। पूर्व में मंत्री रह चुके ज्यादातर नेता भी पार्टी के साथ ही हैं। जहां तक पूर्व एमएलए की बात है तो अगर चुनाव हुआ तो पार्टी उन्हें जरूर तवज्जो देगी। उन्होंने कहा, 'जहां तक शीला दीक्षित की बात है तो मेरे राजनीतिक कैरियर में उनका बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने पहले मुझे अपना पार्लियामेंट्री सेक्रटरी बनाया, फिर ट्रांसपोर्ट, पावर और टूरिज्म मिनिस्टर बनाया। हमने साथ मिलकर दिल्ली को सीएनजी ट्रांसपोर्ट सिस्टम दिया। आज पार्टी और दिल्ली को उनकी जरूरत है, क्योंकि दिल्ली का विकास ठप है। दिल्ली सरकार का दावा खोखला है, जमीन पर कुछ काम नहीं हुआ है। सरकार के कामों का सच ही जनता को बताएंगे।'
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के बीच की दूरियां कम हो गई हैं। एक दूसरे के विरोधी रहे कांग्रेस के दोनों नेता साथ आ गए हैं। दिल्ली में 15 साल तक शासन करने के बावजूद पार्टी अपनी खोई जमीन की तलाश में है। दिल्ली सरकार के तीन साल पूरे होने पर उनके विकास के दावों की पोल खोलने के लिए इन दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि 8 फरवरी से वेलंटाइन डे (14 फरवरी) तक रोजाना दिल्ली सरकार के एक-एक डिपार्टमेंट के कामों की पोल खोलेंगे। पार्टी ने इसकी पूरी तैयारी की है। सारे फैक्ट्स और डॉक्यूमेंट्स तैयार कर लिए गए हैं।
मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने शीला दीक्षित के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की। माकन ने शीला से अनुरोध किया कि वो फिर से साथ मिलकर काम करें, उनके कामों की चर्चा आज भी जनता कर रही है। माकन ने बताया कि शीला दीक्षित ने उनका अनुरोध मान लिया है। वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कामों में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए यह सब किया है, क्योंकि उनके पास दिल्ली का अनुभव है और जिस प्रकार उन्होंने दिल्ली का विकास किया है, वह किसी से छिपा नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शीला दीक्षित ही नहीं, बाकी कांग्रेस के पुराने नेताओं को भी फिर से ऐक्टिव करने की कोशिश की जा रही है। माकन ने कहा कि हमारे पास अच्छे और अनुभवी नेताओं की कमी नहीं है, हम बाकी सभी सीनियर नेताओं के पास भी जाएंगे और सभी को साथ लाएंगे।
माकन का दावा है कि बहुत जल्द बाकी दूरियां भी खत्म हो जाएंगी। हमारे पूर्व सांसदों में से अधिकतर पार्टी के साथ ऐक्टिव हैं। पूर्व में मंत्री रह चुके ज्यादातर नेता भी पार्टी के साथ ही हैं। जहां तक पूर्व एमएलए की बात है तो अगर चुनाव हुआ तो पार्टी उन्हें जरूर तवज्जो देगी। उन्होंने कहा, 'जहां तक शीला दीक्षित की बात है तो मेरे राजनीतिक कैरियर में उनका बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने पहले मुझे अपना पार्लियामेंट्री सेक्रटरी बनाया, फिर ट्रांसपोर्ट, पावर और टूरिज्म मिनिस्टर बनाया। हमने साथ मिलकर दिल्ली को सीएनजी ट्रांसपोर्ट सिस्टम दिया। आज पार्टी और दिल्ली को उनकी जरूरत है, क्योंकि दिल्ली का विकास ठप है। दिल्ली सरकार का दावा खोखला है, जमीन पर कुछ काम नहीं हुआ है। सरकार के कामों का सच ही जनता को बताएंगे।'
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