Saturday, February 17, 2018

JNU: जरूरी अटेंडेंस को लेकर किश्वर का बयान

नई दिल्ली
जेएनयू में जरूरी अटेंडेंस पर हंगामे के करीब दो महीने बाद मधु किश्वर ने कहा है कि यह खबर हैरान करने वाली थी कि ऐकडेमिक काउंसिल की मीटिंग में बिना पास किए जेएनयू वीसी ने जरूरी अटेंडेंस को लागू कर दिया। एक्टिविस्ट और स्कॉलर मधु किश्वर जेएनयू में एसी मेंबर हैं।

दिसंबर की ऐकडेमिक काउंसिल (एसी) की मीटिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने शनिवार को कई ट्वीट किए। कहा कि इस मीटिंग में स्टूडेंट्स के लिए मिनिमम अटेंडेंस का अजेंडा था ही नहीं। उन्होंने यह भी कहा है कि यह हैरानी की बात है कि पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए भी इसे लागू कर दिया गया, जबकि वहां स्टूडेंट की रेग्युलर क्लासेज नहीं होती है। किश्वर ने कहा कि इस मसले को वो 23 फरवरी की एसी मीटिंग में उठाने वाली थीं, मगर वीसी ने यह मीटिंग आगे के लिए टाल दी है। किश्वर ने यह भी कहा कि मैं टीचर्स या स्टूडेंट्स की अनुपस्थिति के साथ नहीं हूं। जो यूनिवर्सिटी आते हैं, खासतौर पर स्कॉलपशिप पर, उन्हें क्लास अटेंड करनी चाहिए। अगर आईआईटी, आईआईएम की तरह जेएनयू में अटेंडेंस सिस्टम लागू करना है, तो वो सिस्टम और सही प्लान के तहत आना चाहिए।

किश्वर ने कहा कि दिसंबर में हुई एसी मीटिंग में कुछ टीचर्स ने एससी/एसटी कैटिगरी के स्टूडेंट्स की खराब परफॉर्मेंस पर बात की थी, जिस पर कुछ टीचर्स ने कहा कि खराब परफॉर्मेंस क्लासेज ना अटेंड करने वाले स्टूडेंट्स की है। इस पर किसी ने जरूरी अटेंडेंस का सुझाव दिया। मैंने इस पर वीसी से पूछा कि क्या टीचर्स के वर्कलोड का डेटा जेएनयू के पास है और क्या टीचर्स की अनुपस्थिति भी खराब अटेंडेंस की वजह है। इस पर कुछ मेंबर्स ने जरूरी अटेंडेंस की बात की, जिसका कुछ टीचर्स ने विरोध भी किया। मैंने दिक्कत के बारे में पता लगाने पर जोर दिया। किश्वर का कहना है कि मीटिंग बिना किसी फैसले के खत्म हुई।

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